Agriculture Business Ideas : थोड़े से लागत में शुरू कर सकते है ये 5 कृषि व्यवसाय होगी अच्छी कमाई ! जानिए कैसे.

Agriculture Business Ideas: You can start these 5 agriculture business with little cost, it will be good earning! Know how. Agriculture Business Ideas : थोड़े से लागत में शुरू कर सकते है ये 5 कृषि व्यवसाय होगी अच्छी कमाई ! जानिए कैसे.

Agriculture Business Ideas : थोड़े से लागत में शुरू कर सकते है ये 5 कृषि व्यवसाय होगी अच्छी कमाई ! जानिए कैसे.
Agriculture Business Ideas : थोड़े से लागत में शुरू कर सकते है ये 5 कृषि व्यवसाय होगी अच्छी कमाई ! जानिए कैसे.

Agriculture Business Ideas :

आजकल किसानों का ध्यान परंपरागत खेती से हटकर आधुनिक खेती की ओर से हो गया है। आधुनिक खेती के दौर में किसान अब बाजार की मांग को ध्यान में रखकर अधिक मुनाफा देने वाली फसलों का उत्पादन करने लगे हैं। इसी के साथ किसान फल और सब्जियों का उत्पादन करके भी अच्छी कमाई कर रहे हैं। यदि फलों की बात करें तो किसान भाई फलों में अनानास की खेती करके भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती पूरे 12 महीने की जा सकती है। वहीं इस फल की मांग बाजार में पूरे बारह महीने बनी रहती है। इस लिहाज से देखा जाए तो अनानास की खेती किसानों के लिए लाभ का सौदा साबित हो सकती है। किसान भाई अनानास का उत्पादन करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आईये जानते हैं इस फल की खेती के जरिए बंपर कमाई कैसे की जा सकती है : (Agriculture Business Ideas)

पाइनएप्पल का पौधा कैक्टस प्रजाति का होता है। इसका रखरखाव भी बेहद सान है। इसके साथ ही मौसम को लेकर भी ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। केरल जैसे कई प्रदेशों में किसान 12 महीने ही इसकी खेती करते हैं। इसके पौधों को अन्य पौधों के मुकाबले सिंचाई की कम जरूरत पड़ती है। इसकी बुवाई से लेकर फल पकने तक करीब 18 से 20 महीने लग जाते हैं। फल पकने पर उसका रंग लाल-पीला होना शुरू हो जाता है। जिसके बाद इसकी तुड़ाई का काम शुरू किया जाता है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास में पाए जाने वाले पोषक तत्व :

अनानास मेें उच्च स्तर के अम्लीय स्वभाव (संभवत: मैलिक या साइट्रिक अम्ल) का होता है। इसमें प्रचुर मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। एक प्याला अनन्नास के रस-सेवन से दिन भर के लिए आवश्यक मैग्नीशियम के 75 प्रतिशत की पूर्ति होती है। अनानास के टुकड़े के एक कप (165 ग्राम में) कैलोरी 82.5, फैट 1.7 ग्राम, प्रोटीन 1 ग्राम, फाइबर 2.3 ग्राम, कार्बोहाइड्रेट्स 21.6 ग्राम, विटामिन 131 फीसद, विटामिन बी6 9 फीसद, कॉपर 9 फीसद, फोलेट 7 फीसद, पोटैशियम 5 फीसद, मैग्नीज 5 फीसद और आयरन 3 फीसदी पाया जाता है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास खाने  के फायदे ( Benefits of Pineapple )

अनानास में उच्च एंटीआक्सीडेंट होते हैं और इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और साधारण ठंड से भी सुरक्षा मिलती है। इससे सर्दी समेत कई अन्य संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। ये शरीर के भीतरी विषों को बाहर निकलता है। इसमें क्लोरीन की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पित्त विकारों में विशेष रूप से और पीलिया यानि पांडु रोगों में लाभकारी है। ये गले एवं मूत्र के रोगों में लाभदायक है। इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत बनाता है। गठिया रोग में भी इसे लाभकारी माना जाता है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास ( Pineapple ) की खेती के लिए जलवायु   : 

अनानास की खेती के लिए नम (आर्द्र) जलवायु की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए अधिक बारिश की जरूरत होती है।  बता दें, अनानास में ज़्यादा गर्मी और पाला सहने की क्षमता नहीं होती है। इसके लिए 22 से 32 डिग्री से. तापक्रम उपयुक्त रहता है। दिन-रात के तापक्रम में कम से कम 4 डिग्री का अंतर होना चाहिए। इसके लिए 100-150 सेंटीमीटर बारिश की ज़रूरत होती है। अनानास के लिये गर्म नमी वाली जलवायु उपयुक्त रहती है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास Pineapple ) की खेती के लिए उपयुक्त भूमि या मिट्टी :

मिट्टी अनानास की खेती के लिए अधिक जीवांश वाली बलुई दोमट मिट्टी या रेतीली दोमट भूमि अच्छी होती है। इसके अलावा जल भराव वाली भूमि में इसकी खेती नहीं करनी चाहिए। इसके लिए अम्लीय मिट्टी का पी.एच. मान 5 से 6 के बीच होना चाहिए। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास की खेती (Ananas ki kheti)  का उचित समय  :

