Digital Beggar: डिजिटल भिखारी देखकर रह जाएंगे दंग.... छुट्टे नहीं हैं का बहाना नहीं चलेगा... कहता है, 'बाबू जी ऑनलाइन पे कर दो'.... नकद नहीं Google Pay व Phone Pe सीधे खाते में लेता है भीख.... खुद को बताता है मोदी का फैन और बताता है लालू का बेटा.......

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Digital Beggar: डिजिटल भिखारी देखकर रह जाएंगे दंग.... छुट्टे नहीं हैं का बहाना नहीं चलेगा... कहता है, 'बाबू जी ऑनलाइन पे कर दो'.... नकद नहीं Google Pay व Phone Pe सीधे खाते में लेता है भीख.... खुद को बताता है मोदी का फैन और बताता है लालू का बेटा.......

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डेस्क। बिहार में एक डिजिटल भिखारी काफी चर्चा में है। ये भिखारी भीख में नोट और चिल्लर नहीं लेता, बल्कि सीधे खाते में पैसे लेता है। बिहार के बेतिया का ये डिजिटल भिखारी काफी चर्चा में है। डिजिटल भीखारी राजू बचपन से स्टेशन पर भीख मांगता आ रहा है। समय बदला आज जमाना डिजिटल पेमेंट का है। ऐसे में राजू ने अपने भीख मांगने का अंदाज भी बदल लिया है। राजू अब लोगों से फोन पे या गूगल पे पर डिजिटल तरीके से भीख मांगते हैं। जिसकी चर्चा चारों तरफ है। एक तरफ राजू लालू यादव को अपना पापा बोलते हैं तो दूसरी तरफ राजू खुद को पीएम मोदी का फैन बताते हैं। 

राजू का कहना है कि वो प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात सुनना नहीं भूलता है।  दरअसल बेतिया के बसवरिया वार्ड संख्या 30 के निवासी प्रभुनाथ प्रसाद का 40 साल का इकलौता बेटा राजू प्रसाद मंदबुद्धि है। नतीजतन तीन दशकों से रेलवे स्टेशन समेत अन्य जगहों पर भीख मांगकर जीवन यापन चला रहा है। राजू के भीख मांगने का अंदाज इतना निराला है की लोग उसके अंदाज पर फिदा होकर खुशी खुशी भीख देते हैं।

छुट्टे पैसे न होने का बहाना नहीं

उसने बताया कि कई बार लोग यह कहकर सहयोग करने से इनकार कर देते थे। कि उनके पास छुट्टे पैसे नहीं हैं। कई यात्री कहते हैं कि पे-फोन आदि ई-वॉलेट के जमाने में अब नगद लेकर चलने की जरूरत हीं नहीं पड़ती है। इस कारण अब भीख मांगने में दिक्कत आने लगी। इसके बाद राजू ने बैंक खाता खोला साथ ही ई-वॉलेट भी बना लिए। अब वह गूगल-पे और फोन-पे आदि से भी भीख मांगता है। उसने बताया कि अधिकांश लोग तो नगद ही पैसे देते हैं लेकिन कुछ लोग ई-वॉलेट में भी मनी ट्रांसफर करते हैं।

बैंक खाता खोलने में आई बहुत दिक्कतें

राजू ने बताया कि एक भिखारी होने के नाते उसके लिए बैंक खाता खोलने में भी काफी दिक्कतें हुई। राजू का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया से प्रभावित होकर वह काफी पहले से बैंक खाता खोलना चाहता था। इसके लिए जब बैंक में संपर्क किया तो आधार कार्ड और पैन कार्ड की मांग की गई। आधार कार्ड तो पहले से था लेकिन पैन कार्ड बनवाना पड़ा। राजू ने बीते महीने ही बेतिया के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य शाखा में खाता खुलवाया है। बैंक खाता खुल जाने के बाद ई-वॉलेट भी बनवा लिए।

लालू के हर कार्यक्रम में होता है शामिल

कहानी यहीं खत्म नहीं होती खुद को लालू प्रसाद का बेटा कहने वाला राजू पश्चिम चंपारण जिले में लालू के सभी कार्यक्रमों में पहुंचता था। वह बताता है कि लालू यादव भी उसके फैन थे। वह उनका इतना चहेता था कि साल 2005 में लालू प्रसाद यादव के आदेश पर उसे सप्तक्रांति सुपर फास्ट एक्सप्रेस के पैंट्री कार से रोज भोजन मिलता था। यह सिलसिला साल 2015 तक चला। इसके बाद अब वह अपने पैसे से भोजन करता है। और स्टेशन ही उसका आशियाना है। बैंक खाता खुल जाने के बाद ई-वॉलेट भी बनवा लिए।