पीएम मोदी के सख्त रुख से विपक्षी दलों के नेता परेशान हैं, ईडी, सीबीआई, ईटी की बड़े पैमाने पर छापेमारी को विपक्ष राजनीतिक द्वेष बता रहा है, जबकि लूटे गए पैसे को वापस लाना इन जांच एजेंसियों का मूल कर्तव्य है, नेता चाहते हैं कि ऐसा न हो, लेकिन क्यों?
Leaders of opposition parties are upset




NBL, 06/10/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Leaders of opposition parties are upset with the tough stance of PM Modi, the opposition is calling the large-scale raids by ED, CBI, ET as political malice, whereas bringing back the looted money is the basic duty of these investigating agencies, the leaders want that This may not happen, but why? पढ़े विस्तार से....
CBI सूत्रों के मुताबिक मामले में दिल्ली उपमुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी और बिजनेसमैन दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गए हैं जिस व्यक्ति के बयानो के हिसाब से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताऔर राज्य सभा के सांसद संजय सिंह से ED ने उनके ही मकान पर सघन पूछताछ की फिर कुछ साक्ष मिलने पर ED ने शाम के समय उसे अपने दफतर पर ले आये और आगे की कार्यवाही कोर्ट के माध्यम से की जायेगी सबूतों के आधार पर राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह की गिरफ्तारी अनुचित नहीं थी, क्योंकि ईडी ने संजय सिंह पर दिल्ली आबकारी नीति मामले में 2 करोड़ रुपये की अपराध आय की प्राप्ति से सीधे संबंधित होने का आरोप लगाया है. अदालत ने कहा कि सुराग का पता लगाने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक प्रतीत होती है. इसके अलावा विवेक कुमार त्यागी एवं सर्वेश मिश्रा, और अन्य व्यक्तियों से उनका सामना कराने के लिए आरोपी से हिरासत में पूछताछ भी आवश्यक हो सकती है।
लेकिन आजकल विपक्षी दलों के नेताओं की एक ट्रेंड टॉप पर है, की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय जाँच एजेंसियों की दुरूपयोग कर रहे है और सभी विपक्षी दलों के नेताओं से बदला ले रही हैं, जबकि सही मायने में पीएम नरेंद्र मोदी सरकार देश के हित में काम कर रहे हैं जो केंद्रीय जाँच एजेंसियों को खुली छूट दे रखा है जो आप जाँच एजेंसियों को जो जाँच करना है करो और देश के एक भी भ्रष्टाचारियों को मत छोड़ो जो देश के ही धन को लूट कर एस कर रहे है तो केंद्रीय जाँच एजेंसियाँ ताबड़ तोड़ छापा मारकर देश से लूटे गये धन को वापस ला रही है तो क्या गलत कर रहे है पीएम नरेंद्र मोदी सरकार।
भारत में दो प्रकार के नेता है, एक सेवा करने वाले नेता और एक मेवा खाने वाले नेता इन दोनों नेताओं के अंदर बड़ा ही अंतर है, जो सेवा करने वाले नेता होते है वह देश के सर्व धर्म जाति समाज को अपना परिवार मानते हैं और दिन रात उनके विकास के बारे में सोचते रहते हैं और जमीन पर उनके लिए कुछ न कुछ करते रहते है, इस प्रकार के नेता धन नही अपने नाम के लिए जीवन जीता है और इन जैसे नेताओं के इर्द गिर्द रहने वाले बेईमान नेता भी इनके जैसे बन जाते है, क्योंकि जो सेवा करने वाले नेता है वह अपने पार्टी के शीर्ष पर बैठा होता है और चारों दिशाओं में उसका यसगान होते रहते है उनके छवि अच्छे होते है और उनके प्रभाव इतना विकसित हो जाते है कि उनके विरोधी को भी कोई खास वजह नही मिल पाता है कि उसे बदनाम कर सके और देश दुनिया में उनका सर को झुका सके यही सेवा दार नेताओं में एक अच्छे खूबी होती है और वही खूबी भारत के प्रधानमंत्री पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के अंदर है।