इसकी खेती साल में दो बार की जा सकती है। पहली जनवरी से मार्च तक तथा दूसरी बार मई से जुलाई के बीच इसकी खेती की जा सकती है। वहीं जिन इलाकों में नमी युक्त मध्यम गर्म जलवायु होती है वहां इसकी खेती पूरे बारह महीने की जा सकती है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास की खेती (Pineapple Farming)  के लिए उन्नत किस्में:

भारत में अनानास की कई किस्में प्रचलित है। इनमें जायनट क्यू, क्वीन, रैड स्पैनिश, मॉरिशस मुख्य किस्म हैं। अनानास की क्वीन किस्म बहुत जल्दी से पकने वाली किस्म है। जायनट क्यूइस किस्म की खेती पछेती फसल के रूप में की जाती है। रेड  स्पैनिशइस किस्म में रोगों का प्रकोप काफी कम होता है। इस किस्म का उपयोग ताज़े फल के रूप में किया जाता है। मॉरिशस यह एक विदेशी किस्म है। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास ( Pineapple ) की खेती के लिए ऐसे करें खेत तैयारी :

सबसे पहले ग्रीष्मकाल में मिट्टी पलटने वाले हल से खेत की गहरी जुताई करके कुछ दिन के लिए खुला छोड़ दें। खेत में गोबर की सड़ी खाद डालकर मिट्टी में मिला दें। खेत में रोटावेटर चलाकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास (Pineapple Agriculture) के पौधे का रोपण का तरीका :

अनानास के रोपाई दिसंबर-मार्च के मध्य अधिकांश क्षेत्रों में की जाती है परंतु स्थिति अनुसार इसे बदला जा सकता है। बहुत अधिक वर्षा के समय रोपाई न करें। खेत तैयार करने के बाद खेत में 90 से.मी. दूरी पर 15 से 30 से.मी. गहरी खाईयां बना लें। रोपाई के लिए अनानास के सकर, स्लीप या अनानास का ऊपरी भाग उपयोग में लाया जाता है। इसका रोपण करने से पहले इन्हें 0.2 प्रतिशत डाईथेन एम 45 के घोल से उपचारित कर लें। पौधे से पौधे की दूरी 25 से.मी., लाइन से लाइन की दूरी 60 से.मी. खाईयों के बीच रखें। (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास की खेती के लिए उर्वरक की मात्रा (Pineapple Cultivation) :

खेत की जुताई के समय ही गोबर की सड़ी खाद, वर्मी कंपोस्ट या कोई भी जैविक खाद डालकर उसे मिट्टी में मिला देना चाहिए। इसके अलावा रासायनिक खाद के रुप में 680 किलो अमोनियम सल्फेट, 340 किलो फास्फोरस और 680 किलो पोटाश साल में दो बार पौधों को देना चाहिए।(Agriculture Business Ideas)

 

अनानास ( Pineapple ) खेती में सिंचाई व्यवस्था :

यदि इसका अनानास के पौधे का रोपण बारिश के मौसम में किया जाता है तो इसमें सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। इसमें सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन विधि को अपनाना सबसे उपयुक्त रहता है। पौधों के अंकुरित होने के बाद 10-15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करते रहना चाहिए।  (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास ( Pineapple ) में रोग प्रबंधन

वैसे तो अनानास के पौधों में बहुत कम रोग लगते हैं। लेकिन कुछ रोग इस पौधे को हानि पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन रोगों से अनानास के पौधे को बचाने का उपाय करना चाहिए।

  • अनानास में जड़ गलन रोग : खेत में अधिक जलभराव की स्थिति में अनानास में जड़ गलन रोग प्रकोप होने लगता है। इस रोग की रोकथाम के लिए खेत में जल भराव नहीं होने दें ओर रोग लगने पर बोर्डों मिश्रण का छिडक़ाव खेत में करना चाहिए।  
  • अनानास में काला धब्बा : इस रोग के लगने पर पौधों की पत्तियों पर काले भूरे रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। इससे पौधे का विकास रुक जाता है। इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों पर मैंकोजेब या नीम के तेल की निर्धारित मात्रा में छिडक़ाव कराना चाहिए।(Agriculture Business Ideas)

 

अनानास की खेती (Organic Pineapple Cultivation) में लागत  :

लागत और कमाई एक हेक्टेयर खेत में 16 से 17 हजार पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे 3 से 4 टन अनानास का उत्पादन होता है। एक फल लगभग 2 किलो का होता है, जिसका मूल्य बाजार में 150-200 रुपए तक आसानी से मिल जाता है।  इसकी प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज में भी काफी अच्छी मांग है। अनानास का उपयोग जूस, डिब्बा बंद स्लाइस आदि में होता है।  (Agriculture Business Ideas)

 

अनानास की खेती (Organic Pineapple Cultivation) में कितनी होगी कमाई :

 

अनानास के पौधों पर एक ही बार फल लगते हैं। यानी आप एक लॉट में सिर्फ एक बार ही अनानास हासिल कर सकते हैं। इसके बाद दूसरे लॉट के लिए फिर से फसल उगानी होती है। कई तरह के रोगों में अनानास खाया जाता है। लिहाजा बाजार में इसकी मांग ज्यादा रहती है। बाजार में यह फल करीबन 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिक जाता है। ऐसे में अगर प्रति हेक्टेयर किसान 30 टन अनानास का भी उत्पादन करें तो लाखों रुपये की कमाई कर सकते हैं। (Agriculture Business Ideas)