सरकार GST तो लागू की है बेचने व खरीदने वालो के ऊपर, लेकिन दुकानदार इसका खुलकर दुरूपयोग कर रहे है? जागो ग्राहक जागो.

The government has implemented GST on

सरकार GST तो लागू की है बेचने व खरीदने वालो के ऊपर, लेकिन दुकानदार इसका खुलकर दुरूपयोग कर रहे है? जागो ग्राहक जागो.
सरकार GST तो लागू की है बेचने व खरीदने वालो के ऊपर, लेकिन दुकानदार इसका खुलकर दुरूपयोग कर रहे है? जागो ग्राहक जागो.

NBL, 04/12/2022, The government has implemented GST on the sellers and buyers, but the shopkeepers are openly misusing it?

भारत सरकार ने जो भारतीय नागरिको के लिए GST लागू किया है, वह बहुत ही बेहतर है, लेकिन इस जीएसटी के नाम पर आम ग्राहक को दुकानदार डरा रहे हैं, अगर आप हमसे पक्के में बिल का माँग किया तो आपको जीएसटी चार्ज लगेगा और जरूरत से अधिक रुपये आपको इस जीएसटी बिल के लिए देना पड़ेगा और पक्के जीएसटी बिल की जगह कच्ची बिल थमा दिया जा रहा है, फिर भी ग्राहकों से जीएसटी वसूल रहे हैं कच्ची बिल से दुकानदार। 

जिसको ग्राहक जान ही नहीं पा रहे हैं, इस लेख के माध्यम से आपको जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप उस दुकानदार से जीएसटी बिल माँग सकते है, और उनके बिल मे जीएसटी नंबर सही है या गलत है इसकी जानकारी व इनके शिकायत आप कहा कर सकते है और आप ग्राहकों को जागरूक होना बहुत जरूरी है और हमारे साथ व सरकार के साथ दुकानदार चीटिंग तो नहीं कर रहा हैं, इस वजह से भारत देश के विकास की गति मे कमी आयेगी और हम आम ग्राहक इन दुकानदारो के चालाकी के चन्गुल मे आकर इनके तिजौरी भरते रहेंगे और हमारे पूँजी को लूटवाते रहेंगे। 

अगर दुकानदार आपको 15 डिजिट के GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) नंबर के साथ कंप्यूटर या हाथ से बना बिल नहीं देता तो आपको मिला बिल फर्जी हो सकता है। 

देश में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू हुए काफी समय हो चुका है इसके बावजूद खरीददारों के लिए ट्रांजेक्शन बिल को लेकर हुआ ये बदलाव ज्यादा स्मूथ नहीं रहा है. वजह ये कि कई बार ग्राहकों को फर्जी बिल पकड़ा दिए जाते हैं या फिर यूं कहें कि GST के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जाते हैं. जीएसटी रजिस्ट्रेशन सभी दुकानों के लिए जरूरी नहीं है इसलिए वो आपसे GST चार्ज नहीं वसूल सकते हैं। 

कुछ तरीके है जिनसे आप इस तरह के झांसे में आने से बच सकते हैं और सही बिल की पहचान कर सकते हैं. जानिए…

जिस बिल में GSTIN नंबर मौजूद है उसमें सेंट्रल GST और स्टेट GST का अलग ब्रेक अप जरूर होना चाहिए. कई कारोबारी या दुकानदार पुरानी रसीद के जरिए ही GST की वसूली कर रहे हैं. इसमें वैट या टिन नंबर दिया होता है. ये तरीका गलत है। 

ऐसे वेरीफाई करें अपना बिल.. 

* वेबसाइट https://www.gst.gov.in ओपन करें.

* अब सर्च टैक्स पेयर ऑप्शन में जाकर सर्च बाय GSTIN/UIN पर क्लिक करें.

* अगर जीएसटी नंबर गलत है तो आपको नोटिफिकेशन मैजेस दिखेगा और सही नंबर एंटर करने को कहा जाएगा.

* अगर नंबर सही है तो उसका स्टेटस शो होगा. जिसमें कारोबार का नाम, राज्य, रजिस्ट्रेशन की तारीख, कारोबार का प्रकार-प्राइवेट या पब्लिक लिमिटेड कंपनी जैसी डिटेल्स शामिल होंगी.

* अगर वेबसाइट GSTIN/UIN वेरिफिकेशन पेंडिंग का मैसेज दिखा रही है तब भी यह सही है.

GSTIN/UIN स्ट्रक्चर... 

GSTIN/UIN के पहले दो नंबर स्टेट कोड के लिए होते हैं. हर राज्य के लिए अलग कोड तय है जैसे महाराष्ट्र का कोस 27 और दिल्ली का कोड 07 है. इसके अगले 10 अंक कारोबार मालिक या दुकान का पैन नंबर होते हैं। 

ध्यान देने वाली बात ये कि अगर दुकानदार आपको 15 डिजिट के GST नंबर के साथ कंप्यूटर या हाथ से बना बिल नहीं देता तो आपको मिला बिल फर्जी हो सकता है. कस्टमर वाणिज्य कर विभाग में इसकी शिकायत कर सकता है।