Property Purchase Options : जमीन को खरीदने और पट्टे पर लेने में क्या होता है अंतर, जाने कौन सा है ज्यादा बेहतर, किसमे मिलेगा ज्यादा फायदा, यहाँ देखें पूरी डिटेल...
Property Purchase Options: What is the difference between buying land and taking it on lease, know which one is better, which one will give more benefit, see complete details here... Property Purchase Options : जमीन को खरीदने और पट्टे पर लेने में क्या होता है अंतर, जाने कौन सा है ज्यादा बेहतर, किसमे मिलेगा ज्यादा फायदा, यहाँ देखें पूरी डिटेल...




Property Purchase Options :
नया भारत डेस्क : लीज को ही पट्टा कहा जाता है. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि लीज़ में प्रॉपर्टी को लंबे समय के लिए किराये पर ले लिया जाता है. हालांकि, यह किराये पर ली गई प्रॉपर्टी से अलग होता है. लीज़ में प्रॉपर्टी के अधिकार आंशिक रूप से पट्टेदार यानी लीज लेने वाले के हक में आ जाते हैं. वह इस प्रॉपर्टी पर स्थानीय प्राधिकरण की अनुमति से कुछ भी कर सकता है जिसमें प्रॉपर्टी के असली मालिक का कोई दखल नहीं होगा. (Property Purchase Options)
लीज आमतौर पर 30 या 99 साल की होती और इसे अधिकांशत: कमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए इस्तेमाल किया जाता है. अब जबकि आप लीज़ का मतलब समझ गए हैं तो हम आगे समझते हैं कि यह बाय यानी खरीदने से कैसे अलग होता है और आपको दोनों में से कौन सा विकल्प चुनना ज्यादा फायदा देगा. यहां हम बात कमर्शियल प्रॉपर्टी के संदर्भ में करेंगे. (Property Purchase Options)
खरीद बनाम पट्टा
खरीदारी में प्रॉपर्टी का पूर्ण मालिकाना हक खरीदने वाले के पास आ जाता है. अब जब तक वह इस प्रॉपर्टी को किसी और को नहीं बेचता तब तक वह प्रॉपर्टी खरीदार या उसके परिवार के हाथों में ही रहेगी. हालांकि, लीज़ के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता है. लीज़ में एक खास अवधि तक ही प्रॉपर्टी पर लीज लेने वाला का अधिकार रह सकता है. उसके बाद प्रॉपर्टी का अधिकार उसके मूल मालिक के पास वापस चला जाता है. (Property Purchase Options)
अगर मूल मालिक चाहें तो बेशक बाकी बची रकम को भुगतान लेकर उस प्रॉपर्टी को पट्टेदार को बेच सकता है. दूसरा अंतर मौद्रिक है. पट्टे पर ली जाने वाली प्रॉपर्टी खरीदी जाने वाली प्रॉपर्टी से सस्ती होती है. यही कारण है कि बिल्डर्स अपार्टमेंट बनाने के लिए जमीन को ज्यादातर लीज़ पर ही लेते हैं. इससे उन्हें खर्च कम करने में मदद मिलती है. (Property Purchase Options)
कब क्या लें?
अब सवाल है कि कब प्रॉपर्टी खरीदी जाए और कब लीज़ पर ली जाए. इसका एक सीधा सा जवाब यह है कि अगर आपको प्रॉपर्टी बहुत लंबे समय तक अपने पास चाहिए, अगर आप चाहते हैं कि वह प्रॉपर्टी आगे विरासत के तौर पर आपके वंश को ट्रांसफर हो तो फिर आपको उसे खरीदना चाहिए. इसमें पैसा ज्यादा लगेगा लेकिन फिर वह प्रॉपर्टी हमेशा के लिए (बशर्ते आप उसे बाद में बेच न दें) आपकी व आपके उत्तराधिकारी की हो जाएगी. (Property Purchase Options)
वहीं, अगर आपको प्रॉपर्टी हमेशा के लिए अपने पास नहीं चाहिए. आपका इरादा उस प्रॉपर्टी को अपनी विरासत बनाने का नहीं है और आपको बस कमर्शियल कारणों से 30-50 साल के लिए कोई प्रॉपर्टी चाहिए तो आप लीज़ कर सकते हैं. यह खरीदने से ज्यादा फायदेमंद साबित होगा. (Property Purchase Options)