क्या बांग्लादेश में तख्तापलट की तरह भारत में भी विपक्ष द्वारा किसी विदेशी देश के साथ मिलकर झूठे वादों के आधार पर सरकार बनाने और गिराने की साजिश रची गई थी या रची जा रही है?
Like the coup in Bangladesh
NBL, 07/08/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: Like the coup in Bangladesh, was a conspiracy hatched or is being hatched in India too by the opposition in collaboration with some foreign country to form and topple the government on the basis of false promises? पढ़े विस्तार से....
* भारत के लोगों को भी सावधान और सतर्क रहने की जरूरत....
भारत में भी हालात ऐसे ही हो सकते हैं, ऐसे में हमें सावधान और सतर्क रहकर सोचने की जरूरत है। क्योंकि जिस दिन ये पश्चिमी देश हमारे यहां लोकतंत्र की रक्षा के नाम पर घुसे, उस दिन के लिए हमें बांग्लादेश से सबक लेने की जरूरत है कि उनके साथ क्या हुआ। हमारे राजनेता देश के बाहर जाकर यह कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र की रक्षा के लिए अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों को हस्तक्षेप करना चाहिए। हमें यह भी देखना होगा कि क्या हम राज्यों में विभेद देखकर, जातियों में बंटकर उन राजनीतिक ताकतों के हाथों की कठपुतली तो नहीं बन रहे हैं जो चुनाव जीतकर सत्ता में नहीं आ पाए और उन्हें लोकतांत्रिक प्रक्रिया से हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।
* भारत में भी बांग्लादेश जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश....
जिस तरह से 2024 के लोकसभा चुनाव में कुछ पार्टियों ने 'आरक्षण खत्म होगा' और 'संविधान बदला जाएगा' का डर दिखाकर चुनाव की पूरी व्यवस्था को अलग रंग दे दिया, कहीं वह ताकतें देश में बांग्लादेश वाली स्थिति तो नहीं पैदा करना चाहती हैं। जिस तरह देश के कुछ राजनीतिक दल धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को डरा रहे हैं और बहुसंख्यक जातियों में फूट पैदा कर उन्हें एक आंदोलन के लिए आरक्षण, जाति जनगणना और हिस्सेदारी के नाम पर भड़का रहे हैं, कहीं वह यहां भी बांग्लादेश की तरह तख्तापलट कर सत्ता में काबिज होने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं?
* भारत में भी हालात खराब करने की कोशिशें हुई थीं...
देश में जिस तरह से पिछले दस सालों में आंदोलन खड़े किए गए। जिस तरह से CAA के नाम पर सड़कों को घेरा गया, दिल्ली में 50 से ज्यादा लोगों की दंगे में जान गई। किसान आंदोलन के नाम पर जिस तरह से शांतिपूर्ण प्रोटेस्ट को समर्थन देकर उग्र बनाया गया। लाल किले की प्राचीर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा जिस तरह से भड़काऊ गतिविधियों को अंजाम दिया गया। तिरंगे के साथ जिस तरह से लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराया गया। जिस तरह से देश की संस्थाओं को बदनाम करने और उसके खिलाफ लोगों के मन में एक तरह का भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है, कहीं यह बांग्लादेश की स्थिति को यहां दोहराने की कोशिश तो नहीं है?
* बांग्लादेश की घटना ने खड़े किए हैं कई सवाल...
