उफनती नदी नालों को पारकर दीपिका पहुंची धुर नक्सलप्रभावित ग्राम लामनगोंदी,चाँवरपारा

उफनती नदी नालों को पारकर दीपिका पहुंची धुर नक्सलप्रभावित ग्राम लामनगोंदी,चाँवरपारा

 

 

सुकमा जिले का एक ऐसा गाँव जहां विकास कोशो दूर है इन गांव में पहुचने हेतु न सड़क है और न ही पुलिया हम बात कर रहे हैं नेशनल हाइवे से मात्र 30 किमी अंदर बसे ग्राम लामनगोंदी,चावरपारा और नयापारा की ये पँचायत छिंदगढ़ विकासखण्ड के चिऊरवाड़ा के अंतर्गत आता है जिला मुख्यालय से लगभग 80 किमी दूर बसे इन गाँव के लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की पर किसी भी जिम्मेदार ने इनकी नहीं सुनी विवश होकर इन ग्रामीणों ने अपने गाँव मे भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिकाशोरी को बुलाकर अपना दुखदर्द सुनाया दीपिका भी इनकी समस्याओं को देखकर दुःखी हो गई व जिला प्रशासन से इस विषय मे बात करने का आश्वासन दिया

 

*सड़क व पुलिया की है अति आवश्यकता*

बाड़नपाल से चावरपारा होते हुए लामनगोंदी तक व नयापारा तक पहुंचने हेतु इन ग्रामीणों को सड़क भी नशीब नहीं है वर्षो से पगडंडियों के सहारे से ये सफर कर रहे हैं जगह जगह छोटे छोटे पुलियों की भी आवश्यकता महसूस होने वाले इन पगडंडियों में बरसात के दिनों में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है 

 

 

*परिजनों के बीमार होने पर दिक्कतों का करना पड़ता है सामना* 

 

इन गाँव मे सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब बरसात के दिनों में कोई बीमार हो जाता है उफनती नदी में चारपाई का सहारा लेकर ये बीमार व्यक्ति को नदी पार करवाते हैं जिससे कई बार डूबते डूबते भी बचे हैं ग्रामीण

 

इन ग्रामीणों की समस्याओं को देखने पहुंची दीपिका ने कहा कि आज हम स्मार्ट सिटी की बात करते हैं और सुकमा जिले के अंदरूनी क्षेत्रों की यह हालत है जिला के आला अधिकारियों को मुख्यालय से निकल कर इन ग्रामों का भ्रमण करना चाहिए तब उन्हें सुकमा की वास्तविकता का एहसास होगा रात में सुकमा की चमकती लाइटों को दिखाकर वाहवाही लेने से पहले इन गाँववालो को 5 वाट की बिजली की सुविधा दे दें तो वास्तव में सुकमा की तश्वीर बदल जाएगी गौरव पथ की बात न कर इन ग्रामीणों को मिट्टी की सड़कें ही मिल जाएं तो सुकमा की तश्वीर बदल जाएगी, उन्होंने जिला स्तर के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर सुकमा की तश्वीर बदलनी है तो ग्रामीणों की दिशा व दशा को बदलने का प्रयास करिए सुकमा की तश्वीर अपने आप बदलती नजर आएगी