और दूसरे किस्म के नेता मेवा खाने वाले होते है, हाथी के दाँत के जैसा होते है खाने की और दिखाने की और इन जैसे नेता को पब्लिक आसानी से समझ ही नहीं पाते इस किस्म के नेता अपने नेता गिरी के आड़ में और क्या क्या कर रहे होते है और अपने पद का कितना दुरूपयोग कर रहे होते हैं इन जैसे नेताओं के बारे में रत्ती मात्र भी संदेह नहीं होता क्योंकि यह बहुत ही मिलनसार स्वभाव के होते हैं, और ऐसे नेता अपनी मिठी बातों से दूसरों का दिल जीत लेता है बहुत ही लुभावने होते है, कोई भी व्यक्ति को ना नही कहते हाँ कर दूँगा हो जायेगा और कुछ हद तक कर भी देते हैं और उसी का उदाहरण देकर अन्य लोगों को भरोसा देते रहते हैं और उन्ही भरोसा के आड़ में बहुत कुछ और काले कारनामे करते रहते हैं जो आसानी से दिखता नही है।
जब कोई जाँच एजेंसियों के द्वारा संदेह कर इनके उपर जाँच करते हैं तो परत दर परत इनके काले कारनामे उझागर होते हैं और इनके इर्द गिर्द लोगों को भरोसा नही होता है कि यह नेता जी इतना बड़ा भ्रष्टाचारि है करके और इनके बचाव के लिए सामने आ जाते हैं इनके चाहने वाले पब्लिक और जाँच एजेंसियों की विरोध करने लग जाते हैं और ज्यादा गुस्सा आता है तो उपर शासन में बैठे सरकार के उपर आरोप लगा कर अपने राजनीतिक स्तर को बचाए रखने का प्रयास करते हैं और यह कहते है यह भ्रष्ट नेता मेरे पार्टी की छवि धूमिल करने के लिए यह सब कृत्य कीये है केंद्र सरकार पीएम नरेंद्र मोदी ऐसा हाल है।
इन दोहरे चरित्र वाले भ्रष्ट नेताओं की पालिसी देश के अंदर और बहुत से देश के लोकतन्त्र उलझ कर रह गए है कि यह पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की राजनीति का हिस्सा तो नही है जबकि इन भ्रष्ट नेताओं की किस्सा कुछ और ही है, चलो थोड़े समय के लिए मान लेते हैं पीएम नरेंद्र मोदी सरकार राजनीति कर अपने केंद्रीय जाँच एजेंसियों की दुरूपयोग कर रहे है, लेकिन कोर्ट का दुरूपयोग पीएम नरेंद्र मोदी सरकार तो नही कर सकता जो इनके अधिनस्त नही है तो इन भ्रष्ट नेताओं को बेल क्यों नहीं मिलता कोर्ट के माध्यम से इस बात को कबूल करना चाहिए देश के लोकतन्त्र को जो इन जैसे भ्रष्ट नेताओं की सपोर्टर बनकर प्रोटेस्ट करते है इनके समर्थन में जो देश को लूटने का काम किया है अपने नेतागिरी के आड़ में।
एक और बात बोलने को मिल जाता है इन विपक्षी दलों के नेताओं को जिसके बल पर राजनीति करते हैं देश के अंदर भ्रष्ट नेता अगर बीजेपी के पाले में चले जाते है तो वह पवित्र हो जाते है और उनके उपर केंद्रीय जाँच एजेंसियाँ का रुख नरम हो जाते है और बीजेपी के सहयोग से उच्च पद पर आसीन हो जाते है, जैसे अजीत पवार महाराष्ट्र जो एनसीपी से निकल कर अपना एनसीपी कहकर बहुत से विधायक और सांसद शिवसेना से बगावत कर एकनाथ शिंदे जो बीजेपी के सपोर्ट से महाराष्ट्र की मुख्य मंत्री बन गया उसी में शामिल हो गया एनसीपी नेता अजीत पवार जिसके उपर भ्रष्टाचार का संगीन आरोप लगा है।
