आज भारतीय लोकतंत्र केंद्र और राज्य सरकारों से क्या चाहता है? बढ़ती महंगाई से सस्ती राहत? युवाओं के लिए रोजगार? और देश की सुरक्षा? और देश की लालची जनता के लिए मुफ्त पैसा? लेकिन आपको यह जानना चाहिए कि देश अपने लोकतंत्र से क्या चाहता है।
What does Indian democracy want




NBL, 25/06/2024, Lokeshwar Prasad Verma Raipur CG: What does Indian democracy want from the central and state governments today? Cheap relief from rising inflation? Employment for the youth? And security of the country? And free money for the greedy people of the country? But you should know what the country wants from its democracy. पढ़े विस्तार से.....
देश के हर एक व्यक्ति की जिम्मेदारी होती है कि हम अपने लिए और देश के लिए क्या कर सकते हैं लेकिन आज ये जिम्मेदारी देश के अंदर एक बैसाखी बन गई है और हमारी ये व्यक्तिगत जिम्मेदारी देश के राजनीतिक दलों की संपत्ति बन गई है जो तय करती हैं कि हमें कौन सी जिम्मेदारी किस राजनीतिक दल के अनुसार करनी चाहिए और आज ये देश के लोकतंत्र के जरिए दिख रहा है, देश का लोकतंत्र आज देश के हित के बारे में बहुत कम सोचता है, देश तरक्की करे, देश का लोकतंत्र आज इस बारे में ज्यादा सोचता है कि हम कैसे व्यक्तिगत लाभ उठा सकते हैं और कौन सी राजनीतिक पार्टी हमें दे सकती है और आज का लोकतंत्र कहता है कि हम आधुनिक भारत के लोकतंत्र हैं, हम एक शिक्षित और बुद्धिमान देश के लोकतंत्र हैं लेकिन क्या आपके व्यक्तिगत हित से देश तरक्की करेगा या देश विनाश की ओर बढ़ेगा, इस बारे में अपने विद्वान मन से सोचिए, देश का शिक्षित और बुद्धिमान लोकतंत्र जो आज भी राजनीतिक दलों से मुफ्त और सस्ती सेवाएं चाहता है।
आज देश के सर्वधर्म लोकतंत्र में सभी धर्मों के लोगों का आपस में भाईचारे के साथ रहना बहुत जरूरी है। राष्ट्र को मजबूत करने के लिए सभी धर्मों के लोगों का राष्ट्रधर्म सबसे पहले होना चाहिए। देश में धर्म और जाति के आधार पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देश के लोकतंत्र को ऐसा करने वाले राजनीतिक दलों का बहिष्कार करना चाहिए। जो धर्म अपने धर्म के नियमों को पहला नियम मानते हैं, वे देश के संविधान का उल्लंघन करते हैं और दूसरे धर्मों के लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे धर्मों के लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज होना चाहिए, जो देश में अराजकता फैलाते हैं और बिना वजह शांति भंग करते हैं और देश की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। जबकि हमारे देश में सभी धर्मों के लोगों के लिए रोजगार होना चाहिए, देश में उच्च शिक्षा होनी चाहिए, देश में उच्च बुनियादी ढांचा होना चाहिए। देश में बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य, सफाई पर जोर दिया जाना चाहिए।
देश के हर गांव और शहर के लोगों को वो सुविधाएं मिलनी चाहिए जो उनके दैनिक जीवन में उपयोगी हों। देश के लोकतंत्र को ऐसी सोच के साथ काम करने वाले राजनीतिक दलों का समर्थन करना चाहिए। हमें अपना बहुमूल्य वोट उन नेताओं को देना चाहिए जो सबका साथ सबका विकास की नीतियों के साथ काम करते हैं, जो राष्ट्र को मजबूत कर सकते हैं, जो देश के लोकतंत्र को मजबूत कर सकते हैं। देश के लोकतंत्र को ऐसे सच्चे देशभक्त राजनेता को अपना नेता स्वीकार करने पर गर्व होना चाहिए। भारत माता हमेशा अपने देश के हर बच्चे के लिए खुशहाल जीवन चाहती है और ऐसा खुशहाल जीवन देने वाले राजनीतिक दल के नेताओं का खुलकर समर्थन करना चाहिए, अगर राष्ट्र सुरक्षित है तो हम, देश के नागरिक सुरक्षित हैं। भारत माता देश के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं से अपने प्यारे बच्चों के लिए केवल यही चाहती है कि भारत में शांति हो और मेरे देश का लोकतंत्र सुख और शांतिपूर्ण जीवन जिए और प्रगति करे। क्योंकि आप भारत माता के मेहमान हैं, मालिक नहीं, बहुत से आए और गए, देश में जन्म लेने के बाद देश के लिए कुछ अच्छा काम करके जाएं।
