देश के धार्मिक समाज के नेता जो देश में तुष्टीकरण की राजनीति करके धार्मिक वर्ग समाज में नफरत पैदा करते हैं और देश के कुछ राजनीतिक नेता देश को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम करते हैं?

Leaders of the religious society of the country who

देश के धार्मिक समाज के नेता जो देश में तुष्टीकरण की राजनीति करके धार्मिक वर्ग समाज में नफरत पैदा करते हैं और देश के कुछ राजनीतिक नेता देश को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम करते हैं?
देश के धार्मिक समाज के नेता जो देश में तुष्टीकरण की राजनीति करके धार्मिक वर्ग समाज में नफरत पैदा करते हैं और देश के कुछ राजनीतिक नेता देश को जोड़ने का नहीं बल्कि तोड़ने का काम करते हैं?

NBL, 01/04/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Leaders of the religious society of the country who create hatred in the religious class society by doing politics of appeasement in the country and some political leaders of the country do not work to unite the country but break it?

तुष्टिकरण का शाब्दिक अर्थ है, किसी एक धर्म विशेष के गलतियों को रोकने के बजाय उस धर्म के उग्रता को प्रोतसाहन देना और दूसरे धर्म समाज का गलती ना होने व ना करने पर भी उनके उपर आरोप लगा देना ये है तुष्टिकरण, और यह प्रचलन देश के धार्मिक नेता व देश के राजनीतिक नेताओ मे आपको देखने व सुनने को मिल ही जायेगा जो देश हित व सर्व धर्म समाज के लिए घातक है। 

तुष्टिकरण का निर्माण भारत में विदेशी मुगलो व अंग्रेज फिरंगियों के द्वारा किया गया था, और यह उनके अपने निजी स्वार्थ फायदे के लिए था, इन लोगो का एक ही नियम था फुट डालो और राज करो और इन सबसे इन विदेशी आक्रान्ताओ को बड़ा आसानी से विजय मिल जाता था भले ही देश के धर्म समाज के लोग आपस में लड़ भीड़ मर जाएं इन विदेशी आक्रान्ताओ को कोई फर्क नहीं पड़ता इन पीड़ित लोगों के प्रति कोई स्नेह सहानुभूति नहीं रखते थे, बस इन विदेशी आक्रान्ताओ का एक ही मकसद था वह भारत देश के धन दौलत को लूटना और देश में राज करना और इन्ही धन दौलत के बल पर अपने ही भारत देश भूमि के अंदर अपना इतिहास धरोहर स्थल का निर्माण करना ताकि हम भारतीयो को सदा सदा के लिए उनके इतिहास को पढ़ते व देखते रहे, इन विदेशी ताकतो के सामने हम भारतीय लोग गुलाम थे करके इनके इतिहास को हमारे पीढी दर पीढी याद करते रहे और इन सबका निर्माण किया इन लोगों की तुष्टिकरण का राजनीति जो आज भी देश में अनवरत चालू है। 

इस तुष्टिकरण के राजनीति में भारतीय मुसलमान भी फँस गया और हिंदू धर्म समाज के लोग भी फँस गया है और साथ मे अनेक धर्म समाज के लोग इस तुष्टिकरण की राजनीति में फँसा हुआ है। पहले विदेशी आक्रांता लोग तुष्टिकरण करते थे अब देश के धर्म गुरू धर्म समाज नेता व धर्म समाज के प्रमुख के साथ साथ देश के राजनीतिक नेताओ के लिए तुष्टिकरण करना बड़ा आसान सा हो गया है, इसका नुकसान देश के अंदर कितना होता है, इन लोगों को तनिक भी ज्ञान नहीं है।

