मस्तुरी पशु चिकित्सालय में पदस्थ प्रभात अग्निहोत्री अपने कार्यों से कर रहे हैं सरकार की छवि धूमिल इनकी लापरवाही ने किसान के दो जानवरों की ले ली जान इनको गांव वालों को लड़ाने और किसानों को गुमराह करने में आता बहुत आनंद पढ़े पूरी खबर

मस्तुरी पशु चिकित्सालय में पदस्थ प्रभात अग्निहोत्री अपने कार्यों से कर रहे हैं सरकार की छवि धूमिल इनकी लापरवाही ने किसान के दो जानवरों की ले ली जान इनको गांव वालों को लड़ाने और किसानों को गुमराह करने में आता बहुत आनंद पढ़े पूरी खबर
मस्तुरी पशु चिकित्सालय में पदस्थ प्रभात अग्निहोत्री अपने कार्यों से कर रहे हैं सरकार की छवि धूमिल इनकी लापरवाही ने किसान के दो जानवरों की ले ली जान इनको गांव वालों को लड़ाने और किसानों को गुमराह करने में आता बहुत आनंद पढ़े पूरी खबर

मस्तुरी पशु चिकित्सालय मुख्यालय में पदस्थ प्रभात अग्निहोत्री जो पूरी तरह से अपने आप को कलेक्टर समझ रहे हैं यह वैसे तो जानवरों के इलाज के लिए यहां पदस्थ किए गए हैं लेकिन यह अपना काम छोड़कर गांव वालों को लड़ाने और किसानों को गुमराह करने में लगातार लगे रहते हैं ताजा मामला ग्राम किरारी के किसान नंद लाल यादव की है जो पिछले 15 दिनों से लगातार प्रभात अग्निहोत्री से पशुओं की इलाज के लिए संपर्क में है लगातार फोन कॉल कर रहे हैं पर अग्निहोत्री जी अपने प्राइवेट कार्यों में इतने व्यस्त हैं कि किसानों का फोन उठाना तो दूर वह किसानों के नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दे रहे हैं अब किसान जाए तो जाए कहा आपको बताते चले कि प्रभात अग्निहोत्री मस्तूरी मुख्यालय के पशु चिकित्सालय में कार्यरत हैं इनके अंदर 8 किलोमीटर के अंदर के सभी गांव आते हैं पर ये अपनी निजी कामों को पहले प्राथमिकता देते है फिर जानवरों की इलाज करते है शायद इसीलिए नंदलाल यादव अब इनकी शिकायत ऊपर के अधिकारियों से करने की बात कर रहें है आपको यह भी बताते चले कि प्रभात अग्निहोत्री के लापरवाही के कारण नंद लाल यादव के दो जानवरों की घर में मौत हो चुकी है जिसको समय पर इलाज नहीं मिल पाया है वह दोनों जानवर अपना दम तोड़ चुके हैं बावजूद इसके पशु चिकित्सक गहरी नींद में सो रहे हैं और अगर आप इनको सही बात बोल देंगे तो ये अपना सकुनी वाला दिमाग लगा कर लड़ाने का प्रयास करेंगे पर अपनी काम जिम्मेदारी से बिल्कुल नही करेंगे जब इनकी बात किसान से हुई तब ये बोलते है सोमवार को 9/30 में सुबह आ जाना क्या एक किसान अपनी किसानी का काम छोड़ कर रोज इनके इसारे पर नाचता रहेगा और वो रोज आता भी है तो उसकी खेतो की फसल या जो अन्य काम करता है उसको कौन करेगा और जब पशु चिकित्सालय सुबह 8 बजे खुलता है तो 9 बजे बुलाने का क्या मतलब होगा। वैसे पशु चिकित्सालय 8:00 बजे खुलता है पर ये महाशय कभी अपने टाइम पर नही आते बड़ा सवाल ये है कि क्या ऐसे गैरजिम्मेदार लोगो के खिलाफ़ विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा सकता जो बाकी सभी के लिए एक उदाहरण बन जाए। बहरहाल अब यह देखना होगा कि नंद लाल यादव के जानवरों को कब ईलाज मिलता है और कब प्रभात अग्निहोत्री की गहरी निद्रा खत्म होती है