आज देश के लालची लोग इतने मूर्ख हो गए हैं कि वे पूरी तरह से भूल गए हैं कि देश का हित क्या है। इन लालची लोगों का नतीजा मौजूदा लोकसभा चुनाव में देखने को मिला। विपक्षी दलों के नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए एक लाख रुपये देने की बात करके देश के लालची लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया और विपक्षी दलों ने इन लालची लोगों का फायदा भी उठाया। लेकिन इसका क्या मतलब है? विपक्षी दल चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाए और देश में अपनी सरकार बनाने में असफल रहे और देश के इन लालची लोगों ने एक लाख रुपये भी गंवा दिए। अंत में आज ये लोग अपना कीमती वोट देकर पछता रहे हैं। अरे, हमारा एक लाख तो चला गया, आज देश के मतदाता अपने लालच के कारण दो भागों में बंट गए हैं। और इससे इन लालची राजनीतिक दलों को आने वाले चुनावों में नुकसान होगा, क्योंकि अब वे दोबारा उनके जाल में नहीं फंसने वाले हैं। देश की लालची जनता सत्ताधारी दल से जो कुछ भी वर्तमान में प्राप्त कर रही है, उसी में संतुष्ट रहेगी।
और विपक्षी दलों के नेताओं का माया रूपी छल अब देश में नहीं चलेगा। आज ये विपक्षी पार्टी के नेता अहंकार में कह रहे हैं कि हमने देश में अपनी सीटें बढ़ाई हैं, हां आपने अपने धोखे की वजह से सीटें बढ़ाई हैं, आपने लोगों को लालच देकर देश के लोकतंत्र को धोखा दिया, फिर भी आप असफल रहे। इससे बड़ी शर्म की बात आपके लिए देश में नहीं हो सकती, विपक्षी पार्टियों का धोखा 1. हम एक लाख रुपए देंगे 2. हम देश के युवाओं को रोजगार देंगे 3. हम देश के किसानों के एमएसपी पर काम करेंगे 4. देश का लोकतंत्र खतरे में है, हम उन्हें बचाएंगे 5. देश का संविधान खतरे में है, 5. हमने अग्निवीर भर्ती की बात की और जो राशन पांच किलो दिया जा रहा है उसे बढ़ाकर दस किलो किया जाएगा, हम देश की महंगाई दर को कम करने पर काम करेंगे, हमने देश की हर मूलभूत जरूरत की बात की, लेकिन विपक्षी पार्टी के नेताओं को क्या फायदा हुआ, सिर्फ एक फायदा हुआ, आपके सभी विपक्षी दलों की सीटें बढ़ गईं और वह भी कई प्रकार के प्रलोभन देने की वजह से।
अब यहां से हम आकलन कर सकते हैं कि क्यों बीजेपी के पीएम नरेंद्र मोदी इन विपक्षी दलों के नेताओं से ज्यादा मजबूत हो गए हैं, जबकि विपक्षी दल देश के लालची लोकतंत्र को हर सुविधा दे रहे थे ताकि उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हो सकें, फिर भी विपक्षी दलों के नेता देश में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रभुत्व को कम नहीं कर सके, यह एक सच्चाई है कि आने वाले चुनावों में विपक्षी दलों की यह सबसे बड़ी हार होगी। क्योंकि विपक्षी दलों का लालच देना देश के लोकतंत्र में कमाल नहीं कर सका, जबकि पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी एनडीए का देश विकास, देश सुरक्षा इन विपक्षी दलों पर भारी साबित हुआ और देश के कई लोकतंत्रवादी देश निर्माण और राष्ट्रीय सुरक्षा पहले चाहते थे, वे जीत गए और लालच में आ गए लोकतंत्रवादी हार गए, यह आज के नए भारत के समझदार लोकतंत्र की ताकत है, जिसने राष्ट्र विकास और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अपना कीमती वोट दिया और फिर से बीजेपी एनडीए को देश के लोकतंत्र पीएम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनाया।
देश में बहुत कम लोग देश की सुरक्षा की बात करते हैं क्योंकि इस समय देश में शांति है, लेकिन भारत में चालीस-पचास साल या उससे अधिक उम्र के कुछ बुजुर्ग लोग हैं जो अपने देश की सुरक्षा की बात करते हैं क्योंकि उन्होंने देश में रहते हुए उस भयावह तस्वीर को देखा है, इसीलिए वे देश को सुरक्षा प्रदान करने वाली राजनीतिक पार्टियों का समर्थन करते हैं, इन लोगों में राष्ट्र निर्माण की भावना अधिक होती है, जिन्होंने आतंकवादियों द्वारा देश में दंगों और बम विस्फोटों के कारण जान-माल की हानि देखी है, ये सच्चे देशभक्त लोग हैं जो देश में शांति के लिए देश की सुरक्षा पर जोर देते हैं। लेकिन इसमें भी आज राजनीति हो रही है कि देश की सुरक्षा कमजोर है, आज की सत्ताधारी पार्टी विफल हो चुकी है और तरह-तरह की बातें करके नई युवा पीढ़ी को गुमराह करती रहती है, आज की विपक्षी पार्टियों के नेता जो पहले भी देश की सत्ता में रह चुके हैं और देश में अपनी सरकारें चला चुके हैं और देश की हालत आज की सत्ताधारी पार्टी से भी ज्यादा खराब हालत में रख कर गए थे, आज वही विपक्षी पार्टियों के नेता देश की सुरक्षा को लेकर दुष्प्रचार करके देश में राजनीति कर रहे हैं, जिससे नई युवा पीढ़ी अनभिज्ञ है।
