Mushroom Farming: कश्मीर की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर! घर के अंदर ही शुरू की Mushroom Ki Kheti, हो रहा तगड़ा मुनाफा, जानिए कैसे हुई शुरुआत....

Mushroom Farming: Women of Kashmir are becoming self-sufficient! Mushroom farming started inside the house, getting huge profits, know how it started... Mushroom Farming: कश्मीर की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर! घर के अंदर ही शुरू की Mushroom Ki Kheti, हो रहा तगड़ा मुनाफा, जानिए कैसे हुई शुरुआत....

Mushroom Farming: कश्मीर की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर! घर के अंदर ही शुरू की Mushroom Ki Kheti, हो रहा तगड़ा मुनाफा, जानिए कैसे हुई शुरुआत....
Mushroom Farming: कश्मीर की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर! घर के अंदर ही शुरू की Mushroom Ki Kheti, हो रहा तगड़ा मुनाफा, जानिए कैसे हुई शुरुआत....

Success Story of Mushroom Farming :

 

नया भारत डेस्क : आज के समय में महिलाओं के लिए अतमनिर्भर होने के बहुत से रास्ते हैं. देश में आत्मनिर्भर भारत का अभियान चलाया जा रहा है. इसी अभियान से प्रेरणा लेकर कुछ महिलाएं सफलता की सीढ़ियां चढ़ती है और बाकी महिलाओं के सामने एक मिसाल बनती हैं. आज हम बात करेंगे बिहार की समस्तीपुर की महिलाओं की, जो अपनी मेहनत व हौंसले के दम पर घर पर ही मशरुम की खेती करके लाखों रुपये कमा रही हैं व ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर रही हैं. (Success Story of Mushroom Farming)

बिहार के समस्तीपुर में महिलाएं मशरुम की खेती (Mushroom ki kheti ) करके लाखों रुपये का मुनाफा कमा रही हैं। बिहार के मशरूम मैन कहे जाने वाले डॉक्टर दायाराम ने समस्तीपुर के गरीबों की जिंदगी बदलने के मकसद से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को मशरुम की खेती की मुफ्त में ट्रेनिंग दी और मशरूम के बीज भी दिए। फिर, इन महिलाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक टीम लगाई, जिसने इन महिलाओं को घर के अंदर ही मशरूम उगाने की ट्रेनिंग देनी शुरू की। खास बात है कि है कि ये सभी परिवार किसी खेत या कमरे में मशरूम की खेती नहीं करते, बल्कि जिस झोपड़ीनुमा बने घर में वे रहते हैं उसी के अंदर मशरूम की खेती कर रहे हैं। इसके लिए महिलाओं को मशरुम की खेती (Mushroom Cultivation) से संबधित रख- रखाव और तापमान की जानकारी दी। अब पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी मशरूम की खेती झोपड़ी नुमा घर में कर रही हैं और लाखों रुपये कमा रही हैं। (Success Story of Mushroom Farming)

मशरुम के एक बैग से मिलता है तीन किलो तक का उत्पादन :

आज बिहार के समस्तीपुर के किसान घर पर ही मशरुम की खेती (Mushroom ki kheti) कर रहे हैं। इससे एक परिवार एक महीने में 10 से 20 बैग मशरूम का उत्पादन कर रहा है व बाजार में बेंच भी रहा हैं। इससे एक परिवार को 4 से 5 हजार रुपये की कमाई आसानी से हो रही है। ये परिवार मशरूम की ओएस्टर वैरायटी की खेती कर रहे हैं जिसके बारे में इन किसान परिवारों को प्रशिक्षण भी दिया गया हैं। मशरुम की इस किस्म की बढ़िया उपज के लिए 25 से 40 डिग्री तक के तापमान की जरुरत होती है। 20 से 25 दिन के बाद ही इस किस्म के मशरूम की फली दिखने लगती है और 40 दिनों में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसके एक बैग में से लगभग तीन किलो तक मशरूम का उत्पादन प्राप्त होता हैं। (Success Story of Mushroom Farming)

समस्तीपुर के दर्जनों परिवार कर रहे मशरूम की खेती :

