NBL: भोलेनाथ के आंसुओं का मान नहीं रख पाया कंगाल पाकिस्तान, कुछ ऐसी हुई हिंदू मंदिर की हालत.
Poor Pakistan could not respect the tears of Bholenath,




NBL, 07/03/2023, Lokeshwer Prasad Verma Raipur CG: Poor Pakistan could not respect the tears of Bholenath, the condition of the Hindu temple was like this.
पाकिस्तान में पवित्र कटासराज मंदिर के एक्सक्लूसिव तस्वीरें हैं जो बयान करती हैं कि हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस पवित्र मंदिर के प्रति पाकिस्तानी प्रशासन का अनदेखा रवैया है.यहां हर साल जाने वाले यात्रियों के मुताबिक इस पवित्र मंदिर को मात्र पर्यटन स्थल ही तरह विकसित करके पाकिस्तान की जनता के सामने पेश किया जा रहा है.
जहां तक इस मंदिर में रोजाना पूजा होने का सवाल से तो जब भारत से भक्त यहां पर जाते हैं तभी यहां पर पूजा होती है. जाहिर सी बात है भगवान भोलेनाथ के आंसू की मान्यता पर बना मंदिर जब इस बदहाल हालत में है तो यह साफ तौर पर अंदाजा लगाया जा सकता है इससे जुड़े भक्तों के ऊपर क्या बीत रही होगी.
कटासराज मंदिर के आसपास के लोगों के मुताबिक आजादी से पहले कटासराज मंदिर परिसर में 193 छोटे-बड़े मंदिर थे, लेकिन आजादी के बाद सिर्फ एक ही मंदिर रह गया, मुख्य कटासराज मंदिर. 2 किलोमीटर पहले इस मंदिर परिसर को कटासराज धाम कहते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मां पार्वती के वियोग में भगवान शिव के आंसू दो जगह गिरे राजस्थान के पुष्कर धाम और पाकिस्तान के कटासराज धाम और तभी से यह दोनों जगह हिंदू धर्म की बड़ी आस्था का केंद्र बन गईं. इस पवित्र स्थल का महाभारत काल में भी वर्णन है. यहां पर पांडव आकर रुके थे और शास्त्रार्थ के बाद इस पवित्र कुंड का पानी पिया था. तब से यहां पर समय-समय पर साल में महत्वपूर्ण हिंदू मान्यताओं के अनुसार पर्व और कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा.
श्रद्धालुओं के मुताबिक आजादी के बाद से इस मंदिर की हालत बदतर होती चली गई. करीब 40 साल पहले किसी तरीके से भारत से कुछ श्रद्धालुओं वहां पर दर्शन करने की जब इजाजत मिली तो इस मंदिर के बदहाली की और ज्यादा हकीकत सामने आने लगी. अब शिवभक्त वहां जाते तो जरूर है लेकिन उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं है. मंदिर में नियमित पूजा और धार्मिक आयोजनों की बेहद कमी है. सरोवर का पानी भी तय मापदंडों के मुताबिक साफ नहीं है.
पाकिस्तान में आए दिन मंदिरों और गुरुद्वारों पर हमले की खबर सामने आती रहती है और अब उसके कंगाली के इस दौर में करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े इस मंदिर की हालत रखरखाव की कमी के चलते बद से बदतर होती जा रही है. श्रद्धालुओं का भी यही कहना है कि भारत सरकार को पाकिस्तान सरकार से बात करके कम से कम ऐसे मंदिरों का रखरखाव का जिम्मा ले लेना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान सरकार ऐसा करने में बिलकुल नाकाम साबित होती जा रही है।