महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सिंधी सिख होने पर किया बयान जारी




-कट्टरपंथियों की कड़ी निंदा की
भीलवाड़ा। हरि शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने एक वीडियो में समाज की जिज्ञासा का खुलासा करते हुए अपना बयान जारी करते हुए बताया है की सिंधी सनातनी हैं, सिख नहीं। असल में सिंधु घाटी सभ्यता के समय जो लोग सिंधु नदी के किनारे बसे, वे सिंधी कहलाये, पिछले कुछ अरसे से श्री गुरू ग्रंथ साहेब जी की इंदौर की घटना के पश्चात् उपजे विवादों के चलते समाज में ये जिज्ञासा उत्पन्न की रही है कि सिंधी सिख हैं। स्वामी जी ने अपने बयान में ये बात साफ़ की कि किस तरह सिंधी सिख कहलाये जाने लगे। जिनके घरों में औलाद नहीं होती थी, वे श्री गुरू ग्रंथ साहेब के आगे प्रार्थना कर अपनी पहली औलाद को सिख बनाने की मन्नत माँगते थे। उनके केश रखते। परंतु मूल रूप से सनातनी होने के कारण जनेऊ संस्कार पूजा पाठ आदि सनातन धर्म के अनुसार करते, महामंडलेश्वर ने बताया कि अनादि काल से ही सिंधी घरों एवम् टिकाणों में श्री गुरू ग्रंथ साहेब को पूजा जाता रहा है, साथ ही रामायण, श्रीमद्भागवत्, गीता आदि सनातनी ग्रंथों एवम् अपने गुरुओं की समाधि व मूर्तियों को भी पूजा जाता रहा है, उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सिंधी सिख - सिंधी में से कन्वर्ट हुए सिख हैं, उनका आधार सिंधी सनातनी ही है। मगर आज कट्टरपंथियों द्वारा कई तरह के वाणी के प्रलोभन देकर उन्हें सिख बनाया जा रहा है जो अत्यंत निंदनीय है।