NBL,22/2023:ज्यादा शराब पीने के क्या है साइड इफेक्ट, कैसे करता है दिमाग और शरीर पर असर, जानें...
NBL, 22/2023: What are the side effects of drinking too much alcohol




NBL, 02/12/2022, Lokeshwer Prasad Verma, Raipur CG:NBL, What are the side effects of drinking too much alcohol, how does it affect the mind and body, know...
आज ज्यादातर घरेलू हिंसा इन्ही शराब के कारण होती है, कितनो का तो आपसी सहमति प्रेम आपसी भाईचारा मे दरार डाल देती है ये शराब इनके अंदर जो अलकोहल होती है वह इंसान की सोचने समझने की शक्ति का हनन कर लेती है, और इंसान के शरीर को बेकार करना शुरु कर देती है इनके स्वाभाविक गुण है, शरीर को बेकार करना भले ही नशा बाज लोग कहते है, शराब सेवन के बाद नशे के हालात में हम सच को बोलते हैं, जो कड़वी होती है, और यही बेहूदा कड़वी सच्चाई एक इंसान दूसरे इंसान के दुश्मन बना जाते हैं, तो शराब कहा से अच्छा हुआ जो अच्छे खासे रिश्तों में दरार पैदा कर दिया। बल्कि इनके दुष्परिणाम जिंदगी भर के बने बनाए अच्छे रिश्तों को तहस नहस कर देती है। शराब पीने वाले लोगों के उपर विश्वास नहीं किया जा सकता, क्योकि इनके व्यव्हार दो प्रकार के हो जाते है, नशे के हालत का बोलना व नशे के टूटने के बाद के बोलने में अंतर आ जाता है, तो नार्मल लोग इन शराबियों के बातो को अनसुना व यकीन नहीं कर पाते है, और इनके बातों को सही मायने में तवज्जो ही नहीं देता, और इनके अपना नशा ही नाश का कारण बन जाते हैं, सभी स्तर पर इनके कोई अपना नही होता, जो इनके पक्ष ले सके इनका साथ दे सके।
आज भारत देश के प्रायः प्रायः राज्यो के लोगों के अंदर इन मादक पदार्थों के नशा का जाल इस कदर से फैल चुका है या हावी हो चुकी है जो इन नशा के चन्गुल से लोग बाहर आ सके, और अपना व अपने लोगों के बीच शांति के साथ जीवन जी सके व रह सके और ये लोग अपना विकास या देश के विकास में सहयोग दे सके, ये नशा को बेचने वाले या नशा को करने वाले व्यक्ति बिकाऊ हो जाते हैं, जो उनके अपना समाज व देश के लिए खतरा है।
भारत सरकार जो देश के अनेक राज्यों को शराब बेचने का छुट दे रखी है, ये बिल्कुल भी गलत है, जो देश के लोगों के विकास के लिए बाधक बन गया है, कितने बहु बेटी, माता पिता इन शराबियों के अत्याचार का शिकार बन रहे हैं, जो भारत सरकार व राज्य सरकार के लिए सोच का विषय है, भले ही भारत सरकार व राज्य सरकार इन शराब व मादक पदार्थों को अपने लिए अत्यधिक आय का जरिया व स्रोत बना कर चलती है, लेकिन एक तरफ सरकार को भी ध्यान देने की जरूरत है, जब देश के लोगों के अंदर ये नशा अपने पकड़ मजबूत बना लेगी देश के हर घर हर परिवार के बीच तो आप कहाँ से अपने देश के विकास व सुरक्षा के लिए नौजवान लाओगे जब देश के सब लोग नशे के कारण अपने ही शरीर व दिमाग को कमजोर बना लेंगे उस स्थिति में आप सरकार क्या करोगे ये सवाल सरकार से पूछना लाजमी है??? प्रश्न तो बनता है, उत्तर आपके पास है क्या और है तो जवाब दे देश के बहुत से लोगों को जो देश का भला चाहते हैं।
