फ्री शिक्षा टॉप क्लास शिक्षक फिर भी पेरेंट्स लाखों रुपए खर्च कर क्यों भाग रहे हैं प्राइवेट स्कूलों की ओर जानें पढ़े पूरी खबर




बिलासपुर//स्कूल में मौजूद सुविधाओं पर गौर किया जाए तो कहने को तो कक्षा पहली से पांचवी सभी स्कूलों में शौचालय हैं लेकिन इन शौचालयों में ना ही पानी की नियमित आपूर्ति होती है। न ही यहां पर सफाई को लेकर कोई विशेष प्रबंध है। मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण शौचालय इतने दयनीय स्थिति में है कि इनमें प्रवेश करना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। स्कूल में छात्राओं के लिए बने शौचालयों की हालत तो इतनी खराब है कि इनके उपर छत ही नहीं है। इसके अलावा ना ही यहां पर पानी की आपूर्ति है। इनमें कभी भी सफाई नहीं की जाती। जिसके कारण यहां पर काफी गंदगी भी फैली हुई है। समय पर सफाई न होने के कारण आज कूड़ादान बन गया है आसपास का माहौल भी दुर्गधमय रहता है। जिससे विद्यार्थियों के साथ-साथ स्टाफ सदस्यों को भी परेशानी होती है। स्कूल के बाहर व आसपास भी साफ-सफाई के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। स्कूल के प्रांगण में बारिश का दूषित पानी जमा रहता है। शौचालय भी कूड़े से भरे रहते है। उपर से प्रांगण में पानी भरे होने के कारन विद्यार्थियों को स्कूल तक पहुंचने में भी परेशानी होती है। स्कूल में व्याप्त इन समस्याओं के समाधान के लिए छोटे छोटे विद्यार्थी जाये तो जाये कहा लेकिन समस्या का समाधान निकाले कौन जो यहाँ के एच एम् है वो कहते है की उन्होंने उच्च अधिकारीयों को इसकी जानकारी दे दी है पर सवाल ये है की उच्च अधिकारी सफाई कराने तो नहीं आएंगे करना कराना तो एच एम् को ही है फिर अपनी जिम्मेदारी से क्यों मुंह मोड़ रहे ये जिम्मेदार सरकार स्कूलों की माली हालत सुधारने प्रत्तेक वर्ष करोडो खर्च करती है फिर भी सरकारी स्कूलों में साफ सफाई नहीं है शायद यही कारन है की धीरे धीरे पालको का सरकारी स्कूलों से मोह भंग हो रहा है और सभी प्राइवेट स्कूलों की आोर भाग रहे है