लालकिले पर पीएम मोदी का 83 मिनट भाषण: लालकिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने दिलाए 5 प्रण... 25 सालों का दिया टारगेट... नारी के अपमान पर भावुक हो गए... पढ़िए पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें......
Independence Day, Azadi Ka Amrit Mahotsav, PM Narendra Modi Lal Qila Speech नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले की प्राचीर से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देशवासियों को संबोधित किए. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक मौके पर लाल किले से देश को 5 प्रण दिलाए हैं. उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक हमें इन संकल्पों को पूरा करना है.
Independence Day, Azadi Ka Amrit Mahotsav, PM Narendra Modi Lal Qila Speech
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राजधानी दिल्ली स्थित लाल किले की प्राचीर से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देशवासियों को संबोधित किए. पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के ऐतिहासिक मौके पर लाल किले से देश को 5 प्रण दिलाए हैं. उन्होंने कहा कि अगले 25 सालों में जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब तक हमें इन संकल्पों को पूरा करना है.
उन्हों कहा, 'मुझे लगता है कि आने वाले 25 सालों के लिए हमें अपने संकल्पों को 5 आधारों पर केंद्रित करना होगा. हमें उन पंच प्रण को लेकर 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे तो आजादी के दीवानों के सपनों को पूरा करना होगा.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 21 तोपों की सलामी भी दी गई. 83 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे. भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया.
गांधी, नेहरू, सावरकर को यादकर नमन किया. नारी शक्ति के सम्मान और उनके गौरव की बात करते हुए भावुक भी हो गए. उन्होंने कहा, मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं. मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता. मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं. वो है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोल चाल, हमारे शब्दों में.. हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं.
पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा कि हमें 5 बड़े संकल्प लेकर चलना होगा. इनमें से एक संकल्प होगा, विकसित भारत. दूसरा यह कि किसी भी कोने में गुलामी का अंश न रह जाए. अब हमें शत-प्रतिशत उन गुलामी के विचारों से पार पाना है, जिसने हमें जकड़कर रखा है. हमें गुलामी की छोटी से छोटी चीज भी नजर आती है तो हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी. उन्होंने कहा कि कब तक दुनिया हमें सर्टिफिकेट देती रहेगी. क्या हम अपने मानक नहीं बनाएंगे. हमें किसी भी हालत में औरों के जैसा दिखने की कोशिश करने की जरूरत नहीं है. हम जैसे भी हैं, वैसे ही सामर्थ्य के साथ खड़े होंगे. यह हमारी मिजाज है.
उन्होंने कहा कि तीसरी प्रण शक्ति यह है कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत है, जिसने कभी भारत को स्वर्णिम काल दिया था. यही विरासत है, जो काल बाह्य छोड़ती रही है और नूतन को स्वीकारती रही है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी विरासत में ही पर्यावरण जैसी जटिल समस्या का समाधान रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी संस्कृति वह है, जो जीव में शिव देखती है और कंकर में शंकर देखती है. हमारी यह परंपरा ही बताती है कि कैसे पर्यावरण के साथ रहा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि चौथा प्रण यह है कि देश में एकता रहे और एकजुटता रहे. देश के 130 करोड़ देशवासियों में एकता रहे. यह हमारा चौथा प्रण है. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें हर किसी का सम्मान करना होगा. श्रम को अच्छे नजरिए से देखना होगा और श्रमिकों का सम्मान करना होगा.
