NCRB की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा : हत्या-डकैती, दुष्कर्म में बिहार से आगे छत्तीसगढ़….प्रति एक लाख आबादी में CG में हत्या के मामले 3.3%, वही बिहार में इतने प्रतिशत….देशभर में इस प्रदेश में बच्चे सबसे असुरक्षित….पढ़िए NCRB की रिपोर्ट …….




डेस्क : छत्तीसगढ़ राज्य अब हत्या, डकैती और दुष्कर्म की घटनाओं में बिहार और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से आगे निकल गया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी 2020 की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। प्रति एक लाख की आबादी में छत्तीसगढ़ में जहां हत्या के मामले 3.3 फीसदी है, वहीं बिहार में यह 2.6 फीसदी है।
मध्यप्रदेश, गुजरात और पंजाब में भी यह दर कम है। इसी तरह 2020 में दुष्कर्म की घटनाएं प्रति एक लाख आबादी में जहां 8.3 फीसदी थी। वहीं, बिहार में 1.4, गुजरात में 1.5 और मध्यप्रदेश में 5.8 फीसदी थी। 2019 के मुकाबले छत्तीसगढ़ में अपराध में वृद्धि दर्ज की गई है।
देशभर में पिछले साल यानी 2020 में जो घटनाएं हुई हैं, उसके मुताबिक आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में 65216 केस रजिस्टर किए गए। 2019 में इन्हीं धाराओं के अंतर्गत 61256 केस दर्ज किए गए थे। पिछले तीन-चार सालों में इसमें लगातार वृद्धि दर्ज की गई है।
इस साल सामूहिक हत्या के 21 मामले सामने आए
इस साल सामूहिक हत्या के 21 और आत्महत्या के 3930 मामले सामने आए हैं। ये आंकड़े 30 जून तक के हैं। विधानसभा में एक सवाल के जवाब में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया था कि एक दिसंबर 2018 से इस साल 30 जून तक सामूहिक हत्या के 94 केस दर्ज किए गए हैं। इसी तरह आत्महत्या के 19084 और मानव तस्करी के 111 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेशभर में साइबर ठगी के 786 मामले दर्ज किए गए हैं।
दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी, बिहार में आए कम केस
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में दुष्कर्म के 1036 मामले दर्ज किए गए थे। इसके विपरीत 2020 में 1210 मामले दर्ज किए गए हैं। इन दो सालों में बिहार में क्रमश: 730 और 806 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले साल गैंगरेप के 8 केस रजिस्टर किए गए थे।
इसी साल में बिहार में 3 मामले ही दर्ज किए गए। प्रति एक लाख में दुष्कर्म की घटनाओं से तुलना करें तो छत्तीसगढ़ उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश से पीछे है। ऐसी स्थिति 2019 में भी थी। यह स्थिति गंभीर किस्म के अन्य अपराधों में भी है।
अभिभावकों की चिंता बढ़ा देने वाली खबर सामने आई है। दरअसल देशभर में बच्चों के लिए मध्यप्रदेश सबसे असुरक्षित राज्य बनकर उभरा है। NCRB ने 2020 का डेटा रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट के अनुसार आदिवासियों के उत्पीड़न मामले में मध्यप्रदेश पहले पायदान पर है। इसके अलावा बच्चों के साथ रेप मामले में भी मध्यप्रदेश शर्मसार हुआ है।
साल 2020 में औसतन रोजाना करीब 46 बच्चाें को हत्या, दुष्कर्म, अपहरण जैसे गंभीर अपराधों का शिकार होना पड़ा है। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (NCRB) की 2020 की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है।
2020 में मध्यप्रदेश में 17,008 बच्चे क्राइम के शिकार हुए, हालांकि 2019 के मुकाबले इसमें मामूली कमी आई है। प्रदेश में बच्चों के खिलाफ होने वाले क्राइम का रेट 59.1% है। वर्ष 2019 में 19,028 मामले दर्ज हुए थे। NCRB की रिपोर्ट में बच्चों के साथ सोशल मीडिया के जरिए भी अपराध हुए हैं। देशभर के अन्य राज्यों के मुकाबले मध्यप्रदेश टॉप पर है, जबकि इस मामले में महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है। यहां 2020 में 14,371 केस दर्ज हुए।
साइबर चोरी, कैटफिशिंग और साइबर बुलिंग, आपत्तिजनक कटेंट जैसे अपराध का बच्चे शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराधियों के लिए बच्चे सबसे आसान शिकार हैं। कई मामलों में साइबर अपराधियों की वजह से बच्चे जान तक गंवा चुके हैं। इसके अलावा साइबर अपराधियों के वे ठगी का भी शिकार हुए हैं।