और कुछ दिन पहले पीएम नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश के एक अपना पार्टी कार्यक्रम में एनसीपी के उपर हमला किया था इसे भ्रष्टाचारियों की पार्टी कहा था और कुछ दिन बाद यही अजीत पवार बीजेपी समर्थित पार्टी में शामिल होकर उच्च पद पर आसीन हो गया है तो क्या वाकई में केंद्रीय जाँच एजेंसियों के तारगेट से दूर हो गया है अजीत पवार महाराष्ट्र वित्तमंत्री क्या हकीकत में पीएम नरेंद्र मोदी के इशारे पर काम करते है केंद्रीय जाँच एजेंसियाँ यह सवाल हर बार पूछे जाते है विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा लेकिन बिल्कुल गलत बोल रहे हैं विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा केंद्रीय जाँच एजेंसियों को इस राजनीति से कोई लेना देना नही है ना ही पीएम नरेंद्र मोदी सरकार इनको हैंडल करते हैं, बल्कि इन केंद्रीय जाँच एजेंसियों को खुली छुट दे रखी हैं पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा और अजीत पवार भी इन जाँच एजेंसियों के टारगेट में है।
भले ही राजनीतिक नरमी बरती गयी है लेकिन अगर अजीत पवार भ्रष्टाचारी है तो एक न एक दिन जेल जाना ही होगा और केंद्रीय जाँच एजेंसियों के जाँच में कुछ नही निकला तो अजीत पवार बाईज्जत बरी हो जायेंगे और निकल गया इनके पक्ष में सबूत तो केंद्रीय जाँच एजेंसि इसे जेल तक का सफर कराएंगे इसमे पीएम नरेंद्र मोदी सरकार कुछ भी नही कर पाएंगे और बिना मतलब का भ्रम फैलाये जा रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी केंद्रीय जाँच एजेंसियों की दुरूपयोग कर रहे है करके, जबकि बीजेपी के बहुत से नेता भी इन केंद्रीय जाँच एजेंसियों के दायरे मे है जो अन्य पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और कुछ बीजेपी के ही नेता भी केंद्रीय जाँच एजेंसियों के निशाने पर है और खुद पीएम नरेंद्र मोदी सरकार बोल भी दिया है जो कोई भी है जो देश को लुटा है उनको आसानी से मै छोड़ने वाला नही हूँ।
देश के भ्रष्टाचारियों को मोदी सरकार से डरना वाजिब है और डरना भी चाहिए अब विपक्षी दलों के पाले में भ्रष्टाचारी नेताओं की संख्या ज्यादा है तो इसमें पीएम नरेंद्र मोदी सरकार क्या कर सकता हैं जो आये दिन केंद्रीय जाँच एजेंसियों के द्वारा उनके करोड़ो की संपत्ति को जप्त कर रहे है और देश के लोकतन्त्र यह सब देख रहे है और इनसे इन विपक्षी दलों की छवि खराब हो रहे है तो पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की क्या गलती भले ही विपक्षी अपने आप को बचाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए लगा हुआ है की पीएम नरेंद्र मोदी सरकार हमसे डर गया है इसलिए केंद्रीय जाँच एजेंसियों के माध्यम से हम विपक्षी दलों के नेताओं की धर पकड़ जारी रखा है।
जबकि डरे हुए तो इन भ्रष्टाचारी नेता लोग लग रहे है आजकल की हे भगवान पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को इस भारत भूमि में दोबारा प्रधानमंत्री न बने तो हम भ्रष्टाचारी व भ्रष्ट नेताओं का ईज्जत बच जायेगा नही तो खुद खाऊंगा और ना खाने दूँगा बोलने वाले ईमानदार पीएम नरेंद्र मोदी हमें कही के नही छोड़ेंगे बचा लो भगवान हे भगवान बचा लो पीएम नरेंद्र मोदी का क्या जायेगा इनके आगे न पीछे यह तो पुरा देश को ही अपना परिवार मानते है, लेकिन हमारे तो परिवार है भगवान कैसे भी करके नरेंद्र मोदी को भारत के प्रधानमंत्री बनने से रोको भगवान नही तो हम बहुत से विपक्षी दलों के नेताओं का सफर जेल में कटेगा इन कट्टर देश प्रेमी पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के इस कड़े रुख से।
