Modi Cabinet Decisions: मोदी कैबिनेट का किसानों के लिए बड़ा ऐलान... मिलेगा सस्ता लोन और ब्याज पर 1.5% छूट....
Modi Cabinet Decisions, Cabinet approves Interest subvention of 1.5% per annum on Short Term Agriculture Loan upto Rupees Three lakh नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 प्रतिशत सालाना ब्याज अनुदान को मंजूरी दी। सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कम ब्याज दरों पर लोन देती है। जिन किसानों ने तीन लाख रुपए तक का लोन शॉर्ट टर्म के लिए लिया है, उन्हें ब्याज में 1.5 परसेंट की छूट मिलेगी। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ा एलान किया है। कैबिनेट ने कम अवधि का लोन समय से चुकाने वाले किसानों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को जारी रखा है। (Additional budgetary provisions of Rs 34,856 crore for the period of 2022-23 to 2024-25 under the scheme)




Modi Cabinet Decisions, Cabinet approves Interest subvention of 1.5% per annum on Short Term Agriculture Loan upto Rupees Three lakh
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीन लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण पर 1.5 प्रतिशत सालाना ब्याज अनुदान को मंजूरी दी। सरकार किसान क्रेडिट कार्ड के तहत कम ब्याज दरों पर लोन देती है। जिन किसानों ने तीन लाख रुपए तक का लोन शॉर्ट टर्म के लिए लिया है, उन्हें ब्याज में 1.5 परसेंट की छूट मिलेगी। केंद्र सरकार ने किसानों के लिए बड़ा एलान किया है। कैबिनेट ने कम अवधि का लोन समय से चुकाने वाले किसानों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को जारी रखा है। (Additional budgetary provisions of Rs 34,856 crore for the period of 2022-23 to 2024-25 under the scheme)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर ब्याज अनुदान को बहाल कर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी है। इस प्रकार 1.5 प्रतिशत का ब्याज अनुदान उधार देने वाले संस्थानों (सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, निजी क्षेत्र के बैंक, लघु वित्त बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और वाणिज्यिक बैंकों से सीधे तौर पर जुड़े कम्प्यूटरीकृत पीएसीएस) को किसानों को वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण देने के लिए प्रदान किया गया है। (Decision will ensure adequate credit flow in agriculture sector to the farmer)
इस योजना के अंतर्गत ब्याज अनुदान सहायता में बढ़ोतरी के लिए 2022-23 से 2024-25 की अवधि में 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी। ब्याज अनुदान में वृद्धि से कृषि क्षेत्र में ऋण के प्रवाह की स्थिरता सुनिश्चित होने के साथ ऋण देने वाले संस्थानों विशेष रूप से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति और व्यवहार्यता सुनिश्चित होगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पर्याप्त कृषि ऋण सुनिश्चित होगा। (Cabinet approves Interest subvention of 1.5% per annum on Short Term Agriculture Loan upto Rupees Three lakh)
बैंक फंड की लागत में वृद्धि को समाहित करने में सक्षम होंगे और किसानों को उनकी कृषि आवश्यकताओं के लिए ऋण देने के लिए प्रोत्साहित करेंगे तथा अधिक से अधिक किसानों को कृषि ऋण का लाभ दे सकेंगे। इससे रोजगार सृजन में मदद मिलेगी, क्योंकि लघु अवधि के कृषि ऋण पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन सहित सभी कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं। किसान समय पर ऋण चुकाते समय 4 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण लेते रहेंगे।
किसानों को सस्ती दर पर बिना किसी बाधा के ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। तदनुसार, किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि उन्हें किसी भी समय ऋण पर कृषि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सशक्त बनाया जा सके। यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान कर सकते हैं, भारत सरकार ने ब्याज अनुदान योजना (आईएसएस) शुरू की, जिसका नाम बदलकर अब संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) कर दिया गया है।
ताकि कम ब्याज दरों पर किसानों को लघु अवधि के ऋण प्रदान किए जा सकें। इस योजना के तहत कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों- पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि में लगे किसानों के लिए 7 प्रतिशत की सालाना दर से 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध है। शीघ्र और समय पर ऋण की अदायगी के लिए किसानों को अतिरिक्त 3 प्रतिशत अनुदान (शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन-पीआरआई) भी दिया जाता है। अतः यदि कोई किसान अपना ऋण समय पर चुकाता है, उसे 4 प्रतिशत सालाना की दर से ऋण मिलता है।
किसानों को यह सुविधा देने के लिए भारत सरकार इस योजना की पेशकश करते हुए वित्तीय संस्थानों को ब्याज अनुदान (आईएस) प्रदान करती है। यह सहायता केंद्र द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है। यह बजट व्यय और लाभान्वितों को शामिल करने के अनुसार डीए और एफडब्ल्यू की दूसरी सबसे बड़ी योजना भी है। हाल ही में, आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत, 2.5 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले किसानों को 3.13 करोड़ से अधिक नये किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) जारी किये गये हैं। पीएम-किसान योजना के तहत नामांकित किसानों के लिए संतृप्ति अभियान जैसी विशेष पहल ने भी प्रक्रिया और दस्तावेज को सरल बनाया है।