Sahara India Scam: कब मिलेंगे लोगों को पैसे?.... इस तारीख को हाई कोर्ट में हाजिर होंगे सहारा के मालिक..... बताना होगा कब देंगे लोगों के पैसे.... जानिए Latest Update......
Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court Sahara India Case: सहारा इंडिया के प्रमुख को पटना हाईकोर्ट ने बुधवार 11 मई को हाजिर होने के लिए कहा है एवं उनसे निवेशकों के पैसे लौटाने के बारे में जवाब मांगा है. आप सहारा इंडिया में फंसे अपने पैसे को लेकर काफी परेशान हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. 11 मई को सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हर हाल में पटना हाई कोर्ट में हाजिर होना होगा एवं निवेशकों के पैसे की वापसी को लेकर जवाब भी देना होगा. मोटा रिटर्न पाने के लालच में लोगों ने सहारा (Sahara India Case) की कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया. लेकिन मैच्योरिटी पर इन कंपनियों ने निवेशकों को पैसा देने के बजाय ठेंगा दिखा दिया.




Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court
Sahara India Case: सहारा इंडिया के प्रमुख को पटना हाईकोर्ट ने बुधवार 11 मई को हाजिर होने के लिए कहा है एवं उनसे निवेशकों के पैसे लौटाने के बारे में जवाब मांगा है. आप सहारा इंडिया में फंसे अपने पैसे को लेकर काफी परेशान हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है. 11 मई को सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हर हाल में पटना हाई कोर्ट में हाजिर होना होगा एवं निवेशकों के पैसे की वापसी को लेकर जवाब भी देना होगा. मोटा रिटर्न पाने के लालच में लोगों ने सहारा (Sahara India Case) की कंपनियों में हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया. लेकिन मैच्योरिटी पर इन कंपनियों ने निवेशकों को पैसा देने के बजाय ठेंगा दिखा दिया. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)
सहारा कंपनी ने विभिन्न स्कीम में हजारों उपभोक्ताओं से निवेश के नाम पर पैसा जमा करवाया था. अवधि पूरी होने के बाद भी पैसे नहीं लौटाया. इस मामले में 2000 से अधिक लोगों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. न्यायाधीश संदीप कुमार की एकल पीठ ने याचिकाकर्ता प्रमोद कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सहारा को 27 अप्रैल तक का समय दिया था. पटना हाईकोर्ट ने सहारा सहारा (Sahara India Case) प्रमुख सुब्रत राय को 11 मई को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने राय को किसी भी तरह की रियायत देने से इनकार कर दिया. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा था कि सहारा के अधिकारी अदालत को बताएं कि वह कब और कैसे निवेशकों का भुगतान करेंगे. सहारा की तरफ से ऐसी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई. इसके बाद अदालत ने सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाजिर होने का आदेश जारी कर दिया. कोर्ट ने सारी दलील सुनने के बाद कहा कि हजारों लोगों की गाढ़ी कमाई पर कोई ऐसे कुंडली मारकर नहीं बैठ सकता. लोगों के पैसे ब्याज समेत लौटाने ही पड़ेंगे. सहारा इंडिया (Sahara India) की शुरूआत साल 1978 में हुई थी. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)
सहारा स्कैम (Sahara scam) मुख्य रूप से सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल ऐस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) से जुड़ा है. बात 30 सितंबर, 2009 की है. सहारा ग्रुप की एक कंपनी सहारा प्राइम सिटी ने अपने आईपीओ के लिए सेबी में आवेदन (DRHP) दाखिल किया था. डीआरएचपी में कंपनी से जुड़ी सारी अहम जानकारी होती है. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)
जब सेबी ने इस डीआरएचपी का अध्ययन किया, तो सेबी को सहारा ग्रुप की दो कंपनियों की पैसा जुटाने की प्रक्रिया में कुछ गलतियां दिखीं. ये दो कंपनियां SHICL और SIRECL ही थीं. बिहार के अररिया जिले के रहने वाले सुब्रत रॉय ने अपना कारोबार 1978 में 2,000 रुपये की रकम लगाकर यूपी के गोरखपुर से शुरू किया था. उन्होंने लोगों से पैसा जमा करने की एक स्कीम से शुरुआत की. इस पर 1979-80 में पाबंदी लग गई और तुरंत पैसा वापस करना पड़ा. फिर उन्होंने हाउसिंग फाइनेंस कंपनी शुरू की, जिसके लिए बाजार से पैसा उगाहने की कोई सीमा नहीं थी. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)
उनका यह काम चल निकला. बढ़ते-बढ़ते सहारा देश की टॉप की कंपनियों में शामिल हो गई. एक समय सहारा की कंपनियों में इंडियन रेलवे के बाद सबसे ज्यादा कर्मचारी काम करते थे. मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. ऐसे भी संभावना जताई गई कि सहारा ग्रुप द्वारा काले धन को छिपाने के लिए बड़े स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग की गई. सुप्रीम कोर्ट ने जब फंड के सोर्स के बार में सबूत मांगे, तो समूह कोर्ट को संतुष्ट करने में विफल रहा. अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों कंपनियों को सेबी के साथ निवेशकों का पैसा तीन महीने के अंदर 15 फीसद ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया. (Sahara India, Sahara Scam, Sahara SEBI Case, Subrata Roy, Sahara Group, appear in high court)