विपक्षी दलों के नेता पीएम नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलकर बचने की कोशिश कर रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने राजनीतिक द्वेष के कारण विपक्षी दलों के नेताओं के पीछे केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगा दिया है. देश की जनता, सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों और देश के अभिनेता-अभिनेत्रियों व अन्य भ्रष्टाचारियों के घरों पर केंद्रीय जांच एजेंसियां छापेमारी कर रही हैं तो इन विपक्षी दलों के नेता उनकी सुरक्षा की बात क्यों नहीं करते? आइए बात करते हैं विपक्षी दलों के नेताओं के पीछे पीएम नरेंद्र मोदी सरकार ने केंद्रीय जांच एजेंसियों को लगाया है और पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को उनसे राजनीतिक लाभ मिल सकता है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को इन व्यापारियों, इन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ फिल्म अभिनेता और अभिनेत्रियों से राजनीतिक लाभ नहीं मिलेगा, तो केंद्रीय जांच एजेंसियाँ क्यों पीछे पड़ा है, मेरे देश के जागरूक लोकतंत्रवादियों, थोड़ा समझ लो कि इन भ्रष्ट लोगों की जेबें खाली की जा रही हैं और उन्हें जेल भी भेजा जा रहा है, तो फिर हमारे देश के लोकतंत्रवादियों को इस पर आपत्ति क्यों है।
जो लोग उनके विरोध में सड़कों पर उतरते हैं? क्या आप भ्रष्टाचार मुक्त भारत नहीं चाहते या अगर वही पार्टी जिसकी एम स्कीम हमारे जनहित में थी वही देश में भ्रष्टाचार करने लगे और हमारा लोकतंत्र इन भ्रष्टाचारियों को बचाने लगे तो देश का विकास कैसे होगा जब करोड़ों रुपए इन भ्रष्टाचारियों के पास होंगे तो? अगर ऐसा है तो हम, देश के लोकतंत्र, मूर्ख हैं कि उनके लिए आगे आएं, थोड़ा दिमाग का इस्तेमाल करें, हम ऐसा क्यों कर रहे हैं, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं और हम उन्हें बचाने के लिए कानून क्यों तोड़ने लगते हैं , अगर इन भ्रष्ट लोगों में सच्चाई है तो कोर्ट के जरिए वह बच जाएंगे, नहीं तो जेल जाएंगे और फिर हमें उनसे भी अच्छे नेता मिलेंगे जो ईमानदारी से काम करेंगे हम देश के लोकतंत्र हैं इसलिए जो अच्छाई देशहित में हो उसे स्वीकार करने की आदत हमें होनी चाहिए।
ऐसा क्या चमत्कार करने वाले है विपक्षी गठबंधन दलों के नेताओं के द्वारा जो अपने अवगुणों को छुपाने के लिए कोर्ट कचहरि से लेकर टीवी न्यूज चैनल से लेकर अखबारों में एक ही चर्चा करते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार हम विपक्षी गठबंधन दलों से डरे हुए हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हारने वाले है, इसलिए हम विपक्षी दलों के नेताओं के उपर केंद्रीय जाँच एजेंसियों को लगा रखा है और विपक्षी दलों के एक के बाद एक नेताओं को बदनाम करने के लिए इन जाँच एजेंसियों को हम नेताओं के घरों में भेजते है और इन जाँच एजेंसियों को एक भी रुपिया हाथ नही लगता है जो देश को दिखा सके तो क्या इन जाँच एजेंसियों को चकमा देने के लिए इन भ्रष्टाचारि नेताओं को उपाय मिल गया है कि इन्हें बरामदगी के नाम पर एक रुपिया भी हाथ न लग पाए और जाँच एजेंसियों का नाम यू ही खराब हो जायेगा या सही में पीएम नरेंद्र मोदी सरकार केंद्रीय जाँच एजेंसियों के माध्यम से इन विपक्षी दलों के नेताओं को परेशान किया जा रहा है लेकिन इतना बड़ा फैसला कोई सत्ता में बैठे सरकार क्यों ले रहा है जो सोचने योग्य विषय है।