बांग्लादेश में देखकर यह सीखना होगा कि जो राजनीतिक ताकतें देश के लोकतंत्र के लिए पश्चिमी ताकतों को देश में हस्तक्षेप के बारे में कह रही हैं, क्या वह सही है? दूसरा, इस तरह के प्रदर्शन की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, क्या ये संस्थाओें का समर्थन करते हैं? तीसरा, ये केवल देश को दूसरी ताकतों के हाथों बेचने के लिए ऐसा कर रहे हैं? और अंतिम, ऐसे प्रदर्शनकारियों का लोकतांत्रिक मूल्यों से और चुनाव से कुछ भी लेना-देना नहीं है, ये किसी भी हालत में केवल सत्ता को अपने हाथ में रखना चाहते हैं।
भारत के कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं को भारत की सुख शांति से रहना अच्छा नहीं लगता, जो आपने 2024 के लोकसभा चुनावों में पूरे भारत में देखा। वर्तमान भाजपा और उसके घटक दलों को गिराने का पुरजोर प्रयास किया गया और विदेशी लोगों के साथ मिलकर यह षड्यंत्र रचा गया और कैसे हम सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर भारत में अपना प्रोपेगैंडा फैलाया और कुछ हद तक अपनी सीटें बढ़ाकर यह भी साबित कर दिया कि हमारे झूठे बयानों के कारण भारत का कुछ लोकतंत्र उनके पक्ष में आ गया और भाजपा मात्र 240 सीटों पर सीमित रह गई और यह सब विपक्षी दलों के नेताओं के प्रोपेगैंडा के कारण हुआ। भाजपा भाग्यशाली है कि उसके घटक दलों ने उनका पुरजोर समर्थन किया, तभी आज फिर से नरेंद्र मोदी भारत में तीसरी बार भाजपा के पीएम बने और इसका मुख्य कारण पीएम नरेंद्र मोदी की अच्छी छवि और उनका हिंदू नेता होना है, जिसके कारण देश के कई कट्टर हिंदुओं ने भाजपा और उसके घटक दलों को बचाया और उन्हें फिर से भारत की सत्ता में लाया।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारत की धर्मनिरपेक्षता भारत के हिंदुओं के लिए खतरा पैदा कर रही है। हर दिन कोई भारत के मूल हिंदुओं को ईसाई, कोई इस्लाम तो कोई बौद्ध धर्म में परिवर्तित कर रहा है और यह आने वाले समय में हिंदुस्तान के हिंदुओं के पतन का मुख्य कारण बनेगा और कुछ समय में भारत को धर्मों की जनसंख्या के अनुसार विभाजित किया जा सकता है, जहां मुस्लिम आबादी अधिक होगी, वहां एक मुस्लिम राज्य या देश बन जाएगा और ऐसे कई धर्मों की जनसंख्या बढ़ने से उनकी तरफ से मांग उठेगी और देश में गृहयुद्ध होंगे, इसलिए अगर हमें हिंदुस्तान को बचाना है तो हिंदुओं को मजबूत होना होगा, एकता स्थापित करनी होगी और हिंदुओं को अन्य धर्मों में धर्मांतरित होने से रोकना होगा, अन्यथा भारत के हिंदू इतिहास के पन्नों में देखा जाएगा कि भारत में हिंदुओं की जनसंख्या इस काल में इतनी अधिक थी कि सनातनी हिंदू अपने मूल भारत में अल्पसंख्यक हो जाएंगे और आपके मंदिरों के देवी-देवता भी अल्पसंख्यक हो जाएंगे। सावधान रहें, अन्यथा हिंदुस्तान के हिंदुओं की स्थिति पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं जैसी खराब हो जाएगी।
हम हिंदुस्तानी सनातनी हिंदू अपने बारे में क्यों नहीं सोचेंगे? क्योंकि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को नर्क में नहीं धकेल सकते। पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू जिन बुरे हालातों से गुजर रहे हैं, उनके साथ अन्याय हो रहा है, दुनिया के आतंकी लोग मानवाधिकारों का गला घोंट रही है, उनके साथ हो रहे अन्याय को रोक नहीं पा रही है और देश का कानून न्याय दिलाने में असमर्थ है, इसलिए हमें खुद को जगाना होगा, हमें मजबूत होना होगा, तभी हम अपना अस्तित्व बचा पाएंगे, वरना देश में गिद्धों की कमी नहीं है जो हमें नोच-नोच कर खा जाएंगे, हम अपनी बहन-बेटियों की इज्जत नहीं बचा पाएंगे, हम सनातनी हिंदुओं को एक हाथ में माला और दूसरे में भाला थामना होगा, हम दया के सागर हैं और सबका नाश करने वाले महाकाल भी हैं,
जो सब कुछ निगल जाएंगे, अब हम सभी हिंदुओं को भी सतर्क होने की जरूरत है, हम अपनी आस्था का दीप चारों दिशाओं में जलाएंगे, हम देश का सिर नहीं झुकने देंगे क्योंकि हम भारत माता के सच्चे देशभक्त बेटे हैं, गर्व से कहो हम सनातनी हिंदू हैं।