आज देश के युवाओं को राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा रोजगार देने के नाम पर ठगा जा रहा है, लेकिन वे रोजगार देने वाली शिक्षा की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। सत्ता में बैठी राजनीतिक पार्टी परीक्षा के पेपर लीक होने से नहीं रोक पा रही है और सत्ताधारी पार्टी का विपक्षी दल सत्तारूढ़ पार्टी को कमजोर करने और उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए पेपर लीक करने की साजिश कर रहा है। आज देश की राजनीतिक पार्टियों का यही हाल है। गरीब मां-बाप अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए इतना पैसा खर्च कर रहे हैं लेकिन इस देश में मां-बाप की कोई इज्जत नहीं है। यह कैसा आधुनिक भारत है जो अपना नुकसान राजनीतिक पार्टियों को सौंप कर संतुष्ट हो जाता है और यह स्वीकार कर लेता है कि आज यह सब सत्तारूढ़ पार्टी की वजह से हुआ है, जबकि आपके बच्चों का भविष्य बर्बाद करने में देश की विपक्षी राजनीतिक पार्टियों का ज्यादा बड़ा हाथ है क्योंकि उन्हें सत्ता चाहिए।
सत्तारूढ़ पार्टी को बदनाम करके, यह देश के लिए चिंता का विषय है। आज यह बात जगजाहिर हो रही है कि आज के आधुनिक भारत के बुद्धिमान लोग जो पिज्जा, बर्गर और चाऊमीन खाते हैं, उनकी बुद्धि दाल, चावल और रोटी खाने वाले लोगों से भी कमजोर है। जो लोग भारतीय संस्कृति को भूलकर विदेशी खान-पान और पहनावे को अपनाते हैं, खुद को पाखंडी बनाते हैं और विद्वान बनते हैं, वे भारत के सबसे बड़े मूर्ख हैं। यह कैसा भारत बन रहा है? नए भारत के आधुनिक लोग, जो नई आधुनिक सड़कों और आधुनिक मेट्रो ट्रेनों में यात्रा करते हैं, वे देश के पुराने जमाने के अनपढ़ लोगों और फुटपाथ पर चलने वाले बूढ़े लोगों से भी बदतर हैं। आज के आधुनिक भारत के लोग मूर्ख क्यों बन रहे हैं? यह देश के आधुनिक लोकतंत्र के लिए आश्चर्य की बात है, जो राजनीतिक दलों के नेताओं की भ्रामक बातों पर विश्वास कर रहे हैं और खुद को कमजोर कर रहे हैं और भारत को भी कमजोर कर रहे हैं।
सदियों पहले देश में पैसे का इस्तेमाल होता था, लोगों को बहुत सस्ती दरों पर चीजें मिल जाती थीं। आज जो बुजुर्ग लोग जीवित हैं और उस जीवन को जी चुके हैं, उनका कहना है कि हमारे समय में देश में पैसे का इस्तेमाल होता था, , आज पांच रुपए में क्या मिल जाता है, पचास हजार रुपए में क्या मिल जाता है, लाखों करोड़ रुपए में क्या नहीं मिल सकता है, ये आधुनिक भारत का रुपिया है, आधुनिक भारत के लोगों का रुपिया है जो पिज्जा, बर्गर खाते हैं और आलीशान शीशमहल जैसे आधुनिक घरों में रहते हैं।
और आज के आधुनिक भारत में, पुराने भारत के समय से राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए भारत में हर चीज महंगी है और उनके लिए देश में महंगाई दर ज्यादा है और आज वे आधुनिक भारत के लोगों को यह भी बता रहे हैं कि आज महंगाई दर बढ़ गई है। पुराने भारत के पुराने राजनीतिक दलों के ये बूढ़े नेता, जो अपने पुराने समय काल में रूपियों की जगह पैसो से काम चला लेते ये पुराने नेता हैं और आधुनिक भारत के लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि आज भारत में महंगाई दर बढ़ गई है। क्या आज देश में महंगाई वाकई में बढ़ गई है? केवल सच्चे देशभक्त और नए भारत के लोग ही बता सकते हैं कि जो लोग पक्के मकानों में रहते हैं, जिनके पास मोटरसाइकिल और कार हैं, जिनके खाने-पीने की चीजें महंगे व क्वालिटी की हैं, जिनके पास महंगे फोन हैं, जिनके पास हर महीने अपने मोबाइल फोन को रिचार्ज करने का साधन है और जो दिन-रात अपने मोबाइल इंटरनेट के जरिए देश-दुनिया को देख और पढ़ रहे हैं, आज के नए आधुनिक भारत में महंगाई दर कैसे बढ़ गई है, जो विपक्षी दलों के नेताओं के इशारे पर हर दिन टीवी समाचार और अखबारों की सुर्खियों में बनी रहती है।