या पूर्व में सत्ता में बैठे भारत सरकार इन्ही अच्छे काम करने के लिए हाथ पर हाथ बांध कर बैठे हुए थे या उनको सत्ता की लोलुपता था या सत्ता खोने की डर था जो भारत भ्रष्टाचारियों से भरे पड़े थे जो भारत के विकास में बाधक बने हुए थे, जो अपने रसुखो रुतबा से भारत के लोकतन्त्र को बोलने के लिए कमजोर व मजबूर बना कर रख दिया था, या इन भ्रष्टाचारी नेताओं ने भारत को कमजोर व अपने आप के परिवार को ताकतवर बनाए रखने की एक परम्परा चला रहे थे, जो सदियों तक राजसत्ता में काबिज होकर सत्ता चलाते रहे और भ्रष्टाचार कर इन्ही अथाह धनों से सदा सदा के लिए अपने आप को बचाकर देश के लोकतन्त्र मे अपना वर्चस्व स्थापित कर व किसी अन्य ईमानदार नेताओं को राजसत्ता में बैठने का मौका ही नही मिले इन परिवार वादी रसुख दारो के तले दब कर छोटे मोटे पद पर बैठकर वह ईमानदार नेता इनके गुणगान जीवन भर गाते रहे यही इन भ्रष्टाचारी नेताओं की परम्परा चली आ रही हैं इनके सामने किसी की औकात नही जो बगावत कर सके क्योंकि जिस पार्टी मे आप हो वह दल इनके बाप दादाओ के बनाये हुए पार्टी है।
जिसका दबदबा केवल इन परिवारों के सदस्यों के अधिकार में है, वह चाहेंगे तो ही आप उच्च पद पर बैठ पाएंगे इन परिवार वादी पार्टी नेताओं की आपको चमचागिरी करना ही पड़ेगा तब आप इनके आर्शिवाद से उनके पार्टी में आप सीएम, पीएम बन पावोगे वर्ना धोबी की कुत्ता घर के ना घाट के रह पावोगे वही चमचागिरी आज भारत के बहुत से राजनीतिक दलों में चल रहा है, और इन्ही को बचाए रखने के लिए भारत में भ्रष्टाचारियों की आबादी बढ़ी और इतना सम्पन्न देश भारत आज तक खोखला का खोखला रहा जो आपको उन राजाओं के राजमहलों से पता चल सकता हैं कि एक राज्य का राजा इतना विशाल महल कैसे बनवाया होगा जो आज देखने वालों के लिए आश्चर्य चकित कर देने वाले विषय होते है तो इतना बड़े भारत के हर राज्यों के राजा बने और देश के राजसत्ता में बैठे प्रधानमंत्री बनकर आज तक इतने वर्षों में भी भारत को बुलन्दियों तक क्यों नहीं पहुँचा पाए जबकि एक छोटे से राज्य के राजा पहले जमाने में अपने राज्य में उन्नति कर अपने राज्य के प्रजाओ को सुख चैन से रखते थे जबकि कई आक्रांताओ के साथ युद्ध करने के बावजूद भी।
देश को आजादी से आज तक भारत की तरक्की क्यों नहीं कर पाए पूर्व में बैठे सरकार क्योंकि इनके कार्यकाल मे भ्रष्टाचारियों की उपज ज्यादा थे और खुद के एस आरामो के लिए देश विदेश में संपत्तियाँ बनाई जो आज तक किसी को संपूर्ण जानकारी नही है कि इन परिवारवादी पार्टी नेताओं के पास कितना धन दौलत है, और देश में अभी तक कितने भ्रष्टाचारियों के पास यत्र तत्र सर्वत्र कितने धन दौलत होगा यह पुराने भारत की राजनीतिक दलों के सत्ता धारी नेताओं के पास और आज भी जारी है राजनीति के आड़ लेकर धन इकट्ठे करने का सिलशिला।
