पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर नाट्य प्रस्तुतियों द्वारा विज्ञान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर नाट्य प्रस्तुतियों द्वारा विज्ञान के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

जगदलपुर। शासकीय काकतीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जगदलपुर में चल रहे राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अंतर्गत 14 से 28 फरवरी तक प्रतिदिन विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रमों की श्रृंखला में दिनांक 25.02.2022 को इस वर्ष के विषय “भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण” को ध्यान में रखते हुए भौतिकी विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं द्वारा नाट्य प्रस्तुतियां दी गई।

कार्यक्रम के आरंभ में भौतिक विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अभिषेक बाजपेयी ने कहा कि भारत में हर वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्यूंकि इसी दिन प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक सीवी रमन ने रमन इफेक्ट का ऐलान किया था। जिसके लिए उन्हें साल 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके बाद साल 1986 से हर साल 28 फरवरी का दिन सीवी रमन द्वारा रमन इफेक्ट की खोज के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के तौर पर मनाया जाएगा। इस दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों में विज्ञान के प्रति रूचि बढ़ाने और समाज में जागरूकता लाना है। उन्होंने छात्रों से विज्ञान से जुड़ने की बात कही साथ ही कहा कि विज्ञान ना केवल किताबों तक सीमित रहे बल्कि आमजन में भी वैज्ञानिक स्वभाव की प्रवृत्ति बढ़े। 

कार्यक्रम के पहली प्रस्तुति के रूप में "दैनिक जीवन में विज्ञान" पर आधारित एक नाटक छात्रों में मध्य प्रस्तुत की गयी जिसमें भौतिकी विज्ञान से जुड़े दैनिक जीवन के तथ्यों को आकर्षक रूप से रखा गया। इस नाटक में गुरुत्वाकर्षण बल, घर्षण, ऊष्मागतिकी के नियम एवं न्यूटन के नियमों को नाटकीय रूप में सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की। इस नाटक में भूमिका, रंजना, धनमनी, वंदना, भावना, प्रीति, शेषलाल, शुभम, मिहिर तथा भोलेनाथ ने मुख्य भूमिका अदा की।

इसके पश्चात एक नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी गई जिसमें प्रदूषण और पर्यावरण से जुड़े बातों को रखा गया और जन जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की गई। इसके अंतर्गत ‘मानव द्वारा फैलाया गया प्रदूषण मानव के लिए ही नुकसानदायक है तथा इसे स्वयं मानव ही सुधार सकता है’ विचार को रखते हुए नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी। नुक्कड़ नाटक में आयुषी, पल्लवी, अनुभूति, पिंकी, शेषलाल, मिहिरी, निशांत, आरती, प्रीति, मधु तथा शिवानी ने मुख्य भूमिका अदा की।

कार्यक्रम की अगली कड़ी में छात्रों द्वारा भारतीय संस्कृति के रीति-रिवाजों के पीछे के वैज्ञानिक महत्त्व को बताया गया। जिसके अंतर्गत मेहंदी लगाने, बड़ों के पैर छूने, मंदिर की घंटियों की आवाज, पीपल के पेड़ के महत्व आदि के पीछे छिपे विज्ञान को सरल शब्दों में सबसे साझा किया गया।

कार्यक्रम का संचालन बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा आयुषी ठाकुर द्वारा किया गया एवं धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समन्वयक प्रो. ए.एस. झा ने किया. इस कार्यक्रम में प्रो. विमल रात्रे, डॉ सनत साहू, प्रो. एफ.आर. साहू, डॉ. मो. शोएब अंसारी, प्रो. अखिलेश चंदेल तथा अधिक संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।