जगरगुंडा क्षेत्र में स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर ग्रामीणों तक पहुंचा रहे स्वास्थ्य सुविधा




सुकमा। बस्तर संभाग में आफत की बारिश ने चारों तरफ अपना कहर बरपा कर रखा है, खासकर सुकमा बीजापुर और बस्तर में बीते 10 दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है, कुछ दिन पहले ही बीजापुर जिले में चावल से भरी ट्रक एक बरसाती नाले में बह गई, इसके अलावा उफनती नदी में बह जाने से बस्तर संभाग में दो लोगों की भी मौत हो चुकी है। बस्तर संभाग के अलग-अलग जगह से जान जोखिम में डालकर नदी नालों को पार करते हुए तस्वीरें निकल कर सामने आ रही है।
बीते दिनों सुकमा के पोंगाभेज्जी इलाके से एक तस्वीर निकल कर सामने आई थी, जिसमें ग्रामीण अपने कलेजे के टुकड़े को बड़े-बड़े बर्तनों में डालकर उफनती नदी पार करते दिख रहे थे। अब सुकमा जिले के बुर्कापाल-ताड़मेटला व बीजापुर के ग्रामीण इलाके से ऐसी ही एक तस्वीर निकलकर सामने आ रही है, जहां स्वास्थ्य कर्मी जद्दोजहद करते दिख रहे हैं, और उफनती नाला पार करने को मजबूर है।
दरअसल मानसून के दौरान बस्तर के अंदरूनी इलाकों से मौसमी बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। जीत की रोकथाम के लिए लगातार स्वास्थ्य कर्मी अंदरूनी इलाकों में जाकर टीका लगाने का काम कर रहे हैं। यही कारण है कि स्वास्थ्य कर्मियों की जान जोखिम में डालकर गांव तक पहुंचने वाली तस्वीर निकल कर सामने आई है।
जगरगुंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सुपर वाइजर मनोहर पोडियम ने बताया बरसात के दिनों में बारिश का कहर कुछ इस कदर होता है की अंदरूनी क्षेत्रों के लोगो को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए जान जोखिम में डाल कर नदी नालों को पार करना पढ़ता है। गांव वालो को कि मदद से बाइक को उफनते नदी नालों से पार किया तो खुद कंधे पर वैक्सीन के बॉक्स ले ताडमेटला और बुर्कापाल में नालों को किया पार।