अमरीका का ISIS पर ड्रोन हमला :पेंटागन ने नागरिकों को तत्काल एयरपोर्ट खाली करने कहा……गुस्साए अमेरिका ने ISIS-K से लिया काबुल ब्लास्ट का बदला, ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया साजिशकर्ता…..

अमरीका का ISIS पर ड्रोन हमला :पेंटागन ने नागरिकों को तत्काल एयरपोर्ट खाली करने कहा……गुस्साए अमेरिका ने ISIS-K से लिया काबुल ब्लास्ट का बदला, ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया साजिशकर्ता…..

 

 

काबुल,28 अगस्त 2021। अमरीकी सैनिकों पर हुए आईएसआईएस के हमले के 48 घंटे के भीतर अमेरिका ने मानव रहित विमान से आईएसआईएस के कथित ठिकानों पर ज़बर्दस्त हमला किया है। ड्रोन हमले की न्यूज़ ऐजेंसी AFP ने पेंटागन के हवाले से पुष्टि की है।

 

 

अफगानिस्तान के काबुल एयरपोर्ट के पास आत्मघाती बम धमाकों के बाद अमेरिका ने 48 घंटों के भीतर इस्लामिक स्टेट समूह (ISIS-K) के खिलाफ ड्रोन स्ट्राइक की है. अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने दावा किया है कि काबुल हमले के साजिशकर्ता के खिलाफ ये कार्रवाई की गई है और टारगेट को ढेर कर दिया गया है. दो दिन पहले काबुल एयरपोर्ट के पास हुए हमलों में अमेरिका के 13 सैनिक समेत कम से कम 169 लोग मारे गए थे.

 

 

 

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक अमेरिका ने नागरिकों से कहा है कि वे काबुल एयरपोर्ट के गेट को जल्द से जल्द खाली कर दें. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने यह एयरस्ट्राइक अफगानिस्तान के नांगरहार में की है.

 

 

 

वहीं पेंटागन ने नागरिकों को जल्द से जल्द एयरपोर्ट छोड़ने की हिदायत जारी की है।मानव रहित विमान से हुए इस हमले में आईएसआईएस को कितना नुक़सान हुआ है यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।

 

 

 

उल्लेखनीय है कि काबुल हवाई अड्डे पर आत्मघाती हमला हुआ था, जिसमें तेरह अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी।इसके ठीक बाद अमेरिका ने कहा था कि वह बदला लेगा।

 

 

काबुल में एक और आतंकी हमले की आशंका

 

 

 

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के नेशनल सिक्यॉरिटी टीम ने राष्ट्रपति को सूचित किया है कि काबुल में एक और आतंकी हमला होने की आशंका है और अफगानिस्तान की राजधानी में एयरपोर्ट पर सुरक्षा के सर्वोच्च उपाय किए जा रहे हैं.

 

 

 

वाइट हाउस की प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकियों और वहां से निकलने के इच्छुक अफगानों के निकासी अभियान के अगले कुछ दिन अब तक के सबसे जोखिम भरे दिन होंगे. काबुल एयरपोर्ट के पास ब्लास्ट में 13 सैनिकों के मारे जाने के बाद अमेरिका ने कहा था कि अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन में एक है.