Business Ideas : पपीते की खेती से जमकर बरसेगा पैसा! जानिए कैसे करें लाखो रुपये तक की तगड़ी कमाई, मिलेगी 50% सब्सिडी...

Business Ideas : Money will rain heavily from papaya cultivation! Know how to earn up to lakhs of rupees, will get 50% subsidy... Business Ideas : पपीते की खेती से जमकर बरसेगा पैसा! जानिए कैसे करें लाखो रुपये तक की तगड़ी कमाई, मिलेगी 50% सब्सिडी...

Business Ideas : पपीते की खेती से जमकर बरसेगा पैसा! जानिए कैसे करें लाखो रुपये तक की तगड़ी कमाई, मिलेगी 50% सब्सिडी...
Business Ideas : पपीते की खेती से जमकर बरसेगा पैसा! जानिए कैसे करें लाखो रुपये तक की तगड़ी कमाई, मिलेगी 50% सब्सिडी...

Business Ideas 2022 :

 

नया भारत डेस्क : पपीते की दो हेक्टेयर खेती से एक सीजन में करीब 22 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है. थोक भाव में 15 रुपए प्रति किलो भी पपीता बेचने पर एक क्विंटल के 1500 रुपए मिल सकते हैं. इस तरह, करीब 25.5 लाख रुपए की फसल हो सकती है. पपीते की खेती के लिए ज्यादा पूंजी की भी जरूरत नहीं पड़ती है. और आप आसानी से बाजार में बेच सकते हैं. बता दें कि पंरपरागत खेती करने वाले किसान कम पूंजी में अच्छा मुनाफा कमाना चाहें तो पपीता की खेती उनके लिए सबसे बेहतर हो सकती है. इसकी खेती के लिए न ज्यादा जमीन की जरूरत पड़ती है और न ही अधिक लागत की, लेकिन मुनाफा इसमें अच्छा खासा हो जाता है. इसकी खेती देश के किसी भी इलाके में की जा सकती है और इसके लिए बाजार भी आसानी से उपलब्ध है. (Business Ideas 2022)

फलों में पपीते का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है. यह फल कच्चा और पकाकर दोनों तरीके से उपयोग में लाया जाता है. भारत में अधिकांश हिस्सों में इसकी खेती की जाती है. पपीते में भरपूर मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है. जिन लोगों को अपच की समस्या है उनके लिए तो पपीता रामबाण इलाज है. इसके सेवन से अपच की समस्या खत्म हो जाती है. ये फल पित्त का शमन तथा भोजन के प्रति रुचि उत्पन्न करता है. इसलिए जब हम बीमार हो जाते हैं तो डाक्टर भी हमें पपीता खाने की सलाह देता है. (Business Ideas 2022)

भारत में कहां – कहां होती है इसकी खेती :

बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, असम, मिजोरम जैसे कई राज्यों में पपीते की खेती बड़े पैमाने पर होती है और किसान अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं. पपीता एक ऐसा फल है, जिसकी मांग बहुत ज्यादा होती है. जरूरी नहीं कि इसकी खेती बड़े पैमाने पर ही की जाए. किसान घरों के पास छोटे बगीचे में भी इसकी खेती कर सालाना 22 लाख रुपए तक का मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं. वहीं कुछ किसनों का कहना है कि आठ महीने पहले अपने दो एकड़ के खेत में पपीता के 2100 पौधों लगाए थे. जिससे उन्हें कम लागत में सालाना करीब 22 लाख रुपए तक का अच्छा मुनाफा मिल रहा हैं. (Business Ideas 2022)

पपीते की खेती पर कितनी मिलेगी सब्सिडी :

राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के अंतर्गत पपीते की खेती पर प्रति हेक्टेयर करीब 60 हजार रुपए की लागत आती है, जिस पर 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। यानि पपीते की खेती के लिए आपको लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इस हिसाब से आपको पपीते की खेती के लिए 30 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर अनुदान दिया जाएगा।  (Business Ideas 2022)

पपीते में पाए जाने वाले पोषक तत्व :

पपीते का वानस्पतिक नाम केरिका पपाया है. पपीता कैरिकेसी परिवार का एक महत्वपूर्ण सदस्य है. पपीता एक बहुलिडीस पौधा है तथा मुरकरटय से तीन प्रकार के लिंग नर, मादा तथा नर व मादा दोनों लिंग एक पेड़ पर होते हैं. इसमें विटामिन ए पाया जाता है. कच्चे फल से पपेन बनाया जाता है. इसका कच्चा फल हरा और पकने पर पीले रंग का हो जाता है. पका पपीता मधुर, भारी, गर्म, स्निग्ध और सारक होता है.

