Raksha Bandhan Special : छत्तीसगढ़ का खजुराहो है ये मंदिर, एक साथ दर्शन नहीं कर सकते भाई-बहन, जानिए इसके पीछे की रहस्यमय कहानी …

रक्षा बंधन के मौके पर हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां भाई बहन का एक साथ प्रवेश करना वर्जित है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के कसडोल के पास नारायणपुर नामक गांव में स्थित है.

Raksha Bandhan Special : छत्तीसगढ़ का खजुराहो है ये मंदिर, एक साथ दर्शन नहीं कर सकते भाई-बहन, जानिए इसके पीछे की रहस्यमय कहानी …
Raksha Bandhan Special : छत्तीसगढ़ का खजुराहो है ये मंदिर, एक साथ दर्शन नहीं कर सकते भाई-बहन, जानिए इसके पीछे की रहस्यमय कहानी …

रायपुर। राखी का त्यौहार आने वाला है. जिसके लिए बहने कई दिनों पहले ही तैयारियां शुरू कर देती है. भाई बहन का रिश्ता बहुत पवित्र होता है. भाई -बहन आपस में कितना भी लड़ ले झगड़ ले लेकिन उनका प्यार अटूट रहता है. रक्षा बंधन के मौके पर हम आपको एक ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां भाई बहन का एक साथ प्रवेश करना वर्जित है. यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के कसडोल के पास नारायणपुर नामक गांव में स्थित है. इसे नारायणपुर का शिव मंदिर नाम से जाना जाता है. तो आइए जानते हैं इस अनोखे मंदिर के बारे में.

भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां भाई-बहन को एक साथ कभी नहीं जाना चाहिए. इस मंदिर में भाई-बहन के साथ दर्शन और पूजा करने पर प्रतिबंध है. मंदिर से जुड़ी कुछ धार्मिक मान्यताएं हैं और कथाएं हैं. अगर आप भी रक्षाबंधन के मौके पर कहीं सफर की योजना बना रहे हैं या आम दिनों में भी भाई-बहन साथ कहीं घूमने जा रहे हैं तो इस मंदिर में एक साथ प्रवेश न करें.

छत्तीसगढ़ में है अनोखा मंदिर

बता दें कि छत्तीसगढ़ में एक अनोखा मंदिर है, जहां भाई बहन का एक साथ प्रवेश करना वर्जित है. राज्य के बलौदाबाजार के कसडोल के पास नारायणपुर गांव में स्थित मंदिर नारायणपुर के शिव मंदिर के नाम पर मशहूर है. इस मंदिर में भाई बहन को साथ दर्शन के लिए नहीं जाना चाहिए.

मंदिर का इतिहास और नक्काशी

इस मंदिर का निर्माण 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच कलचुरी शासकों ने कराया था. मंदिर लाल-काले बलुआ पत्थरों से बनाया गया है. मंदिर के स्तंभों पर कई सुंदर आकृतियां बनी हुई हैं. मंदिर 16 स्तंभों पर टिका हुआ है. हर स्तंभ पर खूबसूरत नक्काशी की गई है. मंदिर में छोटा सा संग्रहालय है, जहां खुदाई में मिली मूर्तियों को रखा गया है. 

भाई बहन क्यों मंदिर में साथ नहीं जा सकते

यह एकमात्र मंदिर है, जहां भाई-बहन के एक साथ जाने पर पाबंदी है. इसके पीछे एक कहानी है. मंदिर का निर्माण रात के समय हुआ करता था. मंदिर छ महीने में तैयार किया गया था. मंदिर जनजाति समुदाय से जुड़ा है. शिल्पी नारायण रात के वक्त निर्वस्त्र होकर मंदिर का निर्माण करते थे.

मंदिर निर्माण करने वाले शिल्पी नारायण की पत्नी उन्हें खाना देने आती थीं. लेकिन एक शाम नारायण की पत्नी की जगह बहन खाना लेकर निर्माण स्थल पर आ गईं. क्योंकि शिल्पी नारायण नग्न होकर मंदिर निर्माण करते थे, बहन को देखकर उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई और उन्होंने मंदिर के शिखर से कूदकर अपनी जान दे दी. इस कारण भाई-बहन मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा मंदिर अपने स्थापत्य कला के लिए मशहूर है. यहां की मुख्य दीवारों पर उकेरी गई हस्तमैथुन की मूर्तियों के कारण भी भाई-बहन यहां साथ आने में असहज महसूस करते हैं.