अंतरिम बजट भी जनता को राहत देने में नाकाम रहा : जैन

अंतरिम बजट भी जनता को राहत देने में नाकाम रहा : जैन
अंतरिम बजट भी जनता को राहत देने में नाकाम रहा : जैन

अंतरिम बजट भी जनता को राहत देने में नाकाम रहा : जैन

मंहगाई और बेरोजगारी पर मोदी सरकार ने साधी चुप्पी

जगदलपुर : पूर्व विधायक व संसदीय सचिव रेखचंद जैन ने कहा है कि मोदी सरकार का अंतरिम बजट जनता को किसी प्रकार से राहत देने में नाकाम रहा है। लोक सभा चुनाव के ठीक पहले आम जनता को जिस प्रकार से इस बजट से उम्मीदें थीं, यह उन पर खरा नहीं उतरा है। गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री के द्वारा प्रस्तुत बजट में समाज के किसी वर्ग के लिए विशेष रियायतें नजर नहीं आती हैं।

जैन के अनुसार महिलाओं को मंहगाई से राहत देने के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। महिला सुरक्षा की गारंटी नहीं ली गई है जबकि नेशनल क्राईम ब्यूरो के आंकड़े कहते हैं कि मोदी राज में साल-दर-साल महिलाओं के विरुद्ध होने वाला उत्पीड़न बढ़ा है। बजट में बेरोजगारी उन्मूलन के ठोस उपाय न कर युवाओं को भी निराशा- हताशा के चक्र में ढकेल दिया गया है। अलग-अलग आयु वर्ग के युवाओं के लिए सरकारी नौकरी समेत किसी भी प्रकार के रोजगार की बात न करना उनके साथ छल है।

देश भर में एक साल में औसतन 1100 किसानों के द्वारा आत्महत्या किए जाने के बावजूद इस दिशा में भाजपा सरकार ने अंतरिम बजट में कोई उपाय नहीं किए हैं। मध्यम वर्ग का जिक्र तक न करना हास्यास्पद है। मोदी सरकार ने फिर एक बार साबित कर दिया है कि गरीब- मध्यम वर्गीय का कोई मोल उसके लिए नहीं है।

यह बजट अमीरों के लिहाज से लाया गया है। टैक्स पर सरकार की चुप्पी आम जनता को चुभ रही है। कर्मचारियों को न तो टैक्स में रियायत दी गई है और न ही उनकी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग की ओर ध्यान दिया गया है। श्री जैन ने कहा है कि कुल मिलाकर यह बजट मोदी सरकार का अंतरिम ही नहीं अपितु अंतिम बजट साबित होने वाला है। देश के वर्तमान हालातों से भी यही प्रतीत हो रहा है।