तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की योजना है.
West Bengal before the 2024 Lok Sabha elections.




NBL, 09/05/2022, Lokeshwer Prasad Verma,. A senior Trinamool Congress (TMC) leader has alleged that the ruling Bharatiya Janata Party at the Center is planning to impose President's rule in West Bengal before the 2024 Lok Sabha elections.
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की योजना है, पढ़े विस्तार से...
एक साक्षात्कार में राज्यसभा सांसद और TMC के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने दावा करते हुए कहा कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए भाजपा ने एक चौतरफा रणनीति बनाई है। उनके अनुसार, भाजपा उत्तर बंगाल को राज्य के बाकी हिस्सों से अलग करने, अक्सर राज्य की कानून पर चिंता प्रकट करने, CBI और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल और गवर्नर को "केंद्र और भाजपा पार्टी के एजेंट" के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना के साथ काम कर रही है।
रॉय ने आगे कहा कि, "केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी हालिया यात्रा के दौरान अपनी रैली के लिए उत्तर बंगाल को चुना था। केंद्र सरकार देश को भीतर से विभाजित करने और राज्य के बाकी हिस्सों से उत्तर बंगाल को काटने का प्रयास कर रहा है, क्योंकि वे जानते हैं कि ऐसा किए बगैर वे जीत नहीं सकते। यदि ऐसा नहीं है तो पार्टी के MLA केंद्रीय गृह मंत्री की उपस्थित में अलग उत्तर बंगाल का मुद्दा मंच से कैसे उठाते?' रॉय ने कहा कि, दूसरी योजना के तहत बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति के संबंध में निरंतर सवाल करना और चिंता प्रकट करना है।
उन्होंने आगे कहा कि, 'हाल ही में भाजपा युवा विंग के नेता अर्जुन चौरसिया की मृत्यु के बाद अमित शाह मौके पर पहुंचे और CBI जांच की मांग की। चुनाव के बाद की हिंसा का मुद्दा बार-बार उठाया गया। भाजपा ने बोगटुई गांवों में रामपुरहाट हिंसा, हंसखली सामूहिक दुष्कर्म और हर दूसरी घटना में जनहित याचिकाएं दायर की है।' रॉय ने दावा किया कि इन सभी घटनाओं में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली बंगाल सरकार ने त्वरित कार्रवाई की है। रॉय के मुताबिक, तीसरी रणनीति के तहत भाजपा, मई 2021 में विधानसभा चुनावों में TMC की प्रचंड जीत के बाद बंगाल के नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि, '2 मई के नतीजों के बाद नारदा घोटाले मामले के सिलसिले में TMC के कई वरिष्ठ मंत्रियों को अरेस्ट किया गया था। वहीं, कैमरे पर घूस लेते देखे गए भाजपा नेता विपक्ष (LOP) सुवेंदु अधिकारी को CBI ने तलब भी नहीं किया।'
उनके मुताबिक, चौथी योजना में बंगाल में गवर्नर के कार्यालय का इस्तेमाल करना है। रॉय ने कहा कि, 'बंगाल के गवर्नर ट्वीट कर रहे हैं, राज्य सरकार के खिलाफ प्रेस वार्ता कर रहे हैं, स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया को इंटरव्यू दे रहे हैं, मुख्य सचिव को समय-समय पर तलब कर रहे हैं। पूरे देश में अतीत या वर्तमान में किसी भी गवर्नर ने ऐसा नहीं किया है। राज्यपाल केंद्र में सत्तारूढ़ दल के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं और राज्य के काम में हस्तक्षेप कर रहे हैं।'