आदिवासियों के हितों, सुरक्षा और अस्मिता की रक्षा करने में कांग्रेस भी भाजपा की तरह विफल- कोमल हुपेण्डी, आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष

आदिवासियों के हितों, सुरक्षा और अस्मिता की रक्षा करने में कांग्रेस भी भाजपा की तरह विफल- कोमल हुपेण्डी, आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष

जगदलपुर। 2018 के छत्तीसगढ़ के चुनाव में सभी आदिवासी बहुल इलाकों में आदिवासी भाई और बहनों ने कांग्रेस का साथ दिया था ताकि कांग्रेस आदिवासी भाई बहनों के हितों,  सुरक्षा और अस्मिता की रक्षा करेगी लेकिन कांग्रेस भाजपा की तरह आदिवासियों को अपना वोट बैंक समझती है पर आदिवासियों के समस्याओं का समाधान नहीं करना चाहती है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने कहा  कि 17 मई को सिलेगर में ग्रामीणों दुवारा पुलिस कैम्प का विरोध करने पर उनपर हमला किया गया जिसमें पुलिस की फायरिंग और भगदड़ में गर्भवती महिला सहित चार आदिवासियों की मौत हो गई लेकिन अब तक इस घटना के 21 दिन हो चुके हैं, पर कांग्रेस सरकार इस घटना पर लीपापोती के अलावा कुछ भी नहीं कर रही है, कांग्रेस ने एक जांच दल बनाया , पर उस जांच दल में अपने विधायकों और सांसदों को रखा जबकि विपक्ष के किसी भी नेता को इसमें शामिल नहीं किया गया।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने  कहा  आम आदमी पार्टी इस मसले पर एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वहां के लोगों से मिलने के लिए निकली , तो पुलिस ने बीच रास्ते में हमें रोक लिया जबकि अन्य पार्टी के व्यक्तियों और समाजिक संगठन के व्यक्तियों को घटनास्थल तक जाने दिया गया,  यह दिखाता है कि कांग्रेस को सच  आने से डर लगता है।

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी ने  कहा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी अन्य राज्यों में जब आदिवासी भाई बहनों पर कुछ जुल्म होता है तो उन पर खुलकर बोलते हैं लेकिन छत्तीसगढ़ जो कि आदिवासी बहुल प्रदेश है  ।यहां पर आदिवासियों के लगातार उनके खदानों को लूटा जा रहा है ।पेशा कानून का उल्लंघन किया जा रहा है, पांचवी अनुसूची का पालन नहीं किया जा रहा है  । गांव में पुलिस कैंप खोलने से पहले ग्राम सभा की अनुमति नहीं ली जा रही है, इस पर आखिर कांग्रेस का आलाकमान क्यों चुप है।

 आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेण्डी कहा कि आदिवासियों के हितों ,सुरक्षा और उनके अस्मिता की लड़ाई आम आदमी पार्टी लड़ेगी  और आम आदमी पार्टी इसको लेकर प्रदेश में धरना देने की तैयारी कर रही है । आदिवासियों के हित सुरक्षा और उनकी अस्मिता हमारे लिए प्राथमिकता में है।