मौत के आखिरी समय पर कान में दस बार जयगुरुदेव नाम बोलते ही यमराज के दूत हट जाएंगे...

मौत के आखिरी समय पर कान में दस बार जयगुरुदेव नाम बोलते ही यमराज के दूत हट जाएंगे...
मौत के आखिरी समय पर कान में दस बार जयगुरुदेव नाम बोलते ही यमराज के दूत हट जाएंगे...

मौत के आखिरी समय पर कान में दस बार जयगुरुदेव नाम बोलते ही यमराज के दूत हट जाएंगे

महापुरुष काम तो खुद करते हैं  लेकिन श्रेय अपने प्रेमियों भक्तों को दिया करते हैं

उज्जैन (म.प्र.) : प्रभु के जगाये हुए पूरी शक्ति वाले नाम जयगुरुदेव के प्रचारक, अंत समय में जयगुरुदेव नाम बोलने पर मददगार, पूरे समर्थ सन्त सतगुरु, दुःखहर्ता, उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त महाराज ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित संदेश में बताया कि देखो मरते समय कोई मदद नहीं करता है। एक से एक बलवान, पहलवान, डॉक्टर, इंजीनियर, परिवार के लोग, जाति के लोग, रिश्तेदार, मित्र आदि सब खड़े रहते हैं पर मदद कोई नहीं करता।

एक समय ऐसा आ जाता है कि सब निराश हो जाते हैं। बहुत से लोग कहते हैं कि हमारे पास पैसा पावर रहेगा तो जब बीमार होंगे तब हेलीकॉप्टर मंगवा लेंगे, उसमें बैठ करके चले जाएंगे, दिल्ली में इलाज कराएगे जहां अस्पताल की छत पर हेलीकॉप्टर उतर जाता है। पैसे और पावर वालो का पहले नंबर लगेगा।

लेकिन जब वहां ले जाएंगे, एक कमरे में किडनी लीवर आदि के सारे डॉक्टर आते हैं, मशीन लगी रहती है, सारी जांच हो जाती है। फिर डॉक्टर लोग बैठ करके मीटिंग करते हैं फिर दवाई लिखते हैं। यह दवा दे दी जाए तो इससे फायदा हो जाएगा।

दवा से थोड़ा आराम मिला। थोड़ी देर के बाद फिर चिल्लाया, दर्द हो रहा है। अब डॉक्टर ने नींद का इंजेक्शन लगा दिया। थोड़ी देर झपकी आई फिर चिल्लाया। फिर आए डॉक्टर, बोले, अब बाहर से इंजेक्शन मांगाना पड़ेगा। पैसे के बल पर 24-30 घंटे में अमेरिका से दवाई आ गई। जरूरत पड़ी तो डॉक्टर भी वहां से आ गया। अब वह लाया हुआ इंजेक्शन लगाया।

थोड़ी देर आराम मिला फिर चिल्लाया। फिर दूसरी दवा दिया उसने फिर और इंजेक्शन लगा दिया। बोला डेढ़-दो घंटा तो सोएंगे ही सोएंगे। लेकिन केवल 15 मिनट सोया, फिर चिल्लाया मर गए, मर गए, बुलाओ जल्दी डॉक्टर। अब डॉक्टर भी परेशान कि सब लगा दिया, अब क्या करें? कौन सा विकल्प मौत की पीड़ा कोई दूर कर सकता है? कोई नहीं।

अगर पता लगाओगे तो पाओगे की जयगुरुदेव नाम कान में पड़ने पर, जब गुरु महाराज का घोषित जयगुरुदेव नाम, प्रभु का जगाया हुआ नाम, मरने वाले के कान में, इस नाम को बोले हैं तब मरने वाला बोला है कि दवा नहीं फायदा कर रही थी, और कोई सहायक नहीं हो रहा था, यमराज के दूत हमको मार-कूट रहे थे, कर्मों की सजा दे रहे थे। तब जैसे ही जयगुरुदेव नाम कान में बोला गया, सब जल्लाद हट गए और गुरु जी आकर के खड़े हो गए, उन्होंने हमको बचा लिया। ऐसे बहुत से लोग आपको मिलेंगे।