पपीते की उन्नत किस्में :

बता दें कि पपीते की कई किस्में होती हैं. पूसा मेजस्टी एवं पूसा जाइंट, वाशिंगटन, सोलो, कोयम्बटूर, हनीड्यू, पूसा ड्वार्फ, पूसा डेलीसियस, सिलोन, पूसा नन्हा आदि ऐसी किस्में हैं, जिनसे अच्छी क्वालिटी का पपीता पैदा होता है. इसके अलावा कुछ विदेशी और हाइब्रिड किस्में भी हैं, जो अच्छा पैदावार देती हैं, और उससे मोटी कमाई भी होती है. (Business Ideas 2022)

पपीते की नई किस्म संकर किस्म- रेड लेडी 786 :

पपीते की एक नई किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा विकसित की गई है, जिसे रेड लेडी 786 नाम दिया है. यह एक संकर किस्म है. इस किस्म की खासियत यह है कि नर व मादा फूल ही पौधे पर होते हैं, लिहाजा हर पौधे से फल  मिलने की गारंटी होती है. पपीते की अन्य किस्मों में नर व मादा फूल अलग-अलग पौधे पर लगते हैं, ऐसे में फूल निकलने तक यह पहचानना कठिन होता है कि कौन सा पौधे नर है और कौन सा मादा. इस नई किस्म की एक ख़ासियत यह है कि इसमें साधारण पपीते में लगने वाली पपायरिक स्काट वायरस नहीं लगता है. यह किस्म सिर्फ 9 महीने में तैयार हो जाती है. इस किस्म के फलों की भंडारण क्षमता भी ज्यादा होती है. पपीते में एंटी आक्सीडेंट पोषक तत्व कैरोटिन,पोटैशियम,मैग्नीशियम, रेशा और विटामिन ए, बी, सी सहित कई अन्य गुणकारी तत्व भी पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान में भी उगाया जा रहा है. (Business Ideas 2022)

पपीते की खेती का उचित समय :

वैसे तो इसकी खेती साल के बारहों महीने की जा सकती है लेकिन इसकी खेती का उचित समय फरवरी और मार्च एवं अक्टूबर के मध्य का माना जाता है, क्योंकि इस महीनों में उगाए गए पपीते की बढ़वार काफी अच्छी होती है. (Business Ideas 2022)

इन बातो का रखें विशेष ध्यान :

अगर आप पपीते की खेती करने के बारे में प्लान बना रहे हैं तो आपको पपीते की अच्छी फसल के लिए गर्मियों में 6 से 7 दिन पर और सर्दियों में 10 से 12 दिन पर उनकी सिंचाई करनी चाहिए. बरसात में सिंचाई करने की कोई जरूरत नहीं पड़ती, पर बारिश न हो तो सिंचाई करनी पड़ सकती है. पपीते को अधिक ठंड और पाले से भी बचा कर रखना बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इसके अलावा खर-पतवार से भी उसका बचाव करना होता है. (Business Ideas 2022)

पपीता की नर्सरी कैसे तैयार करें / पौधे तैयार करना  :

पपीते के उत्पादन के लिए नर्सरी में पौधों का उगाना बहुत महत्व रखता है. इसके लिए बीज की मात्रा एक हेक्टेयर के लिए 500 ग्राम पर्याप्त होती है. बीज पूर्ण पका हुआ, अच्छी तरह सूखा हुआ और शीशे की जार या बोतल में रखा हो जिसका मुंह ढका हो और 6 महीने से पुराना न हो, उपयुक्त है. बोने से पहले बीज को 3 ग्राम केप्टान से एक किलो बीज को उपचारित करना चाहिए. (Business Ideas 2022)

बीज बोने के लिए क्यारी जो जमीन से ऊंची उठी हुई संकरी होनी चाहिए इसके अलावा बड़े गमले या लकड़ी के बक्सों का भी प्रयोग कर सकते हैं. इन्हें तैयार करने के लिए पत्ती की खाद, बालू, तथा सदी हुई गोबर की खाद को बराबर मात्र में मिलाकर मिश्रण तैयार कर लेते हैं. जिस स्थान पर नर्सरी हो उस स्थान की अच्छी जुताई, गुड़ाई करके समस्त कंकड़-पत्थर और खरपतवार निकाल कर साफ़ कर देना चाहिए तथा जमीन को 2 प्रतिशत फोरमिलिन से उपचारित कर लेना चाहिए. वह स्थान जहां तेज धूप तथा अधिक छाया न आए चुनना चाहिए. (Business Ideas 2022)

