Sahara India : सहारा क्यों नहीं लौटा रहा लोगों का पैसा? पढ़िए डूबे पैसे पर आज की ताजा अप्डेट…

sahara india Money हम में से अधिकांश लोग अपनी कमाई के कुछ ना कुछ पैसा बचाकर सेविंग प्लान में निवेश करते हैं। निवेश बुरे वक्त के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए, बेटी की शादी के लिए। देश भर के करोड़ों लोगों ने आंखें बंद कर सहारा ग्रुप की कंपनियों में पैसा लगाया और आज उन्हें ब्याज तो छोड़िए मूलधन के लिए भी दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही है। जानिए कैसे सुब्रत राय सहारा फर्श से अर्श पर पहुंचे और फिर अर्श से फर्श पर आ गए।

Sahara India : सहारा क्यों नहीं लौटा रहा लोगों का पैसा? पढ़िए डूबे पैसे पर आज की ताजा अप्डेट…
Sahara India : सहारा क्यों नहीं लौटा रहा लोगों का पैसा? पढ़िए डूबे पैसे पर आज की ताजा अप्डेट…

sahara india Money

नया भारत डेस्क :  सहारा ग्रुप की कंपनियों में पैसा लगाया था। आज हालत ये है कि उन्हें ब्याज तो छोड़िए उनका जमा मूलधन भी वापस नहीं मिल पा रहा है। निवेशक अपने जमा किए गए रुपयों को वापस पाने के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं। सहारा कई तरह के प्लान चलाता था और दूसरों की तुलना में ज्यादा रिटर्न देता था। ये प्लान काफी फ्लेक्सिबल थे।(sahara india Money)

 

लोगों को एफडी में सालाना 11 से 12 फीसदी रिटर्न देने का वादा किया जाता था। इन योजनाओं में लोगों को कई सालों तक रिटर्न मिला भी, इसके चलते लोगों का सहारा पर भरोसा बढ़ता चला गया, लेकिन बाद में लोगों को न तो रिटर्न मिला और न ही उनका पैसा। सहारा की स्कीम्स में निवेश करने वाले आज तक परेशान हैं। अभी तक निवेशकों को उनके रुपये नहीं मिल पाए हैं। आखिर क्यों निवेशकों को उनके जमा रुपये नहीं मिल पा रहे हैं? कहां पेंच फंस रहा है। आइए आपको बताते हैं।(sahara india Money)

 

निवेशकों को लौटाने हैं हजारों करोड़ रुपये :

सहारा की कंपनियों और योजनाओं में देशभर में बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश किया है। इस मामले में सेबी ने सहारा को लोगों के पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश जारी किया कि। बाद में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाने के लिए कहा था। इस दौरान सहारा ने न तो निवेशकों के पैसे लौटाने के सबूत दे पाया और न ये बता पाया कि इतना पैसा आया कहां से है। सहारा के इस रूख पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के बैंक खाते को सीज करने की बात कही गई और उनकी संपत्ति को सील करने को कहा गया था।(sahara india Money)

 

अपने रुपयों के लिए चक्कर काट रहे लोग :

सहारा में जमा अपनी मेहनत की कमाई के लिए लोग चक्कर काटने को मजबूर हैं। जिन एजेंटों के सहारे वो अपने रुपये जमा करते थे अब उनका भी कोई अता पता नहीं है। निवेशकों को नहीं पता कि उन्हें अपने जमा रुपये कब वापस मिल पाएंगे। दिनभर मेहनत करके रुपये जोड़ने वाले लोग आज अपने जमा रुपयों के लिए परेशान हैं। लोगों ने पहले कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें कभी इस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।(sahara india Money)

 

कहां फंसा हुआ है निवेशकों का पैसा :

मीडिया रिपोर्टस के मुताबित बीते महीनों सहारा की तरफ से एक ऐड जारी किया गया था। इसमें सहारा ने कहा था कि हमसे दौड़ने के लिए तो कहा जाता है, लेकिन हमें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया है। सेबी निवेशकों को भुगतान क्यों नहीं कर रहा, जबकि उसके पास हमारे 25,000 करोड़ रुपए जमा हैं। वहीं सेबी का कहना है कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डेटा ट्रेस नहीं हो पा रहा, जिस कारण वो पैसा नहीं दे पा रही है।(sahara india Money)

कभी लाखों कर्मचारी करते थे काम :

एक समय था जब सहारा देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक हुआ करती थी। इसमें 11 लाख से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे। रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से लेकर स्पोर्ट्स तक सहारा इंडिया का बिजनेस फैला था। 11 सालों तक यह ग्रुप टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा। IPL में पुणे वॉरियर्स टीम के मालिक भी सुब्रत रॉय सहारा थे।(sahara india Money)

 

इस तरह कसा शिकंजा :

साल 2009 में कंपनी ने आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। सहारा ने जब सेबी से IPO की बात कही तो सेबी ने DRHP यानी कंपनी का पूरा बायोडाटा दिखाने को कहा। सहारा ने दो कंपनियों का नाम बताया– सहारा इंडिया रियल इस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इवेस्टेमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड। दस्तावेजों की जांच के दौरान सेबी को कुछ शक हुआ। सेबी ने सहारा से उसके पास जिन लोगों के रुपये जमा थे उनके दस्तावेज मांगे। सहारा ने सेबी को 127 ट्रक डाक्युमेंट ऑफिस में भेजे। सेबी ने जब इन डाक्युमेंट में जांच की तो उसमें बहुत गड़बड़ी सामने आई, जिसके बाद सेबी ने सहारा के नए OFCD जारी करने से मना कर दिया।(sahara india Money