हत्याकांड में इंस्पेक्टर और SI गिरफ्तार: पुलिस की कहानी निकली फर्जी.... कारोबारी मर्डर मामले में इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार…. 1-1 लाख रुपये का था इनाम घोषित…. रिश्तेदार ने पत्नी को बताया चौंका देने वाला सच......

हत्याकांड में इंस्पेक्टर और SI गिरफ्तार: पुलिस की कहानी निकली फर्जी.... कारोबारी मर्डर मामले में इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर गिरफ्तार…. 1-1 लाख रुपये का था इनाम घोषित…. रिश्तेदार ने पत्नी को बताया चौंका देने वाला सच......


डेस्क। प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर पुलिस ने फरार चल रहे 6 में से 2 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह और SI अक्षय कुमार मिश्रा शामिल हैं। एक पुलिसकर्मी घटना के समय एसआई के पद पर तैनात था, जबकि दूसरा इंस्पेक्टर के तौर पर कार्यरत था। इसके साथ दोनों पुलिसकर्मी पर इनाम की घोषणा भी की गई थी। दोनों को गोरखपुर से दबोचा है और इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों को कानपुर एसआईटी को सौंप दिया है। 

कानपुर नगर के बर्रा थानाक्षेत्र के जनता नगर निवासी मनीष गुप्ता (36) गुरुग्राम हरियाणा से अपने दो दोस्तों गुरुग्राम के प्रदीप कुमार (32) और हरवीर सिंह (35) के साथ सोमवार को गोरखपुर पहुुंचे थे और कि अपने मित्र चंदन सैनी से बात करके तीनों ने यहां के रामगढ़ताल इलाके के तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में कमरा बुक कराया था। आरोप है कि रात 12:04 बजे रामगढ़ताल पुलिस होटल में आ धमकी। इस दौरान पुलिसकर्मी कमरे में आकर पहचान पत्र मांगे और काफी बहस करने लगे। मनीष के साथ कमरे में ठहरे हरवीर सिंह व प्रदीप कुमार का आरोप है कि पुलिस ने छानबीन की बात कही और पहचान पत्र दिखाने की मांग की। 

हालांकि पहचान पत्र दिखाया गया। इसके बावजूद पुलिसकर्मी नहीं माने और कहा सामान की जांच करेंगे। सामान की जांच हुई तब रियल इस्टेट कारोबारी मनीष का हाथ पकड़ा और कहा कि पुलिस आई है। पहचान पत्र व सामानों की जांच करा दे। इसके बावजूद पुलिस ने तीनों से मारपीट की और मनीष के दोस्तों को नीचे लेकर आए। कुछ देर बाद जब पुलिसवाले मनीष को नीचे लेकर आए, तो उनकी नाक और मुंह से खून बह रहा था। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। पकड़े गए एक आरोपी का नाम इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दूसरे का नाम एसआई अक्षय मिश्रा बताया है।

 मनीष की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि एसआइटी सदस्यों के साथ गुरुवार को वापस लौटे रिश्तेदारों में बहनोई रोहित ने जांच के बारे में बताया कि कमरे की दीवारों, फर्श पर खून के निशान मिले थे। क्राइम सीन दोहराने पर एसआइटी और फोरेंसिक टीम को मनीष के गिरने और उससे मौत होने के कोई भी साक्ष्य नहीं मिले हैं। वहीं, एसआइटी ने होटल कर्मियों, पुलिस कॢमयों, मेडिकल कालेज और नर्सिंगगहोम कॢमयों समेत बड़ी संख्या में लोगों के बयान दर्ज किए हैं। अब तक एसआइटी की छानबीन में गोरखपुर पुलिस कठघरे में खड़ी है। मीनाक्षी का कहना है कि साक्ष्य मिटाने में गोरखपुर पुलिस के साथ होटल कर्मी भी शामिल हैं। उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाए।