लखनपुर क्षेत्रों में धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया छेरछेरा का पर्व।

लखनपुर क्षेत्रों में धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया छेरछेरा का पर्व।

लखनपुर सितेश सिरदार:– लखनपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजातियां पौष माह की पूर्णिमा के दिन छेरछेरा पर्व मनाते हैं, लखनपुर विकासखंड के गांव- गांव में इस  परंपरा का निर्वहन बच्चों और बड़ों ने बखूबी किया, यह त्योहार इन जनजातियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जिसे बहुत ही धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ 17 जनवरी दिन सोमवार को मनाया गया। इस दिन सभी ग्रामीण लोग अपने घरों में नए चावल का चूड़ा, गुड़ तथा तेल से बने रोटी के साथ व्यंजन बनाया जिन्हें प्रसाद स्वरूप ग्रहण किया गया। बच्चों की टोलियां घर- घर गीत गाते हुए पहुंची और मुट्ठी भर अनाज मांगा इसके बाद एकत्र होकर लोगों ने एकत्र अनाज को पकाकर सामूहिक रूप से भोजन किया। बच्चे धान को दुकानों में बेचकर जो पैसा मिले उसे पाकर बहुत ही ज्यादा उत्साहित हुए। इस छेरछेरा परंपरा पर्व से भाईचारा की भावना बढ़ती है बच्चों को हर वर्ष इस छेरछेरा त्योहार का इंतजार बेसब्री से रहता है। लखनपुर जनपद के ग्राम कुंवरपुर सिरकोतंगा,  नवापारा चांदो जमंगला रजपुरी सहित आसपास के कई ग्रामो में भी इस पर्व को उल्लास पूर्वक मनाया गया। मान्यता है कि इस माह एवं त्योहार पर जो भी दान किया जाता है वह महादान होता है इसके सुखद फल की भी प्राप्ती होती हैं। आदिवासी इसी दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत भी करते हैं,और अन्नपूर्णा देवी की पूजा की जाती है। यह त्योहार फसलों के खेतों से खलिहानों में आने की खुशी की अभिव्यक्ति का भी दिन होता है। छेरछेरा त्यौहार सबकी  सामाजिक समृद्ध दानसिलता की गौरवशाली परंपरा का संवाहक है इस दिन छेरछेरा कोठी के धनला हेयर हेरा बोलते हुए गांव के बच्चे युवा महिलाएं घरों में जाकर धान और भेंट स्वरूप प्राप्त पैसा इकट्ठा करते हैं इकट्ठा किए गए धान वा राशि से वर्ष भर के लिए कार्यक्रम बनाते हैं।