आज पीएम नरेंद्र मोदी कोई आसमान से उठ कर नही आये हैं, कई प्रकार के संघर्ष किया अपने जीवन में जमीन में कई दुखो को झेला गरीबी क्या होता है उनको पता है एक एक रुपिया का हिसाब क्या होता है सब जानते है पीएम नरेंद्र मोदी वह तीन बार गुजरात जैसे सम्पन राज्य का मुख्यमंत्री रहे और चाहते तो बहुत कुछ ऐसोआराम का साधन जुटा लेते और अपने घर परिवार के गरीबी को सात पीढ़ियों के लिए धन इकट्ठे कर लेते और उनकी बुढी माँ चौदह बाई चौदह के कमरे मे नही रहती आलीशान बंगले में रहती और किसी बड़े बड़े फर्म की मालिक बना देते अपने भाईयों को और अपने रिश्तेदारों को और अपने चाहने वाले चिर परिचित दोस्तो को इतना पावर रखते थे नरेंद्र मोदी गुजरात राज्य में एक मुख्यमंत्री होते हुए भी कुछ नही बचा पाए अपने आप के लिए नही घर परिवार वालों के लिए इतना बड़ा दिल कौन रख सकता हैं जरा देश के लोकतन्त्र को सोचना चाहिए।
की वाकई में नरेंद्र मोदी कौन सा भारत चाहते है और किसके लिए चाहते है जो सोते जागते विकास की बात करते रहते हैं और इन सब करके उन्हें क्या हासिल होगा जो खुद के लिए एक मकान नही बना पाए और अपने घर परिवार के भाई भतीजा के लिए धन इकट्ठा नही कर पाए इस विषय को जरूर विचार करनी चाहिए देश के लोकतन्त्र को क्यों पीएम नरेंद्र मोदी बार बार बोलता है खुलेमंच मे भ्रष्टाचारियों को मै नही छोडूंगा ये मोदी की गारन्टी है और हकीकत में पीएम नरेंद्र मोदी इन भ्रष्टाचारियों को एक एक करके जेल के सलाखों तक पहुँचा रहे है और देश के धन दौलत को वापस ला रहे है, क्या पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को डर नही लगता काश मै भी अगर खुर्शी से उतर जाऊँगा और विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा देश के प्रधानमंत्री बन गया तो क्या मुझे छोड़ेंगे मुझे भी जेल भेजवा सकता है।
लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी को रत्तीमात्र भी डर नही है इन विपक्षी दलों के नेताओं से क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी साफ पाक पवित्र है और उनके पास कोई धन दौलत है, खाली हाथ आया था मोदी और खाली हाथ जायेगा उनके पास केवल एक ईश्वर है और भारत के लोगों का प्यार है यही उनका सबसे बड़ी दौलत है डर तो उन्हें लगता हैं जिसके पास अथाह धन है और आगे पीछे उनके बीवी माँ, बच्चा होता है लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी के पास तो ये तीनों में से कोई नही है और एक माँ था वह भी भगवान के घर चले गए अब उनका परिवार अपने देश की लोकतन्त्र ही है जो अपने माँ की याद को पुरा करती हैं देश के लोकतन्त्र की प्यार और उन्ही के विकास के लिए राजनीति कर रहे है इसलिए ऐसे महान संत का जय जय कार देश विदेश में हो रहे है और भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि भारत के प्रधानमंत्री का नाम का जय घोष विदेश के भूमि में गुँजा हो और भारत माँ की जय घोस हो रहा हो।
