तीसरी लहर को लेकर बड़ा अलर्ट: वैक्सीन से बनी हर्ड इम्यूनिटी भी डेल्टा वैरिएंट के सामने नाकाम.... संक्रमण कब रुकेगा अनुमान लगा पाना मुश्किल.... जानें क्या है एक्सपर्ट्स का दावा.....

तीसरी लहर को लेकर बड़ा अलर्ट: वैक्सीन से बनी हर्ड इम्यूनिटी भी डेल्टा वैरिएंट के सामने नाकाम.... संक्रमण कब रुकेगा अनुमान लगा पाना मुश्किल.... जानें क्या है एक्सपर्ट्स का दावा.....


डेस्क। तीसरी लहर को लेकर बड़ी चेतावनी है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि वैक्सीनेशन के बाद हर्ड इम्यूनिटी भी इस वैरिएंट को रोक पाने में नाकाम लग रही है। वैक्सीनेशन के बाद भी लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमण कब तक रहेगा यह कह पाना मुश्किल है। कोरोना की तीसरी लहर के लिए सबसे बड़ी वजह माना जा रहा डेल्टा वैरिएंट और ज्यादा खतरनाक होता जा रहा है। ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप के प्रमुख प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने मंगलवार को ब्रिटेन के ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप की मीटिंग में ये बाते कहीं। 


पोलार्ड ने कहा कि महामारी तेजी से अपना स्वरूप बदल रही है। डेल्टा वैरिएंट अभी सबसे ज्यादा संक्रामक बना हुआ है। प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, 'हमारे पास ऐसा कुछ नहीं है जो संक्रमण को फैलने से रोक सके। इसलिए मुझे लगता है कि हम ऐसी स्थिति में हैं जहां हर्ड इम्यूनिटी संभव नहीं है। मुझे आशंका है कि यह वायरस ऐसा नया स्वरूप पैदा करेगा जो टीका लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित करने में सक्षम होगा।’

 

 

प्रोफेसर पोलार्ड ने कहा, ‘इस संक्रमण के साथ दिक्कत यह है कि यह खसरा नहीं है। अगर 95% लोगों को खसरे का टीका लगा दिया जाता है तो यह वायरस फैल नहीं सकता। वहीं डेल्टा स्वरूप उन लोगों को संक्रमित करता है जो वैक्सीन ले चुके हैं। इसका मतलब है कि जिसने अभी तक टीका नहीं लगवाया है वह कभी न कभी संक्रमित हो सकता है।’

 

 

यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंगलिया में मेडिसिन प्रोफेसर और संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ पॉल हंटर ने भी हर्ड इम्यूनिटी को लेकर प्रोफेसर पोलार्ड के दावे का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘हर्ड इम्युनिटी की अवधारणा हासिल नहीं की जा सकती, क्योंकि हम जानते हैं कि यह संक्रमण वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों में फैलेगा। ताजा आंकड़ें यह दिखाते हैं कि वैक्सीन की दोनो डोज संक्रमण के खिलाफ संभवत: केवल 50% सुरक्षा देती है।’