Sidhu Jail: नवजोत सिंह सिद्धू को झटका.... सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई से चीफ जस्टिस ने किया इनकार.... SC ने कही यह बात.... लाखों कमाने वाले सिद्धू को 3 महीने जेल में नहीं मिलेगा एक पैसा भी.....

Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case डेस्क। नवजोत सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है. नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उन्होंने सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत नहीं दी है. बता दें कि सिद्धू को आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन अब उन्होंने हेल्थ प्रॉब्लम का हवाला देते हुए इसके लिए समय मांगा था. सिद्धू की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए बेंच की तरफ से कहा गया है कि इसको चीफ जस्टिस की बेंच के सामने रखा जाए.

Sidhu Jail: नवजोत सिंह सिद्धू को झटका.... सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई से चीफ जस्टिस ने किया इनकार.... SC ने कही यह बात.... लाखों कमाने वाले सिद्धू को 3 महीने जेल में नहीं मिलेगा एक पैसा भी.....
Sidhu Jail: नवजोत सिंह सिद्धू को झटका.... सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई से चीफ जस्टिस ने किया इनकार.... SC ने कही यह बात.... लाखों कमाने वाले सिद्धू को 3 महीने जेल में नहीं मिलेगा एक पैसा भी.....

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डेस्क। नवजोत सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है. नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उन्होंने सरेंडर से राहत की अर्जी पर तुरंत सुनवाई की मांग की थी, जिसकी सुप्रीम कोर्ट ने इजाजत नहीं दी है. बता दें कि सिद्धू को आज पटियाला कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन अब उन्होंने हेल्थ प्रॉब्लम का हवाला देते हुए इसके लिए समय मांगा था. सिद्धू की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करते हुए बेंच की तरफ से कहा गया है कि इसको चीफ जस्टिस की बेंच के सामने रखा जाए. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

चीफ जस्टिस के पास सिद्धू के वकील ने इसपर तुरंत सुनवाई की मांग की. लेकिन चीफ जस्टिस ने इसकी इजाजत नहीं दी और कहा कि वह रजिस्ट्री के पास जाकर पहले याचिका दें. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तुरंत सुनवाई से इनकार के बाद अब सिद्धू के वकील कोर्ट रजिस्ट्री जा रहे हैं और 2 बजे सुनवाई की गुजारिश करेंगे. जस्टिस खानविलकर की बेंच के सामने सिंघवी ने कहा कि यह पुराना मामला है और स्वास्थ्य को लेकर दिक्कतें हैं. इसलिए कुछ हफ्तों का वक्त चाहिए होगा. हालांकि, सिंघवी ने यह नहीं बताया कि सिद्धू को स्वास्थ्य की क्या दिक्कतें हैं. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

दूसरी तरफ पीड़त के वकील ने सिद्धू की अर्जी का विरोध किया है. कहा गया कि मामला पुराना है और अब जाकर न्याय मिला है. एक-एक दिन में लाखों रुपये की कमाई करने वाले सिद्धू सिर्फ 30 से 90 रुपये रोज ही कमा पाएंगे. इतना ही नहीं जेल में शुरुआती तीन महीने उन्हें बिना वेतन के ही बिताना पड़ेगा. मतलब तीन महीने उन्हें जेल में काम तो करना पड़ेगा लेकिन उसका उन्हें कोई भुगतान नहीं होगा. जेल में सिद्धू की लाइफ एकदम बदल जाएगी. रंगीन ड्रेसिंग सेंस वाले सिद्धू को जेल में सफेद कपड़े पहनने होंगे क्योंकि जेल नियम के अनुसार सजायाफ्ता कैदियों को सफेद कपड़े पहनना जरूरी है. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

 

जेल के नियमों के अनुसार, कठोर कारावास की सजा पाए सिद्धू को अभी अकुशल मानते हुए तीन महीने काम करना प्रशिक्षण माना जाएगा. इस दौरान उन्हें तीन महीने अवैतनिक काम करना होगा. तीन महीने के बाद वह अर्ध-कुशल और उसके बाद कुशल कैदी बनेंगे. उसके बाद उन्हें श्रेणी के अनुसार महीने में 30 रुपये से 90 रुपये कमाई होगी. सूत्रों की मानें तो सिद्धू पढ़े-लिखे हैं इसलिए उन्हें जेल फार्म या फैक्ट्री में काम दिया जा सकता है, जहां बिस्किट और फर्नीचर बनते हैं. उन्हें पुस्तकालय या कार्यालय में भी तैनात किया जा सकता है. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

 

27 दिसंबर 1988 की शाम सिद्धू अपने दोस्त रूपिंदर सिंह संधू के साथ पटियाला के शेरावाले गेट की मार्केट में पहुंचे. ये जगह उनके घर से 1.5 किलोमीटर दूर है. उस समय सिद्धू एक क्रिकेटर थे. उनका अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू हुए एक साल ही हुआ था. इसी मार्केट में कार पार्किंग को लेकर उनकी 65 साल के बुजुर्ग गुरनाम सिंह से कहासुनी हो गई. बात हाथापाई तक जा पहुंची. सिद्धू ने गुरनाम सिंह को घुटना मारकर गिरा दिया. उसके बाद गुरनाम सिंह को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

 

रिपोर्ट में आया कि गुरनाम सिंह की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी. उसी दिन सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर पर कोतवाली थाने में गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज हुआ. सेशन कोर्ट में केस चला. 1999 में सेशन कोर्ट ने केस को खारिज कर दिया. साल 2002 में पंजाब सरकार ने सिद्धू के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. इसी बीच सिद्धू राजनीति में आ गए. 2004 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर सीट से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)

 

 

दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट का फैसला आया. हाईकोर्ट ने सिद्धू और संधू को दोषी ठहराते हुए 3-3 साल कैद की सजा सुनाई. साथ ही 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. सिद्धू ने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. (Navjot singh sidhu surrender, Sidhu jail, Navjot singh sidhu road Rage Case)