आज विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा बोली जाती है कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार भारत के दो उद्योगपति के हाथ भारत को सौप दिया गया है एक अडानी और एक अंबानी लेकिन क्या यह दोनों उद्योगपति भारत के नही है या भारत के लोगों को रोजगार नही दे रहे है या भारत के रुपिया इन उद्योगपतियों के माध्यम से विदेशों में जा रहे हैं जबकि इनके कारोबार भारत के अनेकों राज्यों में फैला हुआ है और इनका क्षमता है कि भारत के बैंकों से उधार लेकर चुकाने की और अपने कारोबारी नीतियों से अपने फर्म को आगे बढ़ाने की और भारत के अनेकों प्रकार के पढ़े लिखे बेरोजगार लोगों को रोजगार देने की इसमें क्या गलत है कि पीएम नरेंद्र मोदी सरकार इन उद्योगपतियों के क्षमताओ के अनुसार काम देना इनको लेकर क्या धाँधली कर रहे है इनको सपोर्ट करके पीएम नरेंद्र मोदी जबकि इंफ्राइस्टकचर के नाम पर देश के बहुत से उद्यमी मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ रही है।
और देश विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेच रही है और लाखों करोड़ो में भारत की आय बढ़ा रही है जो भारत विदेशों के उपर निर्भर थे वही भारत आज अपने बनाये प्रोडक्ट को विदेशों में बेच रहे हैं क्या यह विकास की नीति नही है क्या हम भारतीय उद्यमी को आगे ना बढ़ा कर विदेशी उद्यमियों को आगे बढ़ाते क्या यही नीति भारत के विपक्षी दलों के नेताओं के हिसाब से अच्छा होता जो इनके आय का साधन था जो इन विदेशी उद्यमियों से उगाही करते जो भ्रष्टाचार की श्रेणि में आता है, या कोई और भारतीय उद्यमी जिसको सामने रखकर क्यों बात नही करते इन विपक्षी दलों के नेताओं के द्वारा इस उद्यमी को भी अधिकार मिलना चाहिए क्योंकि इनके अंदर भी वह क्षमता है केवल अडानी अम्बानी को ही क्यों दिया जा रहा है तो समझ आता विपक्षी दलों के नेताओं की आरोप लगाना पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के उपर तथ्यविहीन बात कर राजनीति करना यह उन नेताओं की बुद्धि हिन होने का सबूत है।
और भारत के बहुत से युटयुबर सोशल मिडिया के प्लेटफार्म में ऐसा वीडियो अपलोड करते है जैसे बहुत ज्ञान रखते है जबकि खुद से भ्रमित ज्ञान रखता है जो सही तथ्यों का ज्ञान ही नही होता और अपने ही देश के उद्यमियों को आगे बढ़ने से रोकने का प्रयास करते रहते है जबकि इन उद्यमियों को कोई फर्क नही पड़ता नही पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को कोई फर्क पड़ता है लेकिन देश के बहुत से लोगों को फर्क पड़ता है इन गुमराह करने वाले लोगों के बकवास वीडियो से और इन वीडियो के माध्यम से देश के कुछ जनता भी बोलते रहते है, पीएम नरेंद्र मोदी सरकार देश के दो उद्योगपतियो के हाथो देश को बेच दिया है करके जबकि बोलने वाले नेताओं के राज्य में भी इन कारोबारियों की कारोबार है जो इनके भरोसे उनके राज्यों के बहुत से बेरोजगार युवक युवती रोजगार पाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे है यह सब राजनीति है और राजनीति करने वालो के बातों को अध्ययन करनी चाहिए की सच क्या है और झूठ क्या है और क्यों ऐसा बोल रहे है।
जबकि इन बोलने वाले को इन उद्यमियों से कुछ रकम प्राप्त नही हो रहे होंगे या किसी दूसरे विदेशी उद्यमियों के साथ डील हुई होगी बदनाम करने के लिए वहाँ से फंड आते होंगे या सत्ता हासिल करने के बाद उन्हें इन्ही भारत भूमि में उद्योग लगाने की बात हो रही होगी गंदी राजनीति करने वाले नेता कुछ भी बोल देते है और कुछ भी गलत लोगों के हाथों भारत को सौप सकते है इसे देश के लोकतन्त्र आसानी से समझ नही पाते केवल इनके सपोर्टर होने के नाते अपने प्रिय नेताओं की कमियों में भी अच्छे देश हित खूबियाँ दिखती है।