केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को प्रज्ञा निर्वाणी ने लिखा पत्र,बुजुर्गो की रेलवे टिकट में छूट पुनः बहाल करने की माँग…
Pragya Nirvani wrote a letter to Union Railway Minister Ashwani Vaishnav




- रेलवे में बुज़ुर्गों को टिकिट में दी जाने वाली रियायत असल मे बुजुर्गो के प्रति हमारे दिये जाने वाले सम्मान का प्रगटीकरण :प्रज्ञा निर्वाणी*
- रेल किराया अब्बड़ होगे, कैसे तिरथ बरथ जाबो बेटी,सुनते ही मन कांप गया:प्रज्ञा निर्वाणी*
डेस्क : आप जानते ही होंगे भारत सरकार के अधीन मंत्रालय रेलवे अपने बुजुर्ग यात्रियों को सभी श्रेणियों के यात्रा टिकट में 50 फीसदी की छूट देता आ रहा था,प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आये हुए अश्विनी वैष्णव रेल मंत्री हैं,उनके रेल मंत्री होने के बाद से ही 60 साल से अधिक उम्र के भारतीय नागरिकों को रेल यात्रा के दौरान टिकिट भाड़े में दी जाने वाली छूट बंद कर दी है,
बेमेतरा जिला पंचायत की सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने रेल मंत्री को एक पत्र लिखा जिसकी रोचकता के अपने मायने हैं,प्रज्ञा लिखती हैं रेल मंत्री जी आपको रेलवे मंत्रालय मिलने पर देश भर के हमारे स्वजातीय वैष्णवों में खुशी की लहर थी,मैंने भी ट्वीट करके आपको शुभकामनाएं प्रेषित की थी,बचपन से बापू के प्रिय भजन वैष्णव जन ते तेने कहिये जो पीर पराई जानी रे सुनते हम बड़े हुए हैं,उस संस्कार और आदर्शों के साथ ही मैंने भी राजनीति को जन सेवा का माध्यम चुना है,मंत्री जी आपके उपनाम के अनुसार उम्मीद थी कि आप लोगो के दर्द को दुःख को महसूस करेंगे उनके लिए अधिकाधिक राहत के निर्णय लेंगे ताकि उनके चेहरे खुशियों से खिले रहे ,आप ने 60 की उम्र से अधिक के महिला पुरुष बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाले रेलवे टिकिट में 50 फीसदी के रियायत को भी बंद कर दिया, हजारो करोड़ के बजट के इस मंत्रालय को टिकिट की रियायत खत्म करके कोई बड़ी बचत या मुनाफा नही होगा ये आप भी भली भाँति जानते हैं,सार्वजनिक जीवन मे किये गए लोक कल्याणकारी कार्य हमे सदियों तक जीवित रखते हैं ऐसी मेरी दृढ़ मान्यता है,
मेरी आपसे विनती है बापू के प्रिय भजन की कसौटी के लिए ही सहीं,बुजुर्गो के मिलने वाली टिकिट की रियायत फिर से चालू करवा दीजिये ये रियायत उनके प्रति हमारे दिए जाने वाले सम्मान का प्रगटीकरण है,इसे वापस मत लीजिये,किसी भी व्यक्ति समाज या सरकारों के लिए अपने बुजुर्गों का सम्मान और उनके मिलने वाली दुवाओ से बढ़कर कुछ भी नही होता, कल जब मैं गांवों की महिलाओ से मिल रही थी तो कुछ बुजुर्ग महिलाओ ने बड़े मार्मिक होकर कहा था,बेटी अब रेलवाहि के किराया अब्बड़ होगे है,तीरथ बरथ जाबो कहत रेहेन ते ईहे मर जबो कहाँ जाय सकबो,
पहली छूट रिहिस त चलो देतेंन,
उन्हें लग रहा था जैसे मेरे कहने से ही टिकिटों की रियायत बहाल हो जाये,आपसे विनती है बुजुर्गों के सम्मान को कम मत कीजिये,उनकी दुवाये लीजिये...
पत्र की प्रति जिला पंचायत सदस्य प्रज्ञा निर्वाणी ने राज्य के सभी भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्यों को भेज कर रेलवे की रियायती टिकिटों को पुनः बहाल करने की मांग रखी है...