क्रांतिकारी योद्धा कविता लिखा गया है :- ✍️ लेखक :- सोनू कृष्णन (झारखंड)




क्रांतिकारी योद्धा
संग्राम को किया था जिसने शुरू ,
वो थे सुखदेव , भगत सिंह और राजगुरु ।
तीनों ने दे दिया था हंसते-हंसते जान ,
वह कह कर चले गए मेरा भारत महान ।।
आजादी के प्रति जिसने लुटाई जान ,
वह वीर कितने करते थे देश का सम्मान ।
भारत मां ने पुत्र खोया था अपनों को ,
आजादी के बाद हुआ जिनका पूरा सपनों को ।।
आजादी दिलाने चला था लेकर जिसने पूरा टोला ,
जिनके रक्षक थे स्वयं शंभू भोला ।
भारत के आजादी के द्वार जिस ने खोला ,
पहन रखे थे वह बसंती रंग के चोला ।।
हिंदुस्तानियों ने जिनको ललकारा ,
वो कहलाए अंग्रेजों को हत्यारा ।
भारत मां ने जिसको पुकारा ,
जो बोल गए इंकलाब का नारा ।।
बेड़ियां ताल दे रही जिनकी स्वर में ,
इतिहास रच दिया वह आज की लहर में ।
भगत सिंह का एक कहर में ,
खलबली मचता था अंग्रेजों की शहर में ।।
✍️ लेखक :- सोनू कृष्णन (झारखंड)