महापुरुष, श्रेय भक्तों को दे देते हैं

उनके काम में जो सहयोग करते हैं, उनका नाम होता है। हनुमान देखो कौन थे? बंदर जाति के थे लेकिन हनुमान, की पूजा होती है या नहीं होती? हनुमानगढ़ी अयोध्या में यूं लड्डू चढ़ते हैं, राम जन्मभूमि कनक भवन मंदिर राम का मानते हैं, वहां इतना प्रसाद नही चढ़ता है, न लोग जाते हैं। सबसे पहले हनुमान जी की पूजा करते हैं। नवरात्र में कहीं भी पत्थर पर तेल सिन्दूर लगा करके अगर रख दिए तो वहां भी फूल पत्ती प्रसाद लोग चढ़ाने लग गए होंगे। किसके नाम पर? हनुमान के नाम पर। कोई लाल लंगोटी पहन करके, हनुमान का बनावटी चेहरा लगा करके कोई आ जाए तो उसको भी लोग प्रणाम करने लगेंगे। काम तो किया राम ने लेकिन नाम किसका किया ?

हनुमान का, बंदर भालुओं का, जटायु का किया। गोवर्धन किसने उठाया? काम किसने किया ? कृष्ण भगवान ने किया, लेकिन नाम किसका किया? गोपियों और ग्वालों का किया। आज भी रासलीला में गोवर्धन उठाते समय लकड़ी लगाए हुए गोपी-ग्वाले दिखाए जाते हैं। तो काम तो वो करते हैं लेकिन श्रेय अपने प्रेमियों को, भक्तों को दिया करते हैं। तो प्रेमियों! एक बार अगर हम अपने गुरु को सब कुछ मान करके कि सब कुछ इन्ही का है, हमारा धन, मान प्रतिष्ठा, शरीर सब इनका है, सब इनके हवाले है तो जैसा वो कहेंगे वैसा फिर आप करोगे।

आपको जब कर्मों को काटने के लिए बताया जाता है और शरीर को देखने लगते हो कि इसमें हमको आराम नही मिलेगा, गर्मी-ठंडी लगेगी, मेहनत करना पड़ेगा, पसीना बहाना पड़ेगा, शरीर हमारा कमजोर हो जाएगा, हम बीमार हो जाएंगे तब आप अपने शरीर को अपना समझोगे तो गुरु के आदेश का पालन कहां कर पा रहे हो? कहां आप उनको अपने को समर्पित कर पा रहे हो ? कहां आप भक्ति कर पा रहे हो? आदेश का पालन ही भक्ति है तो भक्ति कहां हो पा रही है? आपको कहीं कोई गुरु ने कह दिया कि भाई ये खर्चा है, ऐसा काम है, ऐसा कर लो और उस धन में आप कंजूसी करते रहोगे, उस धन को अपना माने रहोगे तब कैसे आप ये समझ पाओगे कि गुरु की दया कैसे होती है? गुरु एक का दस गुना देते कैसे हैं? और अगर आप दे कर देखोगे और एक का दस गुना आने लग जाएगा तब तो आपको विश्वास होगा। कहने का मतलब ये है कि अपने को समर्पित करना चाहिए।

हजरत मोहम्मद साहब की तालीम थी कि किसी जीव को मत सताओ, रहम दिल बनो

आप अपने अंदर दया भाव ले आओ कि हम किसी भी जीव की हिंसा-हत्या नहीं करेंगे। हजरत मोहम्मद साहब ये उपदेश देकर के गए कि किसी जीव को मत सताओ, रुहों पर रहम करो। मुसलमान मतलब जिसके अंदर मुसल्लम ईमान हो, रहमान हो, रहम दिल हो, वह मुसलमान होता है। अंडा मछली मांस का सेवन लोगों ने नहीं छोड़ा तो कोरोना से खतरनाक बीमारियां आने वाली है। शाकाहारी का प्रचार जोर-शोर से करो।

प्रेमियों ! हाथ जोड़कर, पैर छूकर के लोगों को मना लो की शाकाहारी हो जाए। मांस खाने से बना मांसाहारी खून मनुष्य के शाकाहारी खून से मेल नहीं खाता है इसलिए तरह-तरह की बीमारियां हो जाती हैं। अभी तो अपने बीमारी क्या देखा है? मांसाहार, अंडा, मछली खाना लोगों ने बंद नहीं किया तो ऐसी-ऐसी बीमारियां आएंगी कि कोरोना डेंगू तो सब ट्रेलर है, पिक्चर तो आगे चालू होगी। इसीलिए शाकाहारी हो जाओ। शाकाहारी लोगों को बना लो। प्रेमियों! न माने तो हाथ जोड़ लो, पैर छू लो। प्रेमियों! योजना बना लो और लोगों को बताओ।