बिहार के समस्तीपुर के किसान सफलतापूर्वक मशरूम की खेती कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान शंकर बताते हैं कि उन्होंने मशरूम की खेती के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। लेकिन मशरुम की खेती की ट्रेनिंग लेने के बाद अब तो घर की महिलाएं भी घर में मशरूम उगा रही हैं। उन्होंने बताया कि अब उनका मोहल्ला मशरूम वाला मोहल्ला के नाम से शहर में मशहूर हो गया है। अब इस मोहल्ले में दर्जनों किसान परिवार मशरूम की खेती कर रहे हैं। (Success Story of Mushroom Farming)

वहीं हेमलता ने बताया कि उन्होंने बटन मशरूम का उत्पादन शुरू करने से पहले उन्होंने इसका प्रशिक्षण पूसा केंद्र में लिया था। जिसके  बाद मशरूम की खेती करने के लिए धान के पुआल से 20 फिट लम्बा और 20 फिट चौड़ी एक झोपड़ी नुमा घर बनाया। इस घर में न तो धूप पहुंच सकती थी और न ही हवा। जिससे मशरूम का अच्छा उत्पादन हो सके। फिर मशरुम की खेती करने के लिए मिट्टी तैयार की। घर के अंदर बांस का उपयोग करके चार बेड 3 खाने के तैयार किए। इसके बाद उन्होंने मशरुम की खेती की जिससे आज वह लाखों रुपये महीना तक कमा रही हैं। (Success Story of Mushroom Farming)

बाजार में 150 से 250 रुपये किलो बिकता है मशरूम :

आज-कल मशरुम को लोग अपने भोजन में शामिल कर रहें हैं। जिसके कारण मशरुम की मांग बाजार में साल भर बनी रहती हैं। इसीलिए मशरुम की खेती करना किसानों के लिए फायदे का सौदा हो गया हैं। बाजार में मशरुम की कीमत सीजन के अनुसार बदलती रहती हैं लेकिन 1 किलों मशरुम 150 से 250 रुपये किलो तक आसानी से बिक जाता है। (Success Story of Mushroom Farming)

मशरूम की खेती के लिए सरकार देती है प्रशिक्षण एवं सब्सिडी :

पिछले कुछ वर्षों से मशरूम की खेती को सरकार द्वारा काफी बढ़ाया दिया जा रहा है क्योंकि यह किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है। किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार मशरूम की खेती पर सब्सिडी एवं प्रशिक्षण भी देती है। नई तरह की फसल होने के कारण एवं अलग-अलग तरह के मशरूम के उत्पादन के लिए किसानों के लिए प्रशिक्षण लेना जरूरी हो जाता है ताकि किसान इसका उत्पादन बिना किसी नुकसान के कर सकें। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों मशरूम की खेती के लिए ट्रेनिंग के अलावा उसके विभिन्न उत्पाद तैयार करने के लिए भी प्रशिक्षण देती है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ ही उद्यम स्थापित किए जा सकें। (Success Story of Mushroom Farming)

कहाँ से ले प्रशिक्षण :

बिहार के समस्तीपुर में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद विश्वविद्यालय की तरफ से किसानों को मशरूम के विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण संस्थान पूसा के द्वारा किसानों को मशरूम पर कई प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है। इसके लिए विश्वविद्यालय समय – समय पर नोटिफकेशन जारी करती है। ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए पंजीयन पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर किया जाता है। मशरूम की खेती की प्रशिक्षण के लिए प्रशिक्षण का कुछ शुल्क मिर्धारित है। इसके अलवा प्रशिक्षण के लिए रहने तथा खाने के लिए अलग से शुल्क देना होगा या फिर आप खुद से व्यवस्था कर सकते हैं। (Success Story of Mushroom Farming)

प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु कहां और कैसे कराएं पंजीयन :

पंजीयन के लिए आवेदक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पूसा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय समस्तीपुर से संपर्क कर सकते हैं। कोई भी प्रतिभागी आवेदन करना चाहते हैं तो वह ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आवेदक को एक फार्म भरकर तथा ट्रेनिंग प्रोग्राम के अनुसार ऑनलाइन जमा करके फार्म को आनलाइन भेज सकते हैं। (Success Story of Mushroom Farming)