स्वास्थ्य मंत्री दे सकते हैं इस्तीफा: मीडिया से बातचीत में इस्तीफे के दिये संकेत…. बोले, "संगठन का आदमी हूं... सरकार में रहना जरूरी नहीं... कांग्रेस के लिए काम करूंगा".....




डेस्क। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। गुजरात और दमन द्वीप राज्यों के प्रभारी बनाए गए चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि मंत्री पद कभी भी उनके लिए प्राथमिकता नहीं रहा है, वह संगठन के आदमी हैं। कांग्रेस आलाकमान ने जो उन पर भरोसा जताया है उस पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। रघु शर्मा ने कहा कि वे शुरू से संगठन के आदमी रहे हैं। युवा कांग्रेस से लेकर पार्टी में कई पदों पर रहे हैं। ऐसे में मंत्री पद उनकी प्राथमिकता में कभी नहीं रहा है, वैसे भी मंत्रिमंडल में किसे रखना हैं, किसे नहीं रखना है? यह क्षेत्राधिकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है और फैसला उन्हीं को करना है।
डॉ. शर्मा को कांग्रेस ने गुजरात का प्रभारी नियुक्त किया है। रघु शर्मा की इस नियुक्ति के बाद से ही उनके गहलोत सरकार की कैबिनेट में बने रहने पर संशय जताया जा रहा है। इस बीच रघु शर्मा ने खुद ही मंत्री पद छोड़ने के संकेत दे दिए। डॉ. शर्मा ने कहा कि ‘मेरे लिए मंत्री बना रहना जरूरी नहीं है। मेरे लिए संगठन जरूरी है और मैं कांग्रेस के लिए काम करूंगा, यही मेरी प्राथमिकता है।’ मंत्री शर्मा के इस बयान के बाद जल्द ही उनके मिनिस्टर पद छोड़ने की चर्चा है। रघु शर्मा को गुजरात कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया है, लेकिन अभी एआईसीसी में उनकी भूमिका तय नहीं की गई है। हालांकि उन्हें गुजरात जैसे महत्वपूर्ण राज्य का प्रभारी बनाए जाने से माना जा रहा है कि जल्द ही उन्हें राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जा सकता है।
राष्ट्रीय कांग्रेस में अभी राजस्थान के कई नेताओं के पास महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं। इन नेताओं में भंवर जितेन्द्र सिंह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और राहुल गांधी के करीबी हैं। धीरज गुर्जर और जुबेर खान पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं और उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के सहयोगी के तौर पर कमान संभाल रहे हैं। वहीं मोहन प्रकाश पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। जबकि रघुवीर मीणा कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य हैं। गुजरात में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर डॉ रघु शर्मा को मिली जिम्मेदारी काफी अहम मानी जा रही है।