CG के निलंबित ADG की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की खरी-खरी.... जीपी सिंह को SC से राहत, लेकिन शीर्ष अदालत की कड़ी टिप्पणी, वसूली करेंगे तो ब्याज सहित चुकाना होगा.... सरकार के करीबी हैं तो एक दिन भुगतना होगा…. राज्य सरकार को नोटिस जारी.......




डेस्क। आज निलंबित ADG गुरजिंदर पाल सिंह के मामले में सुनवाई थी। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने थोड़ी राहत जीपी सिंह को जरूर दी है। जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी FIR पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दे दिया। यानी चार हफ्ते तक राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनकी गिरफ्तार पर रोक लगाई है। साथ ही कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्तूबर को सारे मामले की सुनवाई की तारीख तय की है। निलंबित IPS को रहत देते हुए उन पर तल्ख टिप्पणी भी की है।
छत्तीसगढ़ के निलंबित ADG गुरजिंदर पाल सिंह के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर बड़ी टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमण ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा ‘आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते। आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया क्योंकि आप सरकार के करीब हैं। यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा। जब आप सरकार के साथ अच्छे हैं तो आप वसूली कर सकते हैं, लेकिन अब आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा।’
जीपी सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस प्रकार के अधिकारियों को सुरक्षा की आवश्यकता है। पिछली सुनवाई में पुलिस अफसरों के सत्ताधारी दलों के साथ गठजोड़ पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई थी। CJI ने कहा था कि देश में ये परेशान करने वाला ट्रेंड है। कोर्ट ने कहा था- ‘पुलिस अफसर सत्ता में मौजूद राजनीतिक पार्टी का फेवर लेते हैं और उनके विरोधियों के खिलाफ कार्यवाही करते हैं। बाद में विरोधी सत्ता में आते हैं तो पुलिस अफसरों पर कार्यवाही करते हैं।
इस हालात के लिए पुलिस विभाग को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उनको कानून के शासन पर टिके रहना चाहिए। इसे रोकने की जरूरत है।’ कोर्ट ने कहा- ‘यह बहुत ज्यादा हो रहा है। हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें? यह देश में एक नया ट्रेंड है। उन्हें जेल जाना होगा।’ हालांकि टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ में दर्ज तीसरी FIR पर भी जीपी सिंह को गिरफ्तारी पर अंतरिम संरक्षण दे दिया और छत्तीसगढ़ सरकार को नोटिस जारी कर 1 अक्तूबर को सारे मामले की सुनवाई की तारीख तय की है।