सुप्रीम कोर्ट की छात्रों को बड़ी राहत: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की ये मार्क्स पॉलिसी.... नहीं घटेंगे नंबर.... SC का आदेश.... 'जो बेहतर होंगे, वही फाइनल मार्क्स'......




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नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE बोर्ड के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है। सुप्रीम कोर्ट ने CBSE स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार CBSE (केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड) 12वीं परीक्षा मामले में सुधार परीक्षा के अंकों को अंतिम मानने वाली CBSE की नीति को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया कि दोनों परीक्षाओं में जिसमें बेहतर अंक हों, उसे मंजूर करने विकल्प दिया जाए। कोर्ट ने कहा है कि इंप्रूवमेंट एग्जाम के नंबर फाइनल नहीं माने जाएंगे, बल्कि असल परीक्षा और इंप्रूवमेंट एग्जाम, दोनों में से जिसमें बेहतर नंबर होंगे, उसे अंतिम माना जाएगा। कोर्ट ने सीबीएसई की पुरानी नीति को रद्द कर छात्रों के हित में यह बड़ा फैसला लिया है।
इससे पहले बोर्ड की स्कीम के तहत इंप्रूवमेंट एग्जाम दे रहे उम्मीदवारों के सामने संशय की स्थिति रहती थी। नियम के अनुसार, इंप्रूवमेंट एग्जाम में प्राप्त स्कोर ही फाइनल माना जाता था। ऐसे में, कुछ मामलों में यह देखा गया कि छात्रों के नंबरों में सुधार होने के बजाय नंबर कम हो गए। इसी पर फैसला लेते हुए कोर्ट ने इस स्कीम को खत्म कर दिया और कहा कि जिस भी परीक्षा में बेहतर नंबर हों, उसे ही फाइनल माना जाए। जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने यह फैसला लिया है। बेंच ने कहा कि, छात्र केवल अपने ओरिजिनल स्कोर के रिजल्ट को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं और यदि उनके द्वारा इंप्रूवमेंट एग्जाम में मिले कम नंबरों पर रिजल्ट बनाया जाता है, तो उनके द्वारा लिए गए एडमिशन प्रभावित होंगे।
सीबीएसई ने अपने जवाबी हलफनामे में पीठ को बताया कि उसने अपनी नीति में आंशिक संशोधन किया है ताकि इंप्रूवमेंट परीक्षा में 'फेल' होने वाले छात्रों को अपना 'पास' रिजल्ट बरकरार रखने की अनुमति मिल सके। बेंच ने बोर्ड के वकील से कहा था कि वह अपनी इंप्रूवमेंट एग्जाम स्कीम पर पुनर्विचार के मुद्दे पर निर्णय ले। बेंच ने सीबीएसई के वकील से कहा था कि वह अपनी सुधार परीक्षा नीति पर पुनर्विचार के मुद्दे पर CBSE से निर्देश मांगे।