MBBS New Rule : बड़ी खबर! अब एमबीबीएस में 24 के बजाय होंगे 21 विषय, इतनी होगी मेडिकल कॉलेज की सीटें...
MBBS New Rule: Big news! Now there will be 21 subjects instead of 24 in MBBS, this will be the number of seats in medical college... MBBS New Rule : बड़ी खबर! अब एमबीबीएस में 24 के बजाय होंगे 21 विषय, इतनी होगी मेडिकल कॉलेज की सीटें...




MBBS :
नया भारत डेस्क : जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, भागलपुर समेत देश के सभी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई में अगले साल से बहुत सारे परिवर्तन हो जाएंगे। 2024-29 बैच से एमएमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले एमबीबीएस छात्रों को पढ़ाई में परिवर्तनों का सामना करना पड़ेगा। एनएमसी (नेशनल मेडिकल काउंसिल) ने एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत अब एमबीबीएस में 24 के बजाय 21 विषयों की पढ़ाई होगी। इस के तहत टीबी एंड चेस्ट, पीएमआर व इमरजेंसी मेडिसिन विषय को समाप्त कर दिया गया है। (MBBS New Rule)
एनएमसी की नई गाइडलाइन के मुताबिक, जिन तीन विषयों (इमरजेंसी मेडिसिन, टीबी एंड चेस्ट और पीएमआर) को खत्म किया गया है, उन्हें दूसरे विषयों में मर्ज कर दिया जाएगा। जैसे इमरजेंसी मेडिसिन व टीबी एंड चेस्ट को जनरल मेडिसिन में तो पीएमआर को हड्डी रोग के विषय में मर्ज यानी विलय कर दिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान इन तीन विषयों की फैकल्टी की जरूरत भी नहीं होगी। बदले नियम के तहत मेडिसिन की फैकल्टी अब टीबी एंड चेस्ट व इमरजेंसी मेडिसिन विषय को हड्डी रोग विभाग की फैकल्टी पीएमआर विषय को पढ़ाएगी। (MBBS New Rule)
अधिकतम 10 वर्षों में एमबीबीएस करना होगा पास
अबतक एमबीबीएस प्रथम वर्ष को उत्तीर्ण करने की कोई समय सीमा नहीं थी तो नए एनएमसी की गाइडलाइन में इसकी समय सीमा तय कर दी गयी है। नई गाइडलाइन के मुताबिक, एमबीबीएस प्रथम वर्ष को अधिकतम 4 साल में उत्तीर्ण कर लेना होगा, जबकि इससे पहले इसे उत्तीर्ण करने के लिए कोई साल का निर्धारण नहीं था। एमबीबीएस के छात्र को एमबीबीएस की पढ़ाई को अधिकतम 10 साल में उत्तीर्ण यानी पास कर लेना होगा। अन्यथा एनएमसी उसके डॉक्टर बनने के सपने को ख्वाब ही बने रहने देगा। (MBBS New Rule)
अब नॉन क्लीनिकल सब्जेक्ट जैसे शब्द होंगे अतीत
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर के प्राचार्य डॉ. उमाशंकर सिंह बताते हैं कि अबतक नॉन क्लीनिकल, प्री क्लीनिकल और पैरा मेडिकल शब्दों का प्रयोग किया जाता था, लेकिन एनएमसी की नई गाइडलाइन के मुताबिक, अब सिर्फ क्लीनिकल विषय का ही इस्तेमाल किया जाएगा। हां, इसमें फेज अलग-अलग कर दिया गया है। (MBBS New Rule)
जैसे फेज-1, फेज-2 व फेज-3 (एक) व फेज-3 (2)। फेज-1 जिसे पहले प्री क्लीनिकल विषय कहा जाता था, के तहत एनॉटॉमी, फिजियोलॉजी व बॉयो केमेस्ट्री विषय होगा। फेज-2 के तहत पैथोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी व फार्माकोलॉजी विषय होगा। इसी तरह फेज-3 (1) के तहत आई, ईएनटी, पीएसएम, एफएमटी विषय होगा तो फेज-3 (2) के तहत मेडिसिन, सर्जरी, स्त्री एवं प्रसव रोग व पीडियाट्रिक्स के विषय होंगे। (MBBS New Rule)
अधिकतम 150 सीटें
नए नियम के अनुसार 2024-25 शैक्षणिक सत्र से शुरू होने वाले नए मेडिकल कॉलेजों में 150 से अधिक एमबीबीएस सीटें नहीं हो सकेंगी। चिकित्सा शिक्षा नियामक ने नए कॉलेजों के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में प्रत्येक दस लाख आबादी पर 100 एमबीबीएस सीटों के अनुपात का पालन करना अनिवार्य कर दिया है। (MBBS New Rule)