पीएससी परिणाम राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक, जायेंगे हाईकोर्ट - तरुणा साबे 

पीएससी परिणाम राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक, जायेंगे हाईकोर्ट - तरुणा साबे 
पीएससी परिणाम राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक, जायेंगे हाईकोर्ट - तरुणा साबे 

पीएससी परिणाम राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक, जायेंगे हाईकोर्ट - तरुणा साबे 

महामहिम राष्ट्रपति के नाम पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा जारी परिणाम की उच्चस्तरीय जांच की मांग करेगी आम आदमी पार्टी - तरुणा साबे 

जगदलपुर / छत्तीसगढ़ । छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग द्वारा परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद परीक्षार्थियों द्वारा मिलीभगत और भाई भतीजावाद का आरोप लगाया जा रहा है। राज्य के प्रतिष्ठित आयोग के कार्यप्रणाली पर इस तरह सवालिया निशान उठने लगे हैं। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की सदस्य तरुणा साबे ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस द्वारा छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग को ईमानदार अधिकारी देने वाली संस्था के बदले भ्रष्टाचार का केंद्र मात्र बना दिया गया है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं, और बढ़े रसूखदार अधिकारियों के बच्चों को प्रशासनिक सेवा में पहुंचाने के बदले यहां कमीशन का खेल खेला जाता है, जिस कारण योग्य युवा राज्य प्रशासनिक सेवा तक नही पहुंच पाते हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में गरीब और मध्यम आय वाले परिवारों की संख्या अधिक है, वहां प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से ही युवा राज्य प्रशासनिक सेवा के लिए चुनकर आने का सपना देखते हैं। गरीब माता पिता अपना पेट काटकर अपने बच्चों को कई कई वर्ष तक पढ़ाते हैं ताकि वे राज्य प्रशासनिक सेवा के परीक्षा के माध्यम से चुनकर आए व ईमानदारी के साथ देश की सेवा करें। लेकिन जब सत्तारूढ़ दल का संरक्षण आयोग को मिलने लगे और आयोग के पदाधिकारी सत्ताधारियों के इशारे पर किसी ख़ास वर्ग मात्र को तवज्जो देने लगे तो ऐसे आयोग के कार्यप्रणाली में सवाल उठना जायज है। इस प्रकार राज्य के योग्य और मेघावी छात्र छात्राएं जो पूर्ण ईमानदारी से अपना तैयारी ऐसे प्रतियोगी परीक्षा के लिए वर्षो करते हैं, उनके सपनों को तोड़ देता है।

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की सदस्य तरुणा साबे का मानना है कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग जैसी प्रतिष्ठित संस्था ने अब राज्य के मेहनती और मेघावी छात्र छात्राओं के बीच अपनी विश्वसनीयता खो दिया है। इस पर हाल में जारी परीक्षा परिणाम में सत्तारूढ़ दल के नेताओं, राज्य के अफसरों और आयोग के पदाधिकारियों के परिवार के सदस्यों के नाम आने से ही अन्य परीक्षार्थी स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। अगर यह परिणाम वाकई में भाई भतीजावाद के आधार पर बनाई गई है तब ऐसे में जिन लोगों का चयन प्रशासनिक सेवा में होगा उनसे जनता के प्रति ईमानदारी और राज्य के प्रति कर्तव्य परायणता की बात करना मूर्खता मात्र होगा।

जानकारी हो कि तरुणा साबे ने विगत कई वर्षों से पीएससी की तैयारी कर रहे युवाओं से बात किया है। बातचीत के दौरान अनेकों युवाओं ने पीएससी के वर्तमान चेयरमैन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि परीक्षा सिर्फ़ दस्तावेज पूर्ण करने के लिए लिए जाता है, किसे कौन सा पद देना है वह पहले से ही तय कर लिया जाता है। हर पद के लिए क़ीमत तय होती है, जो सक्षम है वे प्रशासनिक सेवा में जाते हैं वास्तविक परीक्षार्थी केवल मुख ताकते रह जाते हैं।

तरुणा साबे ने बताया है कि इस मामले में उच्चस्तरीय जांच टीम गठित करने महामहिम राष्ट्रपति से वे आवेदन करेंगी। साथ ही आम आदमी पार्टी के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी और विधिमंडल की सलाह बाद आवश्कता अनुसार हाईकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जायेगा।