और देश के लोगों को भी सोच विचार करनी चाहिए हकीकत में कही यहि नशा देश के लोगों के दिमाग को कमजोर व शरीर को असहाय शक्तिहिन बना दे और देश फिर से गुलाम बन जाए इन विदेशियों के हाथों तब क्या होगा देश के लोग ही कमजोर हो जायेंगे तो देश कहाँ से मजबूत व अच्छे रफ्तार से विकास कर पाएंगे, इस नशा व नशीला पदार्थ बेचने वाले राज्य सरकार व देश के अंदर अन्य बिचोलियो के द्वारा बेची जा रही मादक पदार्थों को इनके उपर भी देश के हर वर्ग हर समाज के लोगों को विरोध करनी चाहिए। यह भी एक राष्ट्र सेवा राष्ट्र धर्म है। हमें क्या लेना देना है करके चुप बैठ कर तमाशा ना देखे क्योकि इनके दुष्परिणाम को आपको भी भुगतना पड़ सकता है, बिना नशा पान करने वाले देश के लोगों को क्योकि आपका आबादी कम है और नशा करने वाले लोगों की तीव्र गति से आबादी बढ़ रही है।
excess drinking of alcohol: शराब को लोग अकसर अनुभव के रूप में शुरू करते हैं और कब यह आदत बन जाती है पता ही नहीं चलता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शराब की कितनी मात्रा शरीर के लिए नुकसान नहीं पहुंचाती. हालांकि शराब की थोड़ी मात्रा भी कुछ न कुछ शरीर को नुकसान जरूर पहुंचाती है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति लगभग 10 वर्षों से प्रतिदिन 80 मिलीलीटर शराब पी रहा है तो यह मात्रा बहुत ज्यादा है और इससे अल्कोहलिक हेपेटाइटिस और सिरोसिस का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. इन बीमारियों से मरीजों की दर्दनाक मौत हो सकती है. तो आइए जानते हैं कि शराब पीने के कारण हेपेटाइटिस और सिरोसिस आखिर है क्या।
ज्यादा शराब पीने के साइड इफेक्ट...
अल्कोहलिक हेपेटाइटिस लीवर की सूजन की बीमारी है जो बहुत अधिक शराब पीने के कारण होती है. इसमें फ्लूड जमा होने लगता है जिसके कारण पेट बड़ा हो जाता है. इसके अलावा पीली आंखें, बुखार, थकान और भूख न लगना जैसे लक्षण इस बीमारी के लिए रेड सिगनल है. दूसरी ओर सिरोसिस एक क्रोनिक बीमारी है (जो जिंदगी के साथ चलती है) सिरोसिस की बीमारी लीवर के क्षतिग्रस्त होने से होती है जिसके कई कारण हो सकते हैं।
क्या है तात्कालिक प्रभाव....
मायो क्लिनिक के मुताबिक “कई बार लीवर किसी बीमारी, अत्यधिक शराब के सेवन या किसी अन्य कारण से क्षतिग्रस्त हो जाता है लेकिन इसकी खासियत यह है कि यह अपने आप खुद की मरम्मत कर लेता है.” लेकिन इस मरम्मत के दौरान कुछ स्कार टिशू भी बनते हैं. जैसे-जैसे सिरोसिस की बीमारी बढ़ती है, ज्यादा से ज्यादा स्कार टिशू को बनाना पड़ता है. अंत में इससे लीवर पर इतना जोर पड़ता है कि इसका सामान्य फंक्शन प्रभावित होने लगता है. फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज, दिल्ली की पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ ऋचा सरीन कहती हैं, “शराब पीने के बाद मदहोशी, मनोदशा में बदलाव, आवेगपूर्ण व्यवहार, गाली-गलौज, दस्त और उल्टी जैसे प्रभाव व्यक्ति पर देखे जाते हैं. शराब पीने के ये सिर्फ अल्पकालिक प्रभाव हैं लेकिन दीर्घकालिक प्रभाव अधिक गंभीर और चिंताजनक हैं.”
कैसा महसूस होता है....
डॉ ऋचा ने बताया कि अल्कोहलिक हेपेटाइटिस, सिरोसिस, कुपोषण, आवश्यक पोषक तत्वों की कमी, लगातार मूड में बदलाव, अनिद्रा, कमजोर इम्युनिटी और कामेच्छा और यौन क्रिया में बदलाव जैसी क्रोनिक हेल्थ समस्याएं हैं. जब लोग शराब पीते हैं तो उस समय लोगों को लगता है कि उसका मूड बहुत अच्छा है. वह सांतवें आसमान पर खुद को महसूस करते हैं लेकिन शराब पीने के बाद शराब में मौजूद रसायन दिमाग में हलचल पैदा करता है जिससे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।