Bihar Government School : बड़ी खबर! दलालों ने बेच डाली सरकारी स्कूल, एक्शन में दिखे डीएम, ऐसे हुआ खुलासा, जाने पूरा मामला...

Bihar Government School: Big news! Brokers sold government schools, DM seen in action, this is how it was revealed, know the whole matter... Bihar Government School : बड़ी खबर! दलालों ने बेच डाली सरकारी स्कूल, एक्शन में दिखे डीएम, ऐसे हुआ खुलासा, जाने पूरा मामला...

Bihar Government School : बड़ी खबर! दलालों ने बेच डाली सरकारी स्कूल, एक्शन में दिखे डीएम, ऐसे हुआ खुलासा, जाने पूरा मामला...
Bihar Government School : बड़ी खबर! दलालों ने बेच डाली सरकारी स्कूल, एक्शन में दिखे डीएम, ऐसे हुआ खुलासा, जाने पूरा मामला...

Bihar Government School :

 

नया भारत डेस्क : बिहार के पूर्णिया में अभी तक फर्जी तरीके से रेल इंजन की बिक्री और बड़े-बड़े घोटाले जैसे कारनामे आपने सुने होंगे लेकिन इस बार एक सरकारी स्कूल को फर्जी तरीके से बेचे जाने का मामला इन दिनों सुर्खियां बटोर रहा है. वह भी तब जब बिके हुए विद्यालय का खुद बिहार के चर्चित अपर मुख्य सचिव केके पाठक निरीक्षण करने जाते हैं. जिस राजा पृथ्वी चंद्र लाल स्कूल का निरीक्षण करने बीते 14 सितंबर को केके पाठक गये थे. उस स्कूल को 5 सितंबर को ही कुछ जमीन के दलालों ने बेच दिया था. (Bihar Government School)

जानकारी के अनुसार लगभग 100 साल पहले पूर्णिया सिटी में राजा पृथ्वी चंद रहते थे, उनके द्वारा स्कूल चलाने के लिए बिहार सरकार को जमीन दान कर दी गई थी. शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण दान की गई लगभग 8 डेसिमल जमीन का शिक्षा विभाग ने स्कूल के नाम से मोटेशन नहीं करवाया था. वहीं राजा के वंशज अब यहां नहीं रहते हैं लेकिन उनके बच्चे शहर में अपनी जमीन ढूंढ रहे थे. (Bihar Government School)

इसी दौरान उन्हें स्कूल की जमीन के बारे में जानकारी मिली जिसका मोटेशन नहीं होने की वजह से उसका मालिकाना हक शिक्षा विभाग को ट्रांसफर नहीं हो पाया था. राजा के वंशजों ने इस 8 डेसिमल जमीन को अपना मानकर बेच दिया. वहीं जमीन को खरीदने वाले स्थानीय शख्स मंजूर आलम और शहबाज आलम हैं, जिन्होंने बैंक डीडी बना कर जमीन खरीदने की राशि भुगतान की थी. (Bihar Government School)

इस सनसनीखेज मामले को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल अशोक प्रसाद यादव ने बताया कि 14 सितंबर को शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक ने स्कूल का दौरा किया था. उस दौरान स्कूल के निरीक्षण में उन्होंने सब कुछ अच्छा पाया और स्कूल की प्रशंसा की, वहीं उनके लौटने के एक दिन बाद 15 सितंबर की रात को स्कूल के पास से स्थानीय लोगों ने फोन कर सूचना दी कि स्कूल की जमीन को बेच दिया गया है. (Bihar Government School)

प्रिंसिपल ने कहा, ये सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ और मैंने ब्लॉक जाकर बिक्री की गई जमीन की सर्टिफाइड कॉपी निकलवाई. जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीएम को इसकी सूचना दी गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तत्काल मीटिंग की और एसडीओ और सीईओ को जल्द से जल्द जांच करने का आदेश दिया. (Bihar Government School)

जांच के बाद पता चला कि जिस जमीन (8 डेसिमल) पर स्कूल का निर्माण हुआ है उसे राजा पृथ्वी चंद के वंशजों ने बेच दी थी क्योंकि उसका मोटेशन नहीं कराया गया था. विवाद सामने आने के बाद तत्काल स्कूल के नाम मोटेशन करा दिया गया है. (Bihar Government School)

विजिलेंस की टीम करेगी जांच

बता दें कि इस मामले में हैरानी की बात ये है कि इस जमीन को बेचने वाला और इसे खरीदने वाला दोनों ही उस स्कूल के छात्र रह चुके हैं. अब इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस टीम को सौंप दी गई है. विजिलेंस की टीम पूर्णिया आकर इस पूरे मामले की जांच करेगी. (Bihar Government School)

हालांकि इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि वर्तमान में रजिस्ट्री करवाने के लिए प्लॉट वेरिफिकेशन कर उस जगह खरीदार और बेचने वाले की फोटोग्राफी अनिवार्य है. उसके बाद जमीन रजिस्ट्री की जाती है. इस मामले में रजिस्ट्री ऑफिस भी शक के घेरे में है. वर्तमान में उस जमीन पर स्कूल का भवन बना हुआ है जो बेहद जर्जर स्थिति में है. (Bihar Government School)