विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल, मातृशक्ति ने दुर्गा मंदीर में मनाया अखंड भारत संकल्प दिवस...




विश्व हिंदू परिषद बजरंगदल, मातृशक्ति ने दुर्गा मंदीर में मनाया अखंड भारत संकल्प दिवस
भारत माता की जय और वन्देमातरम की रही गूंज,अखंड भारत का सपना पूर्ण करने का लिया संकल्प
जगदलपुर : विहिप ने 14 अगस्त को देश भर में अखंड भारत संकल्प दिवस मनाते आया है l विहिप जिला प्रचार प्रसार प्रमुख रोहन कुमार ने बताया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने की घोषणा की थी। उनका मानना है कि देश के बंटवारे का दर्द, लोगों का संघर्ष और उस समय बलिदान हुए लोगों की स्मृति को याद करने की आवश्यकता है। उस समय लाखों लोग मारे गए थे।
उस विभीषिका को आज भी लोग याद कर रो पड़ते हैं। हमारा इतिहास आज के भारत में ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान से लेकर कम्बोडिया लाओस और तिब्बत भूटान से लेकर श्रीलंका तक फैला है। हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्मं के मंदिर अफगानिस्तान, कम्बोडिया तिब्बत यहां तक की चीन और जापान में भी मिलते हैं। शारदा पीठ और हिंगला माता का मंदिर पकिस्तान में है। कम्बोडिया में अंकोर वाट का विश्व का सबसे बड़ा मंदिर है, ढाकेश्वरी माता का मंदिर बांग्लादेश के ढाका में है। भगवान शंकर का कैलाश पर्वत और मानसरोवर भी आज चीन का हिस्सा है।
प्रमाण हर जगह हैं, जरूरत है तो सिर्फ आंखे खोलने की। पूर्व के नेताओं के चलते विभाजन के समय पाक अधिकृत कश्मीर और 1962 में अक्साई चीन हमारे दुश्मन देशों के कब्जे में चला गया। 1876 में अफगानिस्तान, 1904 में नेपाल, 1906 में भूटान, 1914 में तिब्बत, 1935 में श्रीलंका, 1937 में म्यामार और फिर 1947 में पाकिस्तान हमसे अलग हुआ। हमारे पूर्व के नेताओं की कुछ ऐतिहासिक भूलों की वजह से विभाजन के समय पाक अधिकृत कश्मीर और 1962 में अक्साई चीन हमारे दुश्मन देशों के कब्जे में चला गया।
रोहन ने कहा अखंड भारत कोई असम्भव स्वप्न नहीं है। खंडित देशों के पुनः अखंड होने के कई उदाहरण हैं। जर्मनी, वियतनाम आदि देश हाल में ही एक हुए हैं। इजराइल जैसा देश अठारह सौ साल की लम्बी लड़ाई के बाद अपनी मातृभूमि पा सका और आज चारों तरफ दुश्मनों से घिरा होने के बाद भी सीना ताने खड़ा है। देश तो बनते और टूटते हैं, लेकिन राष्ट्र कभी टूटता नहीं है। भले ही हमारी राजनीतिक इकाइयां अलग-अलग हों लेकिन सांस्कृतिक एकता अक्षुष्ण रहनी चाहिए। हमारी अखंडता का मार्ग सांस्कृतिक है और यही अखंड भारत की संकल्पना है।
लोगों को अपने "स्व" के बारे में जानना चाहिए। अंग्रेजों के आने से पहले हम कैसे थे, हमारा देश कैसा था, इसे सभी को जानना चाहिए। इस कार्यक्रम के दौरान अखंड भारत माता की पूजा करने के साथ ही उनकी आरती की गई, साथ ही उपस्थित लोगों को बताया गया कि प्राचीन समय में अखंड भारत कैसा था। हम कब-कब विभाजित हुए।
कार्यक्रम में भारत माता की जय और वन्देमातरम की रही गूंज,अखंड भारत का सपना पूर्ण करने संकल्प के साथ विहिप बजरंगदल मातृशक्ति के पदाधिकारी कार्यकर्ता सहित समाज प्रमुख की उपस्तिथि थी।