Sawan 2023: भगवान शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेलपत्र! जानें शास्त्रों में क्या है इसे चढ़ाने का नियम...

Sawan 2023: Why are belpatra offered to Lord Shiva! Know what is the rule of offering it in the scriptures. Sawan 2023: भगवान शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेलपत्र! जानें शास्त्रों में क्या है इसे चढ़ाने का नियम...

Sawan 2023: भगवान शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेलपत्र! जानें शास्त्रों में क्या है इसे चढ़ाने का नियम...
Sawan 2023: भगवान शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं बेलपत्र! जानें शास्त्रों में क्या है इसे चढ़ाने का नियम...

Sawan 2023 :

 

नया भारत डेस्क : भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त उन पर उनकी प्रिय चीज़ें अर्पित करते हैं. इन्हीं में से एक बेल पत्र (Belpatra) है जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. सिर्फ एक बेल पत्र चढ़ाने भर से शिव जी बेहद खुश हो जाते हैं. बेलपत्र या बिल्वपत्र हिंदू धर्म में एक प्रमुख पूजा सामग्री है और इसका महत्व प्राचीन काल से ही मान्यता प्राप्त है. यह पत्र हिंदू देवता शिव को समर्पित होता है और शिव भक्ति में इसका विशेष महत्व होता है. (Sawan 2023)

शिव जी को क्यों अर्पित किए जाते हैं बेलपत्र?

1. पौराणिक कथाओं का महत्व- हिंदू मान्यता में कई पौराणिक कथाएं शिवजी के बारे में हैं जिनमें उन्हें बेलपत्र प्रिय होने का उल्लेख किया गया है. इन कथाओं के अनुसार, शिवजी को बेलपत्र समर्पित करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्त को उनकी कृपा मिलती है. (Sawan 2023)

2. बेलपत्र की प्राकृतिक महिमा- बेलपत्र को हिंदू धर्म में प्रकृति की प्रतीकता माना जाता है.इसे सुप्रभात काल में ताजगी और सुरम्यता का प्रतीक माना जाता है. इसका अर्पण शिवजी को एक प्रकाशमय और रसिक प्रसन्नता देता है.

3. आस्था और भक्ति का प्रतीक- बेलपत्र का अर्पण शिवजी के प्रति भक्ति और आस्था का प्रतीक है. शिवजी के भक्त बेलपत्र को पूजा करके अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं और इसके माध्यम से उनसे संबंधित स्नेह, समर्पण और उनकी दिव्यता का अनुभव करते हैं. (Sawan 2023)

4. अद्वैत तत्त्व का प्रतीक- बेलपत्र को शिवजी की एकात्मता और अद्वैत तत्त्व के प्रतीक के रूप में भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि शिवजी और बेलपत्र एक ही हैं और भक्त का मन, शिवजी और प्रकृति में एकता को दर्शाता हैं.

भक्ति और पूजा की परंपरा के आधार पर हिंदू भक्त शिवजी को बेलपत्र अर्पित करते हैं। बेलपत्र का अर्पण उनकी आस्था, समर्पण और अनुष्ठान का प्रतीक होता है और शिवजी के प्रति उनकी भक्ति को प्रकट करता है.

बेलपत्र के महत्व और नियम

1. उपयुक्त बेलपत्र की पहचान- शिव पूजा के लिए बिल्वपत्र का उपयोग किया जाता है. बेलपत्र की पहचान करें और पतले, और ताज़े होने चाहिए.

2. शुद्धता का रखें ध्यान- बेलपत्र को तोड़ने से पहले और चढ़ाने से पहले अपने हाथों को धो लें. शुद्ध और स्वच्छ रहें.

3. बेलपत्र को धैर्य से तोड़ें- बेलपत्र को तोड़ने का काम आस्था और प्रेम के साथ करें. बेलपत्र को ध्यान से और सम्मानपूर्वक तोड़ें.

4. शिवलिंग पर चढ़ाएं- शिवलिंग के पास बेलपत्र को चढ़ाने से पहले, उसे साफ़ पानी से धोएं. फिर धूप, दीप और पुष्प के साथ शिवलिंग को सजाएं.बेलपत्र को ध्यान से और आदरपूर्वक शिवलिंग पर चढ़ाएँ. बेलपत्र की संख्या आपकी आस्था और समर्पण के अनुसार हो सकती है. (Sawan 2023)

5. मंत्र जप करें- बेलपत्र को चढ़ाते समय आप शिव मंत्र जप कर सकते हैं, जैसे “ॐ नमः शिवाय” या अन्य शिव संबंधित मंत्र. मंत्र जप करने से पूजा संपूर्ण मानी जाती है. (Sawan 2023)