एक एकड़ के लिए 4059 मीटर जमीन में उगाए गए पौधे काफी होते हैं. इसमें 2.5 * 10 * 0.5 आकार की क्यारी बनाकर उपरोक्त मिश्रण अच्छी तरह मिला दें, और क्यारी को ऊपर से समतल कर दें. इसके बाद मिश्रण की तह लगाकर 1/2′ गहराई पर 3′ * 6′ के फासले पर पंक्ति बनाकर उपचारित बीज बो दे और फिर 1/2′ गोबर की खाद के मिश्रण से ढक कर लकड़ी से दबा दें ताकि बीज ऊपर न रह जाए. यदि गमलों या बक्सों का उगाने के लिए प्रयोग करें तो इनमें भी इसी मिश्रण का प्रयोग करें. बोई गई क्यारियों को सूखी घास या पुआल से ढक दें और सुबह शाम होज द्वारा पानी दें. बोने के लगभग 15-20 दिन भीतर बीज जम जाते हैं. जब इन पौधों में 4-5 पत्तियां और ऊंचाई 25 से.मी. हो जाए तो दो महीने बाद खेत में प्रतिरोपण करना चाहिए, प्रतिरोपण से पहले गमलों को धूप में रखना चाहिए, ज्यादा सिंचाई करने से सडऩ और उकठा रोग लग जाता है. उत्तरी भारत में नर्सरी में बीज मार्च-अप्रैल, जून-अगस्त में उगाने चाहिए. (Business Ideas 2022)

खेत की तैयारी :

पौधे लगाने से पहले खेत की अच्छी तरह तैयारी करके खेत को समतल कर लेना चाहिए ताकि पानी न भर सकें। फिर पपीता के लिए 50*50*50 सेमी आकार के गड्ढे 1.5*1.5 मीटर के फासले पर खोद लेने चाहिए और प्रत्येक गड्ढे में 30 ग्राम बी.एच.सी. 10 प्रतिशत डस्ट मिलकर उपचारित कर लेना चाहिए। ऊंची बढऩे वाली किस्मों के लिए 1.8*1.8 मीटर फासला रखना चाहिए। पौधे 20-25 सेमी के फासले पर लगाने चाहिए।(Business Ideas 2022)

पपीते के रोपण :

आपने जो खेत में 2 *2 मीटर की दूरी पर 50*50*50 सेंटीमीटर आकार के गड्ढे खोदें थे उन्हें 15 दिनों के लिए खुले छोड़ दें ताकि ताकि गड्ढों को अच्छी तरह धूप लग जाए और हानिकारक कीड़े – मकोड़े व रोगाणु आदि नष्ट हो जाएं। इसके बाद पौधे का रोपण करना चाहिए. पौधे लगाने के बाद गड्ढे को मिट्टी और गोबर की खाद 50 ग्राम एल्ड्रिन मिलाकर इस प्रकार भरना चाहिए कि वह जमीन से 10-15 सेंटीमीटर ऊंचा रहे. गड्ढे की भराई के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए, जिससे मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाए. पौधे लगाते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि गड्ढे को ढक देना चाहिए जिससे पानी तने से न लगे. (Business Ideas 2022)

फसल कब होती है तैयार :

पपीते की फसल 10 से 12 महीने में तैयार हो जाती है. हरे पपीते को तोड़ने पर कुछ ही दिनों में यह पक कर पीला हो जाता है. फल तोड़ते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि उन पर खरोंच या दाग-धब्बे न पड़ें. आम तौर पर पपीते के एक पेड़ से 30 से 35 किलोग्राम पपीता मिलता है, वहीं प्रति हेक्टेयर 15-20 टन पैदावार होती है. जिससे आमदनी करीब 22 लाख के आस-पास हो सकती है. (Business Ideas 2022)

कितनी होगी कमाई :

पपीते की दो हेक्टेयर खेती से एक सीजन में करीब 22 लाख रुपए तक की कमाई हो सकती है. थोक भाव में 15 रुपए प्रति किलो भी पपीता बेचने पर एक क्विंटल के 1500 रुपए मिल सकते हैं. इस तरह, करीब 25.5 लाख रुपए की फसल हो सकती है. खेती में कुल लागत अगर 3 से साढ़े 3 लाख रुपए तक मान लें, तो भी करीब 22 लाख तक का मुनाफा एक सीजन यानि एक साल में आसानी से कमाया जा सकता है. (Business Ideas 2022)