आंगनबाड़ी तीन पर भवन एक भी नहीं पंचायत तो बना दिए पर पंचायत भवन बनाना भूल गए विकास कार्यो की पोल खोलती मस्तूरी का यह गांव आप भी जाने पढ़े पूरी खबर




बिलासपुर//दोस्तों सरकार कितनी भी विकास की बात करें पर जमीन पर सच्चाई कुछ और ही है आपको हम एक ऐसे पंचायत के विषय में बताने जा रहे हैं जहां आंगनबाड़ी तो तीन-तीन संचालित किया जा रहे हैं पर भवन एक भी नहीं है ग्राम पंचायत बने सालों हो गए पर ग्राम पंचायत भवन नहीं है हम आपको बिलासपुर जिले के मस्तूरी जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले मानिकचौरी ग्राम पंचायत के बारे में बता रहे हैं आपको सुनकर ताज्जुब होगा कि इस बड़े से पंचायत में आज भी एक सरकारी भवन नहीं है सरकारी भवन से तात्पर्य ना आंगनबाड़ी भवन और ना ही ग्राम पंचायत भवन पंचायत में जो भी चुनकर सरपंच बनता है वह जैसे तैसे अपनी मीटिंग या और भी पंचायत के कार्य अपने घर में ही कर लेता है पर समस्या उन तीन आंगनबाड़ी वालों को हो रही है जो झोपड़ी नुमा घरों में संचालित हो रही है आपको जानकर हैरानी होगी कि केंद्र क्रमांक एक और केंद्र क्रमांक 3 यह दोनों आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कार्य लगभग 2014 में शुरू हुआ था पर आज तक पूरा नहीं हुआ है इनको अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया है जहां इन दोनों ही केंद्रों की कार्यकर्ता छत में झिल्ली डालकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं बच्चों की भविष्य गढ़ रही है वहीं केंद्र क्रमांक 2 रेंट के घर में चलाया जा रहा है पर अधिकारी है कि आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिए क्योंकि उनको बच्चों की समस्याओं से कोई मतलब ही नहीं है दोस्तों बारिश के दिनों में केंद्र क्रमांक एक और तीन में बारिश तेज होने के कारण पॉलिथीन के अंदर से पानी घुस जाता है जिसके वजह पढ़ने आए बच्चों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है वही ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच रामायण साहू बताते हैं कि वह लगातार इस समस्या से संबंधित अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं बावजूद इसके अभी तक कोई उचित कदम नहीं उठाया गया है अभी हाल ही में कुछ दिनों पहले उन्होंने फिर से एक लिखित आवेदन किया है अब देखना यह है कि यह आवेदन भी कचरे के ढेर में कहीं गुम हो जाता है या इस कोई उचित कदम उठाया जाता है