भारतीय मुस्लिम समाज के लोगों को विदेशी मुगल मुस्लिम समाज के लोगों को बलि का बकरा बनाया और उनके अपना मुस्लिम होने के नाम पर उनके आड़ लेकर देश में लूट पाट किया और जो भारतीय मुस्लिम अपना हक मांगने लगते तो उनको भी ये विदेशी मुगल मुस्लिम आक्रान्ता मौत के घाट उतार देता था, और उनको साथ देने के एवज में केवल और केवल उनको अपना बर्बादी मिलता था और यह सिलसिला आज भी भारत में चल रहा है, मुस्लिम समाज के लोग आज भी इन तुष्टिकरण करने वाले राजनीतिक लोगों की कठपुतली बना हुआ है, जिसको ना कोई फायदा बल्कि उलटा नुकसान हो रहा है, भारतीय जेल में आज सबसे ज्यादा इन्ही मुस्लिम समाज के लोगों को रखा गया है, केवल और केवल इन लोगों में शिक्षा की कमी और धर्म समाज के कट्टरता के आड़ लेकर इनके ही धर्म गुरुओ ने आज भारतीय मुसलमान को बर्बाद करने में तुला हुआ है, जिससे इनको बाहर निकलना ही होगा, और भारतीय संस्कृति के साथ सभ्य समाज का स्थापना खुद को करना ही होगा तब कही आप इन तुष्टिकरण करने वाले लोगों से बच सकते हैं, अन्यथा जीवन भर वही दलदल में फँसे रहेंगे।

जबकि भारतीय मुसलमान अन्य विदेशी मुस्लिम मुसलमानो के तुलना में बहुत ही बेहतर तहजीब वाले मुसलमान रहते है भारत में और यह सब हम भारतीय सर्व धर्म समाज के लिए गर्व की बात है की इतना बड़ा आबादी मुस्लिम समाज का है देश के अंदर उसके बावजूद कोई ज्यादा वाद विवाद नहीं है अन्य धर्म समाज के लोगों से और विवाद हो भी रहे है तो कुछ जाहिल गवारो के कारण हो रहा है, जो तुष्टिकरण करने वाले नेताओ का एक हिस्सा है, जो संपूर्ण मुस्लिम समाज को बदनाम करने के लिए लगा हुआ चन्द अनपढ़ गवार लोग जो भारतीय मुस्लिम सभ्य समाज को देश दुनिया में कट्टर वादी मुस्लिम समाज के लोगों के साथ जोड़ कर हमारे भारतीय सभ्य मुस्लिम समाज को देखा जा रहा है जो उचित नहीं है, देश के अन्य धर्म समाज के लोगों को इन बातों को समझना बहुत जरूरी है और इनके साथ हो रहे अन्याय को रोकना हम सभी देशवासियों का फर्ज बनता है।

अगर भारतीय मुस्लिम मुसलमान भाई बहनो को अपने वतन से प्यार नहीं होता तो भारत में नहीं रुकता वह मुस्लिम भाई बहन सभी उसी समय जिन्ना वाले देश पाकिस्तान चले जाते लेकिन नहीं गया और अपने वतन में रहकर बहुत से मुस्लिम भाई बहन देश सेवा में लगा हुआ है पूर्ण इमानदारी के साथ उसमे से एक एपीजे अब्दुल कलाम जी है ऐसे ही मुस्लिम समाज के बहुत से लोग देश में अच्छे कारनामे कर रहे हैं जो हम सभी भारत वासियों के लिए गर्व की बात है। आप इन मुस्लिम समाज के कुछ एक अनपढ़ गवार जाहिल लोगों के कारण आप देश के अन्य धर्म समाज के लोग संदेह से नही देख सकते अगर आप देख रहे हो इसका मतलब आप तुष्टिकरण के जाल में फँसे हो जो आपके आँखों में पर्दा डाल रखा है। 

और हम सभी देशवासियों को तुष्टिकरण करने वाले लोगों से या तुष्टिकरण करने वाले राजनीतिक नेताओ से बचना चाहिए क्योकि यह तुष्टिकरण का खेल हम भारतीय सभ्य समाज लोगों के मूल में नहीं है, यह विदेशी दुश्मन देशों का बनाया जाल है, फुट डालो और राज करो वाले नीति है, जबकि आज हम आजाद भारत के वासी है और हम सर्व धर्म समाज के लोग स्वतंत्र भारत लोकतंत्र का हिस्सा है और जो सभी देशवासियों को एक साथ जोड़ कर रखती है भाई चारे के साथ अब आज से इन फुट डालो और राज करने वाले राजनीतिक लोगों को व तुष्टिकरण करने वाले धार्मिक नेताओ को देश से बायकट करो।