निसंतान दंपतियों के जीवन में खुशहाली के लिए भारतीय सिंधु सभा के तत्वाधान में आयुष्मान हॉस्पिटल लगा रहा नि:शुल्क परामर्श शिविर…सुप्रसिद्ध डॉ नीरज पहलाजानी और डॉ कवलजीत रहेंगे उपस्थित…

Ayushman Hospital is organizing a camp for happiness in the lives of childless couples… Famous Dr. Neeraj Pahlajani and Dr. Kawaljeet will be present

निसंतान दंपतियों के जीवन में खुशहाली के लिए भारतीय सिंधु सभा के तत्वाधान में आयुष्मान हॉस्पिटल लगा रहा नि:शुल्क परामर्श शिविर…सुप्रसिद्ध डॉ नीरज पहलाजानी और डॉ कवलजीत रहेंगे उपस्थित…
निसंतान दंपतियों के जीवन में खुशहाली के लिए भारतीय सिंधु सभा के तत्वाधान में आयुष्मान हॉस्पिटल लगा रहा नि:शुल्क परामर्श शिविर…सुप्रसिद्ध डॉ नीरज पहलाजानी और डॉ कवलजीत रहेंगे उपस्थित…

Ayushman Hospital is organizing a camp for happiness in the lives of childless couples… Famous Dr. Neeraj Pahlajani and Dr. Kawaljeet will be present

नया भारत डेस्क : निसंतान दंपतियों के जीवन में खुशहाली के लिए भारतीय सिंधु सभा के तत्वाधान में आयुष्मान हॉस्पिटल लगा रहा नि:शुल्क परामर्श शिविर ।

किसी भी दंपति के लिए उसके जीवन की सबसे बड़ी खुशहाली उसके आंगन में गूंजने वाली बच्चों की किलकारी होती है लेकिन जब किसी कारणवश यह किलकारी नसीब नहीं हो पाती तो दंपति का पूरा जीवन अधूरा अधूरा सा लगने लगता है ।

अतः राजिम शहर के कुर्रा साई मंदिर के पास पर स्थित आयुषमान हॉस्पिटल में नि:संतान दंपतियों के जीवन में खुशहाली लाने शिविर का आयोजन कर रहा है ।

 

आयुष्मान अस्पताल की ओर से 28 अगस्त को सबह 10  से 3 बजे तक निशुल्क परामर्श शिविर लगाया जाएगा, जिसमें नि:संतान दंपतियों को आमंत्रित कर उनकी समस्याओं को समझा जाएगा और नि:संतानता किस वजह से अब तक बनी हुई है इस बात का कारण ढूंढते हुए उसके निदान के संबंध में चर्चा की जाएगी । नि शुल्क कैम्प में डॉक्टर नीरज पहलाजानी और डॉक्टर कवलजीत उपस्थित रहेंगे ।

डॉक्टर नीरज पहलाजानी ने बताया कि निसंतान दो वजहों से हो सकती है पहला महिला के हारमोंस और गर्भाशय के अंदर की समस्याओं की वजह से और दूसरा पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या गतिशीलता और बनावट में गड़बड़ी के कारण और इन दोनों में से किसी भी एक कारण का होना निसंतानता का कारण बन सकता है। इसलिए जब भी कोई दंपति उनके पास इस समस्या को लेकर आता है तो सर्वप्रथम दोनों का मेडिकल जांच करवाया जाता है और फिर समस्याओं को दूर करते हुए आगे का इलाज किया जाता है। यदि इलाज के बाद भी सामान्य स्थितियों में गर्भधारण नहीं हो रहा है तो फिर आईवीएफ तकनीकी मदद ली जाती है जिससे निराश दंपतियों के जीवन में खुशहाली और आंगन में बच्चों की किलकारी गूंजने लगती है। 

डॉक्टर कवलजीत ने बताया कि आईवीएफ टेक्नीक से बाँझपन से पीड़ित महिलाये भी बच्चा पैदा कर सकती हैं | जिन महिलाओं ने अपनी फ़ेलोपियन नालियां निकलवा दी है या फिर किसी अन्य विकार की वजह से उनकी फ़ेलोपियन नलिका अंडा पैदा करने के योग्य नहीं हैं| उन महिलाओं को गैर कुदरती तरीके से गर्भधारण करवाया जाता है | महिला के अंडे को प्रयोगशाला की डिश में गैर कुदरती तरीके से पुरष शक्राणुओं से संजोयजन करवाया जाता है | इस पर्किर्या से जब भ्रूण तैयार हो जाता है तो उसे महिला की बच्चेदानी में रख दिया जाता है | इस तरह महिला गर्भवती हो कर बच्चे को जन्म दे सकती है |

अस्पताल के डायरेक्टर डॉ पुनीत गोस्वामी ने बताया कि उनका अस्पताल लोगों की विश्वसनीयता पर खरा उतरा है उसका कारण यही है कि वह सेवा पर विश्वास करते हैं। मरीजों का बेहतर इलाज करते हुए उन्हें संतुष्ट कर यहां से भेजा जाता है इस वजह से अस्पताल दिन प्रतिदिन बेहतर से बेहतर करता जा रहा है। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए डॉ पुनीत ने बताया कि शहर के मांग के अनुरूप अस्पताल में व्यवस्थाओं का विस्तार किया जा रहा है। आगे भी जिस प्रकार की आवश्यकता शहरवासियों के सहूलियत के लिए महसूस होगी विस्तार किया जाएगा।
बेहतर सेवा और मरीजों का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी।भारतीय सिंधु सभा के तत्वाधान में आयुष्मान हॉस्पिटल लगा रहा शिविर ।जिसमें सुप्रसिद्ध डॉ नीरज पहलाजानी और डॉ कवलजीत रहेंगे उपस्थित।