भगवान जगन्नाथ की बहुदा यात्रा, भगवान पुनः निज धाम पधारे




भीलवाड़ा। प्रति वर्ष आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को जगन्नाथ मंदिर शास्त्री नगर कांवाखेडा से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा विभिन्न मार्गो व स्थानों से होती हुई हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मन्दिर भीलवाड़ा में दस दिन विश्राम करते हैं।तथा आषाढ़ शुक्ल पक्ष एकादशी यानि देवशयनी एकादशी को पुनः निज धाम मे विराजित होते हैं। बुधवार शाम को आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने भगवान जगन्नाथ का पं सत्यनारायण शर्मा, पं मनमोहन शर्मा, दो वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विधिवत पूजन व आरती करके निज धाम के लिए प्रस्थान कराया। स्वामी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ यात्रा 10 दिन की होती है। पद्म पुराण के अनुसार भगवान जगन्नाथ की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई तब जगन्नाथ व बलभद्र व लाडली बहन सुभद्रा को रथ में बिठाकर नगर दिखाने निकल पडे। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से दसमी तिथि 10 दिन तक जन सामान्य के बीच में रहते है। देवशयनी एकादशी वाले दिन निज धाम में बिराजित होते हैं। स्वामी के साथ आश्रम के संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी बालक इंद्रदेव, कुणाल,सिध्दार्थ, मिहिर, संस्था के सचिव हेमन्त वच्छानी, पल्लवी वच्छानी, एवं अन्य भक्तों ने भगवान के दर्शन किए। कांवा खेड़ा जगन्नाथ मंदिर पर बहुदा यात्रा के पहुंचने पर समिति अध्यक्ष शांतिलाल गुगलिया एवं अन्य भक्त गणों द्वारा भगवान का अगुवाई कर स्वागत सत्कार किया एवं प्रसाद वितरण हुआ।