होली सबसे माफी मांगने का दिन है, संकल्प बनाओ कि इसी जीवन में पार होना है - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज




भारत के लोगों पर तो दयालु प्रभु का हाथ है लेकिन गलत खान-पान, चाल-चलन से हैवानियत आने की वजह से बाकी देशों पर से हाथ हट रहा है
होली सबसे माफी मांगने का दिन है, संकल्प बनाओ कि इसी जीवन में पार होना है - सन्त बाबा उमाकान्त महाराज
उज्जैन (म.प्र) : इस समय के पूरे महापुरुष उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने होली कार्यक्रम पर उज्जैन आश्रम में दिए व अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि समय की कीमत होती है। आज होली हो जाने दो, उसके बाद देखना, मुश्किलें दिखाई पड़ने लगेगी। समझ लो भारत के लोगों के सर पर उस दयालु, दीनबंधु दीनानाथ, गरीब परवर, रहमान का हाथ है, बाकी देशों से हाथ अब धीरे-धीरे हट रहा है क्योंकि उनके खान-पान, चाल-चलन गलत हो रहे हैं, उनके अंदर से मानवता इंसानियत खत्म हो रही है, उनके रोम-रोम में हैवानियत आ रही है। इंसान जो भगवान खुदा, बन सकता है, जो मम खुदाय कहा, उसमें जब राक्षसी प्रवत्ति हैवानियत आ जाएगी तब क्या होगा? तब तो विनाश होगा ही होगा, विनाश की लीलाएं दिखाई पड़ेगी। देखो, जहां-जहां हमले हुए, लाशों पर लाशों का होगा नजारा, सुनते तो जाओ संदेश हमारा। चाहे मास्को रहा हो, चाहे जहां-जहां देशों में युद्ध हुए या जहां हमले हुए हैं, जहां जनधन की हानि हुई है, वहां का नजारा देख नहीं सकते हो। एक बार भी फोटो उसकी देख लोगे तो वही दिमाग में रहेगा, हड्डी पसलियां सर हाथ अलग-अलग पड़ा है, खून बिखरा है, मांस के लोथड़े पड़े हैं तो आप जल्दी सो नहीं पाओगे, ढंग से खा नहीं पाओगे, वही चीज दिल-दिमाग में घूमती रहेगी। यह सब घटनाएं तो अभी ट्रेलर हैं, कुदरती कहर की पिक्चर तो आगे शुरू होगी।
अभी लोगों को समझाने, बचाने का समय है
अभी तो मौका मिल रहा है, प्रभु का हुक्म हो रहा है कि अभी समझ लो, जान बचा लो। जान बचाना पुण्य का काम होता है नहीं तो युग परिवर्तन के समय भारी जन हानि होती है। जब उसका थप्पड़ लप्पड़ लगता है तो दिन में तारे दिखाई देने लगते हैं, मुंह पीछे घूम जाता है, (उनके दुनिया छोड़ देने के बाद) तब किसको बचाओगे? अभी समय का फायदा उठा लो, लोगों को बचाओ।
होली माफी मांगने का दिन है
अपनी-अपनी गलती की माफी मांगेगे सब लोग, वर्षा होगी प्रेम की भीगेगे हम सब लोग। इतनी भीड़। अब यह नदी नहीं रह गई, होली का कार्यक्रम समंदर हो रहा है। एक-दूसरे को नहीं पहचानते हो, यदि कोई गलती नहीं भी हुई हो तो पिछले जन्मों की गलतियां की माफी मांगी जाती है, पिछले जन्मों के कर्मों को काटने के लिए लोगों को एक जगह पर इकट्ठा किया जाता है। एक-दूसरे का लेना-देना कर्म-कर्जा इसी भीड़ में, इसी धक्का-मुक्की में अदा हो जाता है। आप तो सबसे माफी मांग लो। आलोचकों से भी, दुष्टता करने वालों से भी माफी मांग लो, गुरु महाराज से सबके भलाई की कामना कर लो। आप प्रेमीयों के लिए मैं कामना कर रहा हूं। आज समय, मौका, मुहूर्त है। आज एक दूसरे के प्रति दिल दिमाग में ईर्ष्या भरी हुई है, इसकी गंदगी साफ करने का मौका आज है, फायदा उठाओ। यह संकल्प आज होली के दिन आप बनाओ कि हमको इसी जीवन में पार होना है। अब इस दुख के संसार में हमको जन्मने और मरने की पीड़ा झेलने के लिए नहीं आना है, इस 84 लाख योनियों में हमको चक्कर नहीं लगाना है।