अंबिकापुर में हिन्दी साहित्य भारती की प्रेस वार्ता सम्पन्न ।

अंबिकापुर में हिन्दी साहित्य भारती की प्रेस वार्ता सम्पन्न ।

हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने जनांदोलन प्रारम्भ हिन्दी साहित्य भारती की सरगुजा संभाग इकाई द्वारा स्थानीय शिवमंदिर केदारपुर में अंतरराष्ट्रीय एवं केंद्रीय कार्यकारिणी की घोषणा हेतु प्रेस वार्ता की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य श्री अजय चतुर्वेदी ने किया एवं जिला महामंत्री श्रीमती अर्चना पाठक भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का प्रारंभ हिंदी साहित्य भारती के कुलगीत से किया गया। कार्यक्रम की सफलतापूर्वक आयोजन में सरगुजा इकाई के अध्यक्ष रंजीत सारथी एवं बलरामपुर जिला अध्यक्ष श्रीमती गीता द्विवेदी जी का सराहनीय योगदान रहा। प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुवे बलरामपुर जिला इकाई के संयोजक राजनारायण द्विवेदी ने केंद्रीय कार्यकारिणी तथा अंतरराष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा करते हुवे गठन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्रवन्दन अतीत एवं वर्तमान के अभिनंदन कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुवे कहा कि साहित्य के माध्यम से हिंदी साहित्य को समृद्धि के शिखर पर ले जाने की बात कही। रंजीत सारथी ने सभा को संबोधित करते हुवे कहा कि हिन्दी के समृद्ध लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर साहित्यकारों की उच्च स्तरीय कृतियों को प्रकाशन की व्यवस्था कराना हमारी संस्था का एक उद्देश्य है। विश्व के सभी हिंदी भाषा साहित्यकारों को एक मंच पर एकत्र करना हमारा उद्देश्य है। श्रीमती गीता द्विवेदी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर हिंदी की महत्ता जिनमे भारत की सभी क्षेत्रीय भाषा एवं बोली भी शामिल है कि महत्ता को स्थापित करना और इस हेतु हिंदी भाषा की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का समय समय पर आयोजन करते है तथा इससे स्थानीय साहित्यकार भी लाभान्वित होते है। संस्था के उपाध्यक्ष देवेंद्र दास मानिकपुरी ने बताया कि इस संस्थान के माध्यम से हम मानवता के कल्याण हेतु भारत के आदर्श मानवीय मूल्यों को जन जन तक पहुचाने तथा देश के बौद्धिक वातावरण को सकारात्मक दिशा देने का कार्य कर रहें है। श्रीमती अर्चना पाठक ने हिन्दी साहित्य भारती के पत्र लेखन अभियान पर प्रकाश डालते हुआ कहा कि भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा का संवैधानिक दर्जा दिलाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति जी के नाम पत्र प्रेषित करना है। श्री अजय चतुर्वेदी जी ने संस्था इतिहास पर अपना व्यक्तब्य देते हुआ कहा कि इस राष्ट्रीय संस्था का गठन 15 जुलाई 2020 को हिंदी को विश्वपटल पर शिखर स्थान दिलाने के लिए किया गया है। है। हमारा उद्देश्य हिन्दी भाषा के साहित्य के विकास की केंद्रीय कार्ययोजना बनाकर साहित्यकारों को सहयोग करना है। प्रेस वार्ता को मीडिया संयोजक अंचल सिन्हा ने संबोधित करते हुआ कहा कि हिंदी में रचना करने वाले साहित्यकारों के उन्नयन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों की व्यवस्था करना भी इस संस्था का अहम उदेश्य है। कार्यक्रम का समापन हिन्दी को भारत की राष्ट्र भाषा बनाने की शपथ के साथ किया गया।