जगदलपुर : एक प्रयास, कविता के माध्यम से...




एक प्रयास, कविता के माध्यम से (मेरी कविता)
समाज ही करे अब ये आगाज
तंबाकू बीड़ी बंद हो आज
इससे बिगड़ते सबके काज
माता पिता को भी न होता नाज
इससे होता कैंसर और रोग
जो न किसी से जाता भोग
जो न करे इनका उपभोग
वही श्रेष्ठ है वही निरोग
युवा पीढ़ी होती धू धू
रोती बहती विरह सिंधु
जो ना हो इसका प्रतिकार
सौ में से हर अस्सी बीमार
आओ लें हम ये प्रतिज्ञा
माता पिता की न करें अवज्ञा
बीड़ी सिगरेट तंबाकू है हराम
हमे आना है बस देश के काम
राष्ट्र की पीढ़ी होती बर्बाद
नशे के धंधे वाले आबाद
जिसने भी बंद की ये मवाद
बस वही राष्ट्र है जिंदाबाद ।।
अविनाश सिंह गौतम एवं एक प्रिय साथी
आइये मिलकर बस्तर को तम्बाकू व धूम्रपान मुक्त मुक्त बनाएँ।