छत्तसीगढ़ के IPS ने बयां किया अपना दर्द : IPS ने किया ट्वीट… बोले - 2005 से जॉब कर रहा, लेकिन सैलरी 6 डिजिट में भी नहीं'… ट्वीट वायरल…IPS ने कही दिल छू जाने वाली ये बात पढ़े…
IPS of Chhattisgarh expressed his pain: IPS tweeted… said – working since 2005, but salary is 6 आईपीएस सूरज सिंह परिहार अपने ट्वीट में लिखते हैं- '2005 से लगातार जॉब में हैं, अभी तनख्वाह की फिगर 6 डिजिट में पहुंचना बाकी है. पर आईपीएस दीपांशु काबरा सर की प्रेरणा से हाल में बनाए मेरे ट्विटर अकाउंट का कुनबा आज 6 डिजिट पहुंच गया है.'




IPS of Chhattisgarh expressed his pain: IPS tweeted… said – working since 2005, but salary is 6
रायपुर (छत्तीसगढ़). देश के हर नौजवान का सपना होता है कि वह आईएएस और आईपीएस की नौकरी करे। वह सिर्फ यही सोचते हैं कैसे ना कैसे उन्हें बस यह टॉप क्लास जॉब मिल भर जाए। क्योंकि इसका रुतबा ही कुछ ऐसा होता है। शायद ही कोई ऐसा होगा जो इसमें मिलने वाली सैलरी के बारे में सोचता होगा। लेकिन छत्तीसगढ़ में एक आईपीएस अधिकारी का सैलरी को लेकर दर्द सामने आया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 17 साल जॉब करने के बाद भी अभी तनख्वाह की फिगर 6 डिजिट में पहुंचना बाकी है। (IPS of Chhattisgarh expressed his pain:)
अपने अनोखे अंदाज के लिए जाने जाते हैं ये अफसर
दरअसल, अपनी तनख्वाह का जिक्र करने वाले यह आईपीएस अधिकारी सूरज सिंह परिहार हैं। इस समय छत्तीसगढ़ के गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सूरज सिंह 2005 बैच के आईपीएस अफसर हैं। अफसर अक्सर अपने अनोखे काम और अंदाज के चलते चर्चा में बने रहते हैं।
मजाकिया अंदाज में बताई अपनी सैलरी
बता दें कि कुछ दिन पहले ही अधिकारी ने 'पुलिस की पाठशाला' नाम से एक नि:शुल्क लाइब्रेरी की शुरुआत की है। जिसका जिक्र करते हुए अपनी सैलरी की बात करते हुए आईपीएस ने मजाकिया अंदाज में ट्वीट में कर लिखा- मैं लगातार 2005 से आईपीएस की नौकरी कर रहा हूं, जिसे करते हुए मुझे पूरे 14 साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक भी सैलरी 6 डिजिट तक नहीं पहुंची। यानि अभी तक एक लाख भी तनख्वाह नहीं हुई है।
आईपीएस ने कही दिल छू जाने वाली बात
आईपीएस सूरज सिंह अपने अगले एक और ट्वीट में लिखते हैं-मेरे साथ जो लोग जुड़े हैं वह बहुत अच्छे इंसान हैं।' उन्होंने गरीब बच्चों की पढ़ने में बहुत कमाई की। जिनकी मदद से मैं कोरोना काल में बच्चों के लिए निःशुल्क 'पुलिस की पाठशाला' बना पाया। मुझे आगे भी पूरा भरोसा है कि वह मेरे आह्वान पर फिर मदद करने के लिए आगे आ जाएंगे। सबको दिल से धन्यवाद।
अंतत: सपना सच हुआ!
शहीद के नाम पर बनाई का उद्घाटन शहीद की बेटी और रेंज आईजी सर द्वारा संपन्न हुआ।
खासियत:
1.नए जिले की पहली मानक लाइब्रेरी, नि:शुल्क
2.जनता द्वारा, जनता का, जनता के लिए
2.सभी करियर कोर्सों और एंट्रेंस इक्जाम के अपडेट